अंब में शौचालय निर्माण में धांधली:वार्ड पंच के घर में बना दिए, सरकार ने जारी किए थे 2.10 लाख रुपए
हिमाचल प्रदेश के उपमंडल अंब की लडोली पंचायत में एक घोटाला सामने आया है। पंचायत प्रधान ने संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए मिले 2.10 लाख रुपए का दुरुपयोग कर दिया। प्रधान ने इन शौचालयों का निर्माण वार्ड पंच के निजी आवास में करवा दिया। फरवरी 2021 में लडोली पंचायत को सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए 2.10 लाख रुपए की राशि आवंटित की गई थी। नियमानुसार, सामुदायिक शौचालयों का निर्माण पंचायती भूमि पर किया जाना चाहिए और इनका मुख्य द्वार सार्वजनिक रास्ते की ओर होना चाहिए, ताकि आम जनता इनका उपयोग कर सके। लेकिन यहां न केवल शौचालय वार्ड पंच के आंगन में बनाए गए, बल्कि इनके दरवाजे भी उनके आंगन की तरफ लगाए गए। अगस्त 2023 में गांव के काबल सिंह ने इस मामले की शिकायत जिला पंचायत अधिकारी से की। शिकायत के बाद जांच के आदेश बीडीओ अंब को दिए गए, लेकिन 6 महीने तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। विवाद बढ़ने पर जनवरी 2024 में विभाग ने जांच की। जांच में पता चला कि जिस क्षेत्र में शौचालय बनाए गए हैं, वहां के अधिकांश घरों में पहले से ही शौचालय मौजूद हैं। मामले में दिलचस्प मोड़ तब आया जब वार्ड पंच ने 31 जनवरी 2024 को अपनी निजी भूमि को पंचायत के नाम कर दिया। यह कार्रवाई शिकायत दर्ज होने के करीब 5 महीने बाद की गई। इस प्रकरण में न केवल पंचायत प्रधान की भूमिका संदिग्ध है, बल्कि विकास खंड कार्यालय अंब की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे हैं। विकास खंड अधिकारी ओमपाल डोगरा का कहना है कि संपूर्ण स्वच्छता अभियान ग्रामीण के तहत बने इन शौचालयों के निर्माण में नियमों की अनदेखी हुई है। जिस जगह पर इनका निर्माण किया गया है, उससे स्पष्ट होता है कि शौचालय व्यक्ति विशेष को लाभ देने के नजरिए से बनाए गए हैं। मामले की जांच रिपोर्ट को आगामी कार्यवाही के लिए उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया है।

अंब में शौचालय निर्माण में धांधली: वार्ड पंच के घर में बना दिए, सरकार ने जारी किए थे 2.10 लाख रुपए
शौचालय निर्माण में धांधली का मामला हाल ही में अंब क्षेत्र में सामने आया है, जहां वार्ड पंच के घर में शौचालय का निर्माण किया गया है। इस घोटाले की जांच अब तेजी से चल रही है, क्योंकि सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने जानकारी दी है कि इस योजना के तहत 2.10 लाख रुपए जारी किए गए थे, जिसका उपयोग सही तरीके से नहीं किया गया।
वार्ड पंच की भूमिका और जिम्मेदारियाँ
वार्ड पंच के रूप में, यह उनकी जिम्मेदारी होती है कि वे सरकारी संसाधनों का सही ढंग से उपयोग सुनिश्चित करें। लेकिन यदि वह खुद अपने घर में शौचालय बनाते हैं और सरकारी धन का उपयोग गलत तरीके से करते हैं, तो यह न केवल भ्रष्टाचार है, बल्कि स्थानीय लोगों के साथ धोखा भी है। स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है और न्याय की मांग कर रहे हैं।
सरकारी योजना का उद्देश्य
सरकार ने शौचालयों का निर्माण करने के लिए विभिन्न योजनाएँ बनाई हैं ताकि स्वच्छता को बढ़ावा दिया जा सके और हर घर में शौचालय उपलब्ध हो सके। लेकिन इस मामले ने सरकार की योजनाओं पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। ऐसे मामले पूर्व में भी सामने आते रहे हैं, और लोगों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने में यह रुकावटें लगातार बनी रहती हैं।
जांच प्रक्रिया की जानकारी
स्थानीय प्रशासन अब इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के लिए तत्पर है। अधिकारियों ने कहा है कि जांच में शामिल सभी पक्षों को समन भेजा जाएगा और घोटाले से जुड़े सभी व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, लोगों को विश्वास दिलाया गया है कि जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें तत्काल दंडित किया जाएगा।
यह मामला केवल एक वार्ड पंच का नहीं है, बल्कि यह शासन व्यवस्था की में चल रही धांधलियों को उजागर करता है। जनता की आवाज उठाने और सही जानकारी प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय निवासी संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। अब यह देखना रोचक होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या वास्तविक सुधार देखने को मिलते हैं।
सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे ऐसे मामलों की जानकारी साझा करें और स्थानीय प्रशासन को सक्रिय बनाएं।
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