पीलीभीत में राजमिस्त्री ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान:पिता का आरोप- ससुरालियों की प्रताड़ना से तंग आकर की आत्महत्या
पीलीभीत के जहानाबाद क्षेत्र में पीलीभीत-बरेली रेल खंड पर ललौरीखेड़ा के पास एक राजमिस्त्री ने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। मृतक की पहचान सेई कल्याणपुर खास निवासी अमन कुमार (36) के रूप में हुई है। मृतक के पिता सुरेश चंद ने बताया कि अमन की शादी 2016 में थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला से हुई थी। कुछ समय बाद पति-पत्नी के बीच विवाद शुरू हो गया। ससुराल पक्ष ने अमन और उसके परिजनों पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया। जनवरी से उसकी पत्नी मायके में रह रही थी। पिता के अनुसार, अमन इस स्थिति से अवसादग्रस्त था। एक सप्ताह पहले वह अपने बच्चों से मिलने ससुराल गया। लेकिन उसे वहां से भगा दिया गया। तीन दिन पहले ललौरीखेड़ा बाजार में पति-पत्नी के बीच कहासुनी भी हुई थी। मंगलवार को वह एक स्कूल में काम करने गया था, जहां से यह घटना घटी। थाना प्रभारी मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। मृतक के पिता की तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पीलीभीत में राजमिस्त्री ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान
हाल ही में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक दुखद घटना घटित हुई है, जहां एक राजमिस्त्री ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों का कहना है कि युवक ने अपनी जान ससुरालियों की प्रताड़ना के कारण दी है।
पिता का आरोप: ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर की आत्महत्या
इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए मृतक के पिता ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को ससुराल वालों द्वारा मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने कई बार ससुरालियों के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। अंत में, वह इतनी हताश हो गए कि उन्होंने इस कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया।
स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। समाज में इस प्रकार की घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं, जिसमें घरेलू हिंसा और मानसिक प्रताड़ना की समस्या को उठाते हैं।
घटनास्थल पर लोगों की भीड़
जैसे ही घटना की खबर फैली, घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। स्थानीय लोगों ने इस प्रकार की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और ससुरालियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वे मानसिक स्वास्थ्य और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं।
सीखें और जागरूकता बढ़ाएं
इस दुखद घटना से हमें यह सीखने की जरूरत है कि हम मानसिक स्वास्थ्य और घरेलू हिंसा की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते। समाज में जागरूकता फैलाने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा। किसी भी प्रकार की प्रताड़ना या मानसिक तनाव को सहन न करें, इसके लिए परिवार और दोस्तों से मदद मांगें।
इस प्रकार की घटनाओं के रोकथाम के लिए हमें एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में काम करना चाहिए। आइए, हम एक ऐसे समाज का निर्माण करें जहां हर व्यक्ति सुरक्षित और सम्मानित महसूस करे।
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