शॉर्ट अटेंडेंस को लेकर विद्यार्थी परिषद ने:मुरादाबाद के केंद्रीय विद्यालय में उपस्थिति पूरी नहीं होने पर छात्रों को परीक्षा से रोका गया
मुरादाबाद में शॉर्ट अटेंडेंस की वजह से 20 से अधिक छात्रों को परीक्षा देने से रोक दिया गया। मामला केंद्रीय विद्यालय का है। इसके विरोध में विद्यार्थी परिषद ने स्कूल के गेट पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि छात्रों को परीक्षा देने से न रोका जाए। बताया जा रहा कि बीमारी के चलते बच्चे स्कूल नहीं जा पाए। जिसके कारण स्कूल प्रशासन ने उन्हें शॉर्ट अटेंडेंस कर दिया। तथा उन्हें एग्जाम हॉल में नहीं बैठने दिया। मामला मुरादाबाद के ताज बैंकट हरथला कालोनी स्थित केंद्रीय विद्यालय का है जहां सुबह करीब 7:00 बजे 9वीं.. 11वीं कक्षा के बच्चे एग्जाम देने आए थे जिनको शॉर्ट अटेंडेंस के कारण एग्जाम देने से रोक लिया। वही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महानगर मंत्री गौरव ने बताया की कुछ छात्र बीमारी के कारण से स्कूल नहीं आ पाए ,उन्होंने समय से पहले अपना मेडिकल जमा कर दिया था, स्कूल वालों ने बच्चों की शॉर्ट अटेंडेंस लगा दी है, छात्रों को परीक्षा देने से वंचित कर दिया गया है छात्रों के भविष्य के साथ केंद्रीय विद्यालय का प्रशासन उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है, कक्षा 9 और 11 के करीब 22 छात्र सुबह 7:30 करीब छात्र स्कूल में परीक्षा देने के लिए आए थे उन छात्रों को स्कूल के अंदर परीक्षा देने के लिए प्रवेश नहीं दिया गया, केंद्रीय विद्यालय की प्रधानाचार्य छुट्टी पर हैं। यहां पर न तो कोई जिम्मेदार व्यक्ति है, और न ही अभी तक किसी ने कोई वार्ता की है, हम लोगों की मांग है कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करके उनकी परीक्षा दिलाई जाए। तथा भारतीय विद्यार्थी परिषद ने केंद्रीय विद्यालय का प्रशासन पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।

शॉर्ट अटेंडेंस को लेकर विद्यार्थी परिषद की आवाज़: केंद्रीय विद्यालय मुरादाबाद में छात्रों को परीक्षा से रोका गया
News by indiatwoday.com
मुरादाबाद में छात्रों की उपस्थिति की समस्या
हाल ही में मुरादाबाद के केंद्रीय विद्यालय में शॉर्ट अटेंडेंस को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है। विद्यार्थी परिषद ने इस विषय पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कई छात्रों को उनकी उपस्थिति पूरी नहीं होने पर परीक्षा में बैठने से रोका गया है। परिषद का कहना है कि ऐसी घटनाएँ छात्रों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
विद्यार्थी परिषद का प्रतिक्रिया
विद्यार्थी परिषद का कहना है कि यह एक अन्याय है और छात्रों को उचित अवसर मिलना चाहिए। परिषद के सदस्यों ने स्कूल प्रशासन से अपील की है कि कटौती का मामला दोबारा देखा जाए और अगर कोई छात्र विश्वास के साथ उपस्थिति नहीं ले चुका है, तो उसे परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाना चाहिए।
छात्रों की समस्याएँ
कई छात्रों ने अपनी पीड़ा साझा की है कि विभिन्न कारणों से उनकी उपस्थिति कम रही है, जैसे कि स्वास्थ्य समस्याएँ, परिवार की स्थिति, या अन्य वैध कारण। छात्रों का कहना है कि उन्हें इस मामले में सुनवाई नहीं मिली और इससे उनकी पढ़ाई पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
समाधान की दिशा में कदम
विद्यार्थी परिषद ने स्कूल प्रशासन से मिलकर समस्या का समाधान निकालने का निर्णय लिया है। वे इस मामले को शिक्षा विभाग के समक्ष भी उठाने की योजना बना रहे हैं, ताकि भविष्य में किसी और छात्र को इस तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
जिन छात्रों को परीक्षा में हिस्सा लेने से रोका गया है, उनके लिए यह एक बड़ा झटका है। परिषद ने सभी छात्रों को निष्पक्षता और न्याय के लिए एकजुट होने का आह्वान किया है।
कुल मिलाकर
केंद्रीय विद्यालय मुरादाबाद में छात्रों की उपस्थिति को लेकर जो मुद्दा उठाया गया है, वह विद्यार्थियों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक आवश्यक कदम प्रतीत होता है। परिषद और छात्रों की संयुक्त आवाज़ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।
अभी के लिए, हम आशा करते हैं कि स्कूल प्रशासन इस मुद्दे पर संवेदनशीलता के साथ विचार करेगा और छात्रों को उनके भविष्य के निर्माण में मदद करेगा। Keywords: मुरादाबाद केंद्रीय विद्यालय, विद्यार्थी परिषद, शॉर्ट अटेंडेंस, परीक्षा में रोक, छात्र अधिकार, विद्यालय उपस्थिति विवाद, शिक्षा विभाग, छात्र समस्याएँ, समाधान की दिशा, छात्र एकजुटता
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