पैरालिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट कथुनिया खेल रत्न के लिए HC पहुंचे:कोर्ट ने अवॉर्ड कमेटी से कहा- नाम पर फिर विचार करें

लगातार दो ओलिंपिक गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाले पैरालिंपिक डिस्कस थ्रोअर योगेश कथुनिया को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड मिल सकता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने अवॉर्ड कमेटी को उनके नाम पर फिर से विचार करने के आदेश दिए हैं। कथुनिया ​​​​​​ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। गुरुवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माना कि 2020 टोक्यो ओलिंपिक में सिल्वर और अन्य उपलब्धियों के बाद भी कथुनिया को 2024 खेल रत्न पुरुस्कार से बाहर रखा गया। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की अध्यक्षता वाले पैनल ने चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। कथुनिया के एडवोकेट नितिन यादव ने कहा- 'नियमों के तहत खेल रत्न के लिए सबसे ज्यादा पॉइंट होने के बाद भी उन्हें नजरअंदाज किया गया।' योगेश ने 2020 में टोक्यो और 2024 के पेरिस ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीते थे। वे वर्ल्ड चैंपियनशिप में 3 मेडल जीत चुके हैं। इनमें दो सिल्वर और एक ब्रॉन्ज शामिल हैं। उन्हें 2022 एशियन गेम्स में भी सिल्वर मेडल मिला था। 14 दिन पहले जारी हुए थे अवॉर्ड; मनु, गुकेश समेत 4 को खेल रत्न अवॉर्ड कमेटी ने 14 दिन पहले 2 जनवरी को नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड 2024 का ऐलान किया था। इसमें पेरिस ओलिंपिक में डबल मेडल जीतने वाली शूटर मनु भाकर, वर्ल्ड चेस चैंपियन डी गुकेश, हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्लेयर प्रवीण कुमार को खेल रत्न दिया गया था।। इसके अलावा 34 खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड और 5 कोचों को द्रोणाचार्य अवॉर्ड देने की भी घोषणा की गई थी। मनु का नाम नहीं होने पर भी हुआ था विवाद डबल मेडिलस्ट मनु भाकर के नाम भी कमेटी की ओर से खेल रत्न अवॉर्ड के लिए सिफारिश की गई लिस्ट में नहीं था। बाद में सवाल उठने पर उनका और चेस वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश का नाम शामिल किया गया। राष्ट्रीय खेल अवॉर्ड भारत में खेल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए राष्ट्रीय खेल पुरस्कार दिए जाते हैं। इसमें खिलाड़ियों, कोचों या संगठनों को उनकी उपलब्धियों और भारतीय खेलों के विकास में योगदान के लिए छह अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। भारत के राष्ट्रीय खेल पुरस्कार में छह पुरस्कार शामिल हैं। मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी (जिसे माका ट्रॉफी भी कहा जाता है) और राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन। इनके अलावा, ध्यानचंद पुरस्कार के नाम से एक और लाइफ टाइम अवॉर्ड दिया जाता है। यह पुरस्कार खेल के विकास में आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है। इस बार इस कैटेगरी में किसी को भी यह पुरस्कार नहीं दिया गया। 2004 से छह राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के साथ तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार भी दिया जा रहा है। --------------------------------------------------------------- स्पोर्ट्स अवॉर्ड से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... मनु भाकर, गुकेश, हरमनप्रीत और प्रवीण को खेल रत्न नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड 2024 का ऐलान गुरुवार को खेल मंत्रालय ने किया। ओलिंपिक में डबल मेडल जीतने वालीं शूटर मनु भाकर, वर्ल्ड चेस चैंपियन डी गुकेश, हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्लेयर प्रवीण कुमार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पूरी खबर पढृें...

Jan 16, 2025 - 15:40
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पैरालिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट कथुनिया खेल रत्न के लिए HC पहुंचे:कोर्ट ने अवॉर्ड कमेटी से कहा- नाम पर फिर विचार करें
लगातार दो ओलिंपिक गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाले पैरालिंपिक डिस्कस थ्रोअर योगेश कथुनिया को मे

पैरालिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट कथुनिया खेल रत्न के लिए HC पहुंचे

पैरालिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट कथुनिया ने हाल ही में खेल रत्न पुरस्कार के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कोर्ट में अपनी अपील के दौरान अवॉर्ड कमेटी से अनुरोध किया कि उनके नाम पर फिर से विचार किया जाए। इस मामले ने खेल समुदाय में काफी हलचल मचा दी है और यह बताया जा रहा है कि कोर्ट ने अवॉर्ड कमेटी को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय कथुनिया के लिए न सिर्फ एक सम्मान के रूप में है, बल्कि यह भारत में विकलांग खिलाड़ियों की उपलब्धियों को मान्यता देने का भी एक अवसर है।

पैरालिंपिक में कथुनिया की उपलब्धियाँ

कथुनिया ने पैरालिंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन किया और भारतीय टीम को मेडल दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उनके व्यक्तिगत संघर्ष और समर्पण ने उन्हें न सिर्फ एक खिलाड़ी, बल्कि एक प्रेरणा बना दिया है। ऐसे में खेल रत्न पुरस्कार उनके लिए एक महत्वपूर्ण मान्यता होगी।

हाईकोर्ट का आदेश

आदेश की जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट ने अवॉर्ड कमेटी को बताया है कि उन्हें कथुनिया की उपलब्धियों का गहरा मूल्यांकन करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह पुरस्कार खिलाड़ियों के असाधारण प्रदर्शन को मान्यता देने के लिए है। ऐसे में कथुनिया का मामला विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने योग्य है।

खेल रत्न पुरस्कार का महत्व

खेल रत्न पुरस्कार भारत में खिलाड़ियों के बीच सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। यह न केवल खिलाड़ियों के प्रयासों को मान्यता देता है, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करता है। ऐसे में अगर कथुनिया को यह पुरस्कार मिलता है, तो इससे अन्य खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का कार्य होगा।

इस मामले की सुनवाई अब अगले हफ्ते होगी, जहां कोर्ट ने अपेक्षित है कि अवॉर्ड कमेटी अपने निर्णय पर पुनर्विचार करेगी। इन सभी Developments को देखते हुए यह जिज्ञासा बनी हुई है कि क्या कथुनिया को न्याय मिलेगा या नहीं।

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