पूर्व SEBI चीफ माधवी बुच पर FIR का आदेश:शेयर धोखाधड़ी मामले में पत्रकार ने शिकायत की थी, भ्रष्टाचार का भी आरोप

मुंबई की एक स्पेशल एंटी-करप्शन कोर्ट ने SEBI की पूर्व चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। शेयर मार्केट फ्रॉड और नियामक उल्लंघन के मामले में कोर्ट ने माधवी के अलावा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ भी केस दर्ज करने का आदेश दिया। यह आदेश स्पेशल जज एसई बांगर ने ठाणे बेस्ड जर्नलिस्ट सपन श्रीवास्तव की ओर से दायर याचिका पर दिया है। सपन ने स्टॉक एक्सचेंज पर एक कंपनी की लिस्टिंग में बड़े पैमाने पर फाइनेंशियल फ्रॉड और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर प्रभाकर तरंगे और राजलक्ष्मी भंडारी महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए। माधवी बुच समेत छह लोगों पर FIR का आदेश ACB को 30 दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी होगी जज बांगर ने शिकायत और सहायक दस्तावेजों की समीक्षा करने के बाद यह आदेश दिया। जज ने मुंबई के एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी), भारतीय दंड संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और सेबी अधिनियम के तहत FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। अदालत ने ACB को 30 दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। शिकायतकर्ता के तीन तर्क... अब माधबी बुच के बारे में जानिए बुच ने अपना करियर 1989 में ICICI बैंक से शुरू किया था। 2007 से 2009 तक ICICI बैंक में एग्जीक्यूटिव डायरेक्ट थीं। वे फरवरी 2009 से मई 2011 तक ICICI सिक्योरिटीज की मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO थीं। 2011 में सिंगापुर चली गईं और वहां उन्होंने ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में काम किया। माधबी के पास फाइनेंशियल सेक्टर में 30 सालों का लंबा अनुभव है और वे सेबी की तमाम कमेटियों में पहले भी रह चुकी हैं। वे अभी इसकी एडवाइजरी कमेटी में भी थीं। सेबी चीफ पर लगे बड़े आरोप... हिंडनबर्ग का आरोप- अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में SEBI चीफ की हिस्सेदारी सेबी चीफ रहते 3 जगहों से सैलरी लेने का आरोप 28 फरवरी को सेबी चीफ के पद से रिटायर हुई हैं माधबी बुच माधबी पुरी बुच 28 फरवरी को सेबी चीफ के पद से रिटायर हुई हैं। उनकी जगह केंद्र सरकार ने वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे को अगला SEBI प्रमुख नियुक्त किया है। तुहिन अगले 3 सालों के लिए इस पद पर रहेंगे। तुहिन कांत पांडे ओडिशा कैडर के 1987 बैच के IAS अधिकारी हैं। वे मोदी 3.0 सरकार में भारत के सबसे व्यस्त सचिवों में से एक हैं। वे फिलहाल केंद्र सरकार में चार महत्वपूर्ण विभागों को संभाल रहे हैं। उन्हें 7 सितंबर 2024 को वित्त सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था। -------------------------------------------------- सेबी चीफ से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट, सेबी चीफ पर आरोप:माधबी पुरी बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर एंटिटीज में थी हिस्सेदारी अडाणी ग्रुप पर अपनी रिपोर्ट के लिए जानी जाने वाली फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) की चीफ माधबी पुरी बुच पर आरोप लगाए हैं। अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में दावा किया है कि सेबी चीफ के पास अडाणी ग्रुप के जरिए पैसों की हेराफेरी स्कैंडल में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर एंटिटीज में हिस्सेदारी थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... हिंडनबर्ग का SEBI चीफ पर आरोप: माधबी बुच की उसी विदेशी फंड में हिस्सेदारी, जिसमें अडाणी का निवेश; बुच बोलीं- हमारी जिंदगी खुली किताब अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने शनिवार को सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगाए। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। बुच ने इन आरोपों को "निराधार" और "चरित्र हनन" का प्रयास बताया है। SEBI चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, 'हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।' पुरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

Mar 2, 2025 - 16:59
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पूर्व SEBI चीफ माधवी बुच पर FIR का आदेश:शेयर धोखाधड़ी मामले में पत्रकार ने शिकायत की थी, भ्रष्टाचार का भी आरोप
मुंबई की एक स्पेशल एंटी-करप्शन कोर्ट ने SEBI की पूर्व चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के खिलाफ FIR दर्ज करने क

पूर्व SEBI चीफ माधवी बुच पर FIR का आदेश

हाल ही में, पूर्व SEBI चीफ माधवी बुच के खिलाफ एक प्राथमिकी (FIR) का आदेश दिया गया है। यह FIR शेयर धोखाधड़ी के मामले में एक पत्रकार द्वारा लगाई गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है। पत्रकार ने आरोप लगाया है कि बुच ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार में संलिप्तता दिखाई। इस स्थिति ने भारतीय वित्तीय क्षेत्र में हलचल मचा दी है और अब सबकी नजरें इस मामले पर टिकी हुई हैं।

शेयर धोखाधड़ी का मामला

यह मामला तब सामने आया जब एक निवेशक ने अपनी चिंताओं को सार्वजनिक किया, जिसमें कहा गया कि कुछ शेयरों में अनियमित गतिविधियां हो रही हैं। रिपोर्टों के अनुसार, बुच ने इस मामले को नजरअंदाज करते हुए कार्रवाई करने में विफल रही, जिसके चलते पत्रकार ने अंततः शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया। अब, सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और माधवी बुच द्वारा की गई सभी गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है।

भ्रष्टाचार के आरोप

इसके अलावा, बुच पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लग रहे हैं, जो इस जांच की गंभीरता को और बढ़ा देते हैं। यह आरोप उस समय के हैं जब वह SEBI की अध्यक्ष थीं, और उनके द्वारा किए गए निर्णयों का अब पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला भारतीय वित्तीय बाजार में पारदर्शिता और विश्वसनीयता के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।

इस मामले की परिधि

इस FIR ने कानूनी प्रक्रिया को उत्प्रेरित किया है और राजनीतिक दांव-पेचों को भी जन्म दिया है। SEBI जैसे संस्थाओं की जिम्मेदारी होती है कि वे वित्तीय अनियमितताओं का समय पर समाधान करें। इस मामले का निर्णय न केवल बुच की प्रतिष्ठा को प्रभावित करेगा, बल्कि भारतीय शेयर बाजार के भविष्य पर भी असर डाल सकता है। ताकि निवेशकों का विश्वास बने रहे।

निष्कर्ष

इस FIR के आदेश ने एक नए मोड़ को जन्म दिया है, जो भारतीय शेयर बाजार और भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और इससे SEBI जैसे नियामकों की विश्वसनीयता पर क्या असर पड़ता है।

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