बाराबंकी के नए DM बने UPSC टॉपर शशांक त्रिपाठी:IIT कानपुर से पढ़े, विदेशी नौकरी छोड़ UPSC में लाई थी 5वीं रैंक
बाराबंकी को नए जिलाधिकारी के रूप में यूपीएससी 2015 बैच के टॉपर शशांक त्रिपाठी ने आज पदभार संभाल लिया है। पदभार ग्रहण करने के बाद त्रिपाठी ने कहा कि जिले में सरकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन उनकी प्राथमिकता होगी। वे सत्येंद्र कुमार झा का स्थान लेंगे, जिन्हें 15 महीने के कार्यकाल के बाद मुख्यमंत्री के विशेष सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। कानपुर के मूल निवासी शशांक त्रिपाठी की शिक्षा का सफर बेहद रोचक रहा है। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा नवाबगंज के दीनदयाल उपाध्याय स्कूल से प्राप्त की। 2013 में आईआईटी कानपुर से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने विदेश में करोड़ों की नौकरी की। हालांकि, प्रशासनिक सेवा में जाने की चाह ने उन्हें यूपीएससी की तैयारी की ओर प्रेरित किया। त्रिपाठी ने नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी की। दोहरी जिम्मेदारी के बावजूद उन्होंने अपना हौसला नहीं खोया और दूसरे प्रयास में 2015 में पांचवीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की। एक प्रतिभाशाली अधिकारी के रूप में उनकी नियुक्ति से बाराबंकी में विकास कार्यों को नई गति मिलने की उम्मीद है।

बाराबंकी के नए DM बने UPSC टॉपर शशांक त्रिपाठी
उप-मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बाराबंकी ने एक नई शुरुआत की है, जब जिले के नए DM नियुक्त हुए हैं, शशांक त्रिपाठी। यह युवा प्रशासनिक अधिकारी न केवल अपनी कड़ी मेहनत के लिए जाने जाते हैं, बल्कि उन्होंने यूपीएससी में हासिल की गई 5वीं रैंक से सबको प्रभावित किया है। शशांक ने IIT कानपुर से अपनी शिक्षा पूरी की और इसके बाद अपनी विदेशी नौकरी को छोड़कर UPSC की तैयारी करने का निर्णय लिया। यह उनके दृढ़ संकल्प और ललक का एक बड़ा उदाहरण है।
शशांक त्रिपाठी का शैक्षणिक सफर
शशांक त्रिपाठी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से अपनी पहचान बनाई। IIT कानपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में अपनी नौकरी शुरू की। लेकिन उनके मन में प्रशासनिक सेवा में जाने का ख्वाब था। इसके चलते उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी करने का निर्णय लिया, जिसने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
UPSC परीक्षा में सफलता
UPSC परीक्षा भारत में एक अत्यंत प्रतिस्पर्धी परीक्षा है, जिसमें लाखों अभ्यर्थी भाग लेते हैं। शशांक ने इस परीक्षा में 5वीं रैंक प्राप्त की, जो न केवल उनके ज्ञान और क्षमताओं का प्रमाण है, बल्कि उनकी कठिनाइयों को पार करने की क्षमता का भी परिचायक है। उनका यह सफलता का सफर युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
आगामी चुनौतियाँ और प्राथमिकताएँ
अब जब शशांक त्रिपाठी बाराबंकी के DM बन चुके हैं, तो उनकी प्राथमिकता होगी कि वे विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाएँ। उनका लक्ष्य होगा कि वे जिले की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार लाएँ और जनता के साथ सीधे संवाद करें। ऐसे में उनकी सोच और दृष्टिकोण से बाराबंकी का भविष्य उज्ज्वल दिखाई दे रहा है।
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