श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे का बेटा गिरफ्तार:दादी के नाम पर जमीन खरीदकर फंसे, पुलिस का आरोप- हवाला के पैसे से संपत्ति बनाई
श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे योशिता राजपक्षे को पुलिस ने शनिवार को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। डेली मिरर के मुताबिक योशिता पर आरोप है कि जब उनके पिता राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने अवैध तरीके से संपत्ति खरीदी। महिंदा राजपक्षे 2005 से 2015 तक राष्ट्रपति पद पर रहे थे। योशिता महिंदा राजपक्षे के तीन बेटों में दूसरे नंबर पर हैं। पुलिस प्रवक्ता SSP बुद्धिका मनथुंगा ने कहा कि राजपक्षे को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत उनके होम टाउन बेलिएट्टा से गिरफ्तार किया गया। योशिता को कोलंबो में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के बाद 27 जनवरी तक रिमांड पर लिया गया है। आपराधिक जांच विभाग ने पिछले सप्ताह भ्रष्टाचार के मामले में महिंदा राजपक्षे के भाई और पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से भी पूछताछ की थी। दादी के नाम पर जमीन खरीद कर फंसे योशिता अटॉर्नी जनरल ने शनिवार को CID को योशिता की गिरफ्तारी का निर्देश दिया था। यह पूरा मामला डेजी फॉरेस्ट से जुड़ा है। डेजी महिंदा राजपक्षे की मां हैं। योशिता पर आरोप है कि उन्होंने अपनी दादी के नाम पर माउंट लाविनिया में एक जमीन खरीदी थी। पुलिस उस जमीन को खरीदने में इस्तेमाल हुए पैसे की जांच कर रही है। मामले की जांच मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की जा रही है। पिछले साल नवम्बर में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की सरकार के सत्ता में आने के बाद से राजपक्षे परिवार की मुसीबत बढ़ गई है। दिसानायके ने महिंदा राजपक्षे के राष्ट्रपति पद के दौरान गलत काम करने वाले सभी आरोपियों को जेल भेजने का वादा किया था। पिछले महीने राजपक्षे के सबसे बड़े बेटे और विधायक नमल राजपक्षे से भी पुलिस ने एक और संपत्ति मामले में पूछताछ किया था। इससे पहले महिंदा राजपक्षे ने शुक्रवार को अपनी सुरक्षा बहाल करने और इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सरकार बोली- ये बदले की कार्रवाई नहीं श्रीलंकाई सरकार के मंत्री नलिंदा जयतिसा ने दावा किया कि योशिता को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार नहीं किया गया है क्योंकि वे पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे हैं। बल्कि उनकी गिरफ्तारी इसलिए हुई है क्योंकि उन्होंने अवैध तरीके से जमीन खरीदी है। उन्होंने कहा कि हाल में हुई गिरफ्तारियों के पीछे कोई राजनीतिक साजिश नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर किसी ने अवैध रूप से या संदिग्ध तरीके से जमीन या संपत्ति खरीदी है और ऐसे मामलों में CID जांच की जाती है।" मंत्री ने कहा कि जो जांच शुरू हुई है वह जारी है। जल्द ही उन्हें जमानत मिल जाएगी। लेकिन, मुकदमा जारी रहेगा। कानून को लागू करना न्यायपालिका का कर्तव्य है। सरकार केवल इसमें मदद करती है। पूर्व नौसेना अधिकारी रहे हैं योशिता योशिता राजपक्षे श्रीलंका नौसेना में एक लेफ्टिनेंट कमांडर के पद पर काम कर चकुे हैं। इन्होंने श्रीलंका के प्रधानमंत्री के मुख्य कर्मचारी के रूप में भी काम किया है। फिर वे राष्ट्रपति के सहायक के रूप में भी नजर आए। योशिता श्रीलंका राष्ट्रीय रग्बी यूनियन टीम और नेवी एससी रग्बी टीम के पूर्व कप्तान भी रह चुके हैं। दिसानायके सरकार ने महिंदा राजपक्षे की सुरक्षा को काफी कम कर दिया है। राजपक्षे की सुरक्षा में पहले 350 सैनिक रहा करते थे जो कि अब सिर्फ 60 रह गए हैं। राजपक्षे ने दावा किया कि लिट्टे से उनकी जान को खतरा है। उन्होंने मामले में प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या, कैबिनेट और रक्षा प्रतिष्ठान को प्रतिवादी बनाया है।

श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे का बेटा गिरफ्तार
श्रीलंका में राजनीतिक हलचल के बीच, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे, याशोधरा राजपक्षे को गिरफ्तार किया गया है। यह आरोप है कि उन्होंने अपनी दादी के नाम पर जमीन खरीदकर अनियमितताओं में संलिप्तता दिखाई है। पुलिस ने यह भी दावा किया है कि याशोधरा ने हवाला के पैसे का उपयोग कर संपत्तियों का निर्माण किया है।
अरेस्ट का कारण और आरोप
याशोधरा राजपक्षे की गिरफ्तारी स्थानीय पुलिस द्वारा की गई है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, याशोधरा ने हवाला के जरिए बड़ी मात्रा में धनराशि जुटाई और इसे जमीन खरीदने में लगाया। यह घटना श्रीलंका के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है और इससे राजपक्षे परिवार की छवि पर असर पड़ सकता है।
राजनीतिक संदर्भ
राजपक्षे परिवार का श्रीलंका में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक स्थान है, और उनकी गिरफ्तारी ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। महिंदा राजपक्षे, जो खुद भी विवादों में घिरे रहे हैं, ने अपने बेटे की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की है। ऐसे में इस घटना से श्रीलंका की राजनीति में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
पुलिस जांच और अगली कार्रवाई
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जांच जारी रहेगी और यदि आवश्यक हुआ तो और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले की गहराई में जाते हुए पूरे मामले की सच्चाई को उजागर करेंगे।
समाचार का महत्व
यह घटना राजनीतिक दृष्टिकोण से केवल राजपक्षे परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे श्रीलंका के लिए महत्वपूर्ण है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि देश में राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम कितनी गंभीर है।
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