पुलिस कमिश्नर आगरा ने हाईकोर्ट में बिना शर्त मांगी माफी:इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई पेशी, कहा अदालत से जारी सम्मन, गैर जमानती वारंट नहीं मिला

इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुलिस कमिश्नर आगरा जे रविंदर गौड ने अपनी ग़लती की बिना शर्त माफी मांगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति ए के सिंह देशवाल ने चेतावनी देते हुए प्रकरण समाप्त करते हुए याचिका गुण-दोष पर निस्तारित कर दी। एसएसपी /पुलिस कमिश्नर आगरा ने कोर्ट को हलफनामा देकर कहा कि आगरा की अदालत से जारी कोई भी सम्मन, जमानती या गैर जमानती वारंट सदर बाजार थाने को नहीं मिला। जिसके कारण आदेश का अनुपालन करने व अभियुक्त की कोर्ट में पेशी की कार्यवाही नहीं की गई। इस पर कोर्ट ने जिला जज आगरा से रिपोर्ट मांगी।जिला जज ने पुलिस कमिश्नर के हलफनामे को ग़लत करार देते हुए कहा कि सम्मन सदर बाजार थाने के एस एच ओ को सर्व हुआ है। वारंट पुलिस पैरोकार को हाथों-हाथ दिया गया। जिस पर हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस कमिश्नर का हलफनामा गलत है और कारण बताओ नोटिस जारी कर पुलिस कमिश्नर को हाजिर होने का निर्देश दिया था तथा सफाई मांगी थी कि क्यों न उनके खिलाफ कोर्ट कार्यवाही के दौरान गलत हलफनामा दाखिल करने के लिए आपराधिक अवमानना कार्यवाही की जाय। पुलिस कमिश्नर ने हाजिर होकर बिना शर्त माफी मांगी ।कहा दिग्भ्रम होने के कारण ऐसा हलफनामा दाखिल किया गया। जिस पर कोर्ट ने केस निस्तारित कर दिया।

Jan 10, 2025 - 22:05
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पुलिस कमिश्नर आगरा ने हाईकोर्ट में बिना शर्त मांगी माफी:इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई पेशी, कहा अदालत से जारी सम्मन, गैर जमानती वारंट नहीं मिला
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुलिस कमिश्नर आगरा जे रविंदर गौड ने अपनी ग़लती की बिना शर्त माफी मांगी। इल

पुलिस कमिश्नर आगरा ने हाईकोर्ट में बिना शर्त मांगी माफी

आगरा के पुलिस कमिश्नर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी है। यह मामला तत्कालीन निर्णय पर आधारित है, जिसमें अदालत द्वारा जारी सम्मन को लेकर कई सवाल उठाए गए थे। मामले की सुनवाई के दौरान, कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि उन्हें अदालत से कोई गैर जमानती वारंट नहीं मिला है। इस प्रकार, अदालत को दी गई जानकारी ने सुनवाई की दिशा में महत्वपूर्ण मोड़ लाया।

मामले का पृष्ठभूमि

हाल ही में, आगरा पुलिस द्वारा एक ऐसे मामले में कार्रवाई की गई थी, जिसमें कुछेक अधिकारियों पर अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे। इसके फलस्वरूप, उच्च न्यायालय ने पुलिस कमिश्नर को सम्मन जारी किया था। पुलिस कमिश्नर ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए हाईकोर्ट में पेशी की।

हाईकोर्ट की सुनवाई

हाईकोर्ट में हुई पेशी के दौरान, पुलिस कमिश्नर ने कहा कि उन्हें अपने समक्ष पेश किए गए दस्तावेजों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने अदालत से निवेदन किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें माफी देने पर विचार किया जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए वे आवश्यक कदम उठाएंगे।

अदालत की प्रतिक्रिया

हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर की माफी स्वीकार की और यह सुनिश्चित किया कि मामले की उचित प्रक्रिया की जाएगी। अदालत ने यह भी संकेत दिया कि यदि भविष्य में ऐसी घटनाएं होती हैं, तो अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

निष्कर्ष

यह स्थिति आगरा पुलिस के लिए एक चेतावनी के रूप में कार्य करती है कि वे कानून को गंभीरता से लें और अदालत के आदेशों का पालन करें। आगरा पुलिस कमिश्नर की माफी ने इस मामले में स्थिति को औपचारिक रूप दिया है, और अब देखना यह है कि क्या यह प्रक्रिया आगे बढ़ती है या फिर कोई नया मोड़ सामने आता है।

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