साइबर ठगी का शिकार हुआ युवक:पुलिस ने की मदद, 10 हजार रुपए खाते में वापस कराए

कानपुर देहात में साइबर ठगी का एक मामला सामने आया, जिसमें पुलिस की त्वरित कार्रवाई से पीड़ित को राहत मिली। फत्तेपुर रास्तपुर गांव के निवासी अंकित के यूपी ग्रामीण बैंक खाते से 10 जनवरी को साइबर ठगों ने 10 हजार रुपये निकाल लिए थे। घटना का पता चलते ही अंकित ने साइबर धोखाधड़ी की राष्ट्रीय हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। शिवली कोतवाली की साइबर सेल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मामले को गंभीरता से लिया। साइबर हेल्प डेस्क ने संबंधित बैंकों से समन्वय स्थापित कर तकनीकी विश्लेषण किया और धोखाधड़ी में शामिल खातों को ट्रैक किया। कार्यशैली की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया पुलिस की कुशल कार्यवाही के चलते मात्र 24 घंटों के भीतर ही अंकित के खाते में पूरी राशि वापस करवा दी गई। इस सफलता से जहां पीड़ित को बड़ी राहत मिली, वहीं साइबर अपराधों से निपटने में पुलिस की क्षमता भी उजागर हुई। अंकित ने पुलिस की तत्परता और प्रोफेशनल कार्यशैली की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। यह घटना साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता और त्वरित कार्रवाई के महत्व को रेखांकित करती है। साथ ही यह भी दर्शाती है कि साइबर अपराधों से पीड़ितों को समय पर मदद मिलने से उनकी वित्तीय क्षति को रोका जा सकता है।

Jan 18, 2025 - 12:15
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साइबर ठगी का शिकार हुआ युवक:पुलिस ने की मदद, 10 हजार रुपए खाते में वापस कराए
कानपुर देहात में साइबर ठगी का एक मामला सामने आया, जिसमें पुलिस की त्वरित कार्रवाई से पीड़ित को रा

साइबर ठगी का शिकार हुआ युवक:पुलिस ने की मदद, 10 हजार रुपए खाते में वापस कराए

हाल ही में एक युवक ने साइबर ठगी का शिकार होने का अनुभव साझा किया, जिसमें उसके खाते से 10 हजार रुपए गायब हो गए थे। यह घटना तब सामने आई जब उसने एक फर्जी कॉल के माध्यम से संपर्क किया गया। युवा ने अपनी कहानी साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार ठगों ने उसे अपने जाल में फंसाया।

साइबर ठगी का मामला

साइबर ठगों के द्वारा लोगों को लालच देने की यह एक सामान्य प्रवृत्ति बन चुकी है। युवक ने बताया कि उसे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसमें उसे एक विजेता बताकर पैसे जीतने का लालच दिया गया। ठग ने उसे विश्वास दिलाने के लिए कई चालाकी भरे तरीके अपनाए, जिसके कारण युवक ने अपने खाते की जानकारी और OTP शेयर कर दिया।

पुलिस की मदद

दुखद अनुभव के बाद, युवकों ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू की। अधिकारियों ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज की और कुछ ही समय में युवक के खातें से गायब हुई राशि को वापस कराने के लिए उपाय निकाले। पुलिस ने ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।

पुलिस की तत्परता ने दिलाई राहत

महत्वपूर्ण तकनीकी उपायों का उपयोग करते हुए, पुलिस ने केवल तीन दिनों में 10 हजार रुपए युवक के खाते में वापस लौटाए। यह मामला न केवल युवक के लिए बल्कि अन्य लोगों के लिए भी एक चेतावनी बन गया है कि उन्हें इस तरह के ठगी से सावधान रहना चाहिए।

ध्यान देने योग्य बातें

अगर आप कभी भी ऐसे किसी कॉल का सामना करें, तो जरूरी है कि आप सतर्क रहें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह साइबर ठगी के बढ़ते मामलों में से एक है, और इसी तरह की घटनाओं में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

इसके साथ ही, संबंधित अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अपने बैंक और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं। यदि आप भी साइबर ठगी का शिकार होने की स्थिति का सामना करते हैं, तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें।

समग्रता में, युवकों की साहसिकता और पुलिस की तत्परता ने एक सकारात्मक परिणाम दिखाया। इस घटना ने आवश्यक जानकारी को साझा करने और सकरात्मक कार्रवाई करने की महत्ता को दोबारा उजागर किया है।

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