काजा में आईटीबीपी कैंप के पास हिमस्खलन:बर्फ हटाने में लगे जवानों ने भागकर बचाई जान; डीसी बोले- तेज थी रफ्तार

हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति के काजा उपमंडल में रविवार दोपहर को आईटीबीपी कैंप के पास हिमस्खलन हो गया। जवानों ने इसको देख कर मौके से भाग कर जान बचाई। गनीमत रही कि एवलांच कैंप से 200 फुट दूर रुक गया। इसके बाद जवानों ने राहत की सांस ली। जानकारी के अनुसार गिऊ में स्थित आईटीबीपी कैंप के पास ये घटना तब हुई, जबकि आईटीबीपी के जवान बर्फ हटाने का काम कर रहे थे। जवानों ने हिमस्खलन होता देखा तो वे मौके से भाग खड़े हुए। इस वजह से उनकी जान बच गई। लाहुल जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं डीसी राहुल कुमार ने बताया कि हिमस्खलन की गति काफी तेज थी। हालांकि, यह कैंप से मात्र 200 फुट की दूरी पर ही रुक गया। इस कारण किसी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। उपायुक्त ने चेतावनी दी है कि मौसम खुलने के बाद भी हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है। उन्होंने जिले के लोगों से अपील की है कि वे ऐसे क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा न करें।

Mar 2, 2025 - 18:59
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काजा में आईटीबीपी कैंप के पास हिमस्खलन:बर्फ हटाने में लगे जवानों ने भागकर बचाई जान; डीसी बोले- तेज थी रफ्तार
हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति के काजा उपमंडल में रविवार दोपहर को आईटीबीपी कैंप के पास हिमस्खलन ह

काजा में आईटीबीपी कैंप के पास हिमस्खलन: बर्फ हटाने में लगे जवानों ने भागकर बचाई जान

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हिमस्खलन की खतरनाक घटना

हाल ही में, काजा में आईटीबीपी (इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस) कैंप के पास एक गंभीर हिमस्खलन हुआ। यह घटना रात के अंधेरे में हुई, जिससे स्थानीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया। हिमस्खलन की तीव्रता इतनी अधिक थी कि वहां मौजूद कई जवानों को अपनी जान बचाने के लिए तेज़ी से बर्फ हटाने की प्रक्रिया से भागना पड़ा। डीसी ने घटना के बारे में बताया कि बर्फ की रफ्तार काफी तेज़ थी, जिससे बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न हुई।

बचाव कार्य और जवानों की बहादुरी

गंभीर स्थिति के बावजूद, आईटीबीपी के जवानों ने अपनी बहादुरी दिखाई। घटना के तुरंत बाद उन्होंने बचाव कार्य शुरू किया और बर्फ के मलबे में फंसे लोगों की जान बचाने का प्रयास किया। कई जवानों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर बर्फ में दबी हुई व्यक्तियों की खोज की। उनका यह साहस और निस्वार्थता हर किसी के लिए एक प्रेरणा बन गया।

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

स्थानीय प्रशासन ने इस प्रकार की घटनाओं की गंभीरता को समझते हुए हिमस्खलन की रिपोर्ट बनाई। डीसी ने कहा कि मौसम की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखा जाएगा। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए उचित सलाह दी कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें।

जलवायु परिवर्तन और हिमस्खलन

इस प्रकार की घटनाएं जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को भी प्रदर्शित करती हैं। बदलते मौसम पैटर्न और बर्फबारी की बढ़ती मात्रा के कारण हिमस्खलन की घटनाएं बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हमें इस समस्या से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

भविष्य के लिए सुरक्षा प्रबंधन

भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियां अपनाना आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन और आईटीबीपी के जवानों को मिलकर योजना बनानी होगी ताकि ऐसी खतरनाक घटनाओं के प्रभाव को कम किया जा सके। इसके साथ ही, केंद्र और राज्य सरकारों को सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने की आवश्यकता है।

काजा में हिमस्खलन की इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमें अपनी सुरक्षा के प्रति अधिक सजग रहना होगा।

निष्कर्ष

इस घटनाक्रम ने सभी को यह याद दिलाया कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हमारी सजगता और तैयारी कितनी महत्वपूर्ण है। आईटीबीपी के जवानों ने इस मुश्किल घड़ी में जिस साहस का परिचय दिया, वह सभी के लिए प्रेरणादायक है। हमें उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं का प्रभाव कम होगा और हमारे जवान सुरक्षित रहेंगे।

और जानने के लिए

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