पढ़ाई से परेशान दो स्कूली बच्चे घर से भागे:8वीं के छात्रों को पुलिस ने किया बरामद, माता-पिता से मांगी माफी

मुंगराबादशाहपुर में पढ़ाई के दबाव से परेशान होकर दो स्कूली छात्र घर से भाग गए। रामनगर मझगवां के रहने वाले 13 वर्षीय अंकित पटेल और 12 वर्षीय सुजीत कुमार, जो कक्षा 8 के छात्र हैं, गुरुवार की सुबह साइकिल से स्कूल जाने के बहाने निकले और वापस नहीं लौटे। परिजनों की चिंता तब और बढ़ गई जब दोनों छात्रों ने सोशल मीडिया पर एक संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने एक पत्र छोड़ने की बात कही। पत्र में उन्होंने अपने माता-पिता से माफी मांगी और उन्हें न ढूंढने की विनती की। मामले की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी विनोद कुमार मिश्र ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। जांच में पता चला कि गांव के दो युवकों ने बच्चों को नया सिम कार्ड दिलाने में मदद की थी। पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस की मदद से दोनों बच्चों की लोकेशन मछलीशहर के एक गांव में ट्रेस की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को सकुशल बरामद कर लिया। पूछताछ में बच्चों ने स्वीकार किया कि पढ़ाई का अत्यधिक दबाव होने के कारण उन्होंने यह कदम उठाया। थानाध्यक्ष विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि परिजनों के अनुरोध पर बच्चों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और उन्हें सकुशल उनके परिवार को सौंप दिया गया। यह घटना शैक्षणिक दबाव के कारण बच्चों पर पड़ने वाले मानसिक तनाव की ओर इशारा करती है।

Jan 25, 2025 - 20:00
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पढ़ाई से परेशान दो स्कूली बच्चे घर से भागे:8वीं के छात्रों को पुलिस ने किया बरामद, माता-पिता से मांगी माफी
मुंगराबादशाहपुर में पढ़ाई के दबाव से परेशान होकर दो स्कूली छात्र घर से भाग गए। रामनगर मझगवां के र
पढ़ाई से परेशान दो स्कूली बच्चे घर से भागे: 8वीं के छात्रों को पुलिस ने किया बरामद, माता-पिता से मांगी माफी News by indiatwoday.com

हाल ही में, एक चिंताजनक घटना सामने आई है जिसमें दो 8वीं कक्षा के छात्रों ने पढ़ाई के बोझ के कारण घर से भागने का फैसला किया। यह घटना उस समय हुई जब बच्चों ने महसूस किया कि वे पढ़ाई के दबाव का सामना नहीं कर पा रहे थे और घर से निकलने का निर्णय लिया।

बच्चों का घर से भागने का कारण

बच्चों की पढ़ाई का दबाव और स्कूल की प्रतियोगिताओं ने उनकी मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाला। कई विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली में बच्चों के लिए अत्यधिक प्रतिस्पर्धा और उच्च अपेक्षाएं स्थायी तनाव का कारण बन रही हैं।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने बच्चों को तब बरामद किया जब उनके माता-पिता ने उन्हें खोजने के लिए शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थानीय पार्क में दोनों बच्चों को खोज निकाला। बच्चों ने पुलिस के सामने घर लौटने पर सहमति जताई और अपने माता-पिता से माफी मांगी।

अभिभावकों की चिंताएं

इस घटना के बाद, बच्चों के माता-पिता ने चिंता जताई और कहा कि उन्हें अपने बच्चों के मनोबल और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों को बच्चों के लिए स्व-संरक्षण और तनाव प्रबंधन के कार्यक्रमों को लागू करना चाहिए।

समाज की ज़िम्मेदारी

इस मामले ने समाज में एक महत्वपूर्ण चर्चा शुरू की है कि कैसे माता-पिता और शिक्षक बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल कर सकते हैं। हमें बच्चों को सुनने की जरूरत है और उनकी भावनाओं को समझना चाहिए।

निष्कर्ष

इस प्रकार की घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि पढ़ाई से अधिक महत्वपूर्ण बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ, मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान दिया जाए। Keywords: बच्चों का घर से भागना, पढ़ाई का दबाव, पुलिस द्वारा बच्चों की बरामदगी, माता-पिता की चिंता, छात्रों की भलाई, मानसिक स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा में सुधार, बच्चों का तनाव प्रबंधन, किशोरों की समस्याएं, पढ़ाई और मनोबल

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