84 कोसी परिक्रमा का हरदोई में आगमन:सीतापुर से पहुंचे हजारों श्रद्धालु, गोमती में किया स्नान; तीन दिन रुकेगी यात्रा

नैमिषारण्य की प्रसिद्ध 84 कोसी परिक्रमा ने सीतापुर से हरदोई की सीमा में प्रवेश किया। इस यात्रा में देशभर से श्रद्धालु शामिल हुए हैं। परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं ने गोमती नदी में पवित्र स्नान किया। यात्रा तीन दिन तक हरदोई की सीमा में रहेगी। इसके बाद यह सीतापुर की सीमा में वापस लौट जाएगी। नैमिषारण्य की इस ऐतिहासिक परिक्रमा के पड़ाव स्थलों का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इन स्थलों पर 84 हजार ऋषि-मुनियों और 33 करोड़ देवताओं ने रात्रि विश्राम किया था। रामादल के इस विशाल कारवां में विभिन्न वेशभूषा में साधु-संत शामिल हुए हैं। कुछ साधु धूनी रमा रहे हैं तो कुछ भक्ति में लीन होकर नृत्य कर रहे हैं। साधु-संतों के डेरे गोमती नदी किनारे आम के बगीचों में लगे हैं। गृहस्थ श्रद्धालुओं के लिए अलग से तंबू की व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने यात्रा की सुरक्षा के लिए सर्किल ऑफिसर समेत कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात की है। श्रद्धालु पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ इस पवित्र यात्रा में भाग ले रहे हैं। देखें फोटो...

Mar 2, 2025 - 17:00
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84 कोसी परिक्रमा का हरदोई में आगमन:सीतापुर से पहुंचे हजारों श्रद्धालु, गोमती में किया स्नान; तीन दिन रुकेगी यात्रा
नैमिषारण्य की प्रसिद्ध 84 कोसी परिक्रमा ने सीतापुर से हरदोई की सीमा में प्रवेश किया। इस यात्रा मे

84 कोसी परिक्रमा का हरदोई में आगमन: सीतापुर से पहुंचे हजारों श्रद्धालु

हरदोई में 84 कोसी परिक्रमा का आगमन एक महत्वपूर्ण धार्मिक कार्यक्रम है जो श्रद्धालुओं को विशेष आकर्षण प्रदान करता है। इस वर्ष, परिक्रमा में शामिल गिनती के अनुसार, हजारों श्रद्धालु सीतापुर से हरदोई पहुंचे, जहाँ उन्होंने गोमती नदी में स्नान किया। यह यात्रा एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव है जो सभी भक्तों को एकजुट करती है।

यात्रा का महत्व

84 कोसी परिक्रमा भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का गहरा प्रतीक है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में भाग लेकर अपने मनोकामनाएँ पूर्ण करने की आशा रखते हैं। विशेष रूप से हरदोई में इस यात्रा का आगमन, यहाँ के लोगों के लिए एक उत्सव का माहौल बनाता है।

गोमती में स्नान का महत्व

श्रद्धालुओं ने गोमती नदी में स्नान करने को प्राथमिकता दी, क्योंकि इसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थानों में से एक माना जाता है। यहाँ स्नान करने से आत्मशुद्धि की भावना प्रबल होती है और भक्तों का विश्वास है कि इससे उनके पाप धुल जाते हैं।

यात्रा की अवधि

यह यात्रा तीन दिनों तक चलेगी, जिसमें विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और पूजन कार्यक्रम शामिल होंगे। हरदोई में रहने वाले श्रद्धालु इस अवसर को भव्य रूप से मनाने के लिए तैयार हैं। स्थानीय नेता और धार्मिक गुरु भी इस आयोजन में सम्मिलित हो रहे हैं।

सुरक्षा और व्यवस्था

प्रशासन ने यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सेवाओं की व्यवस्था की गई है। यात्रा के दौरान भीड़भाड़ से निपटने के लिए पुलिस बलों की तैनाती की गई है।

कुल मिलाकर, 84 कोसी परिक्रमा का हरदोई में आगमन न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भावना का भी प्रतीक है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की आस्था और भक्तिभाव को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध रह जाता है।

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