प्रयागराज के बाद काशी में भी दिखेगा महाकुंभ जैसा वैभव:महाशिवरात्रि पर 13 अखाड़े करेंगे पेशवाई, लाखों नागा साधु पहुंचेंगे काशी

संगम तट पर महाकुंभ में उमड़े 13 अखाड़ों के नागा साधू वसंत पंचमी के स्नान के बाद महादेव की नगरी काशी की तरफ प्रस्थान करेंगे। कहां जाता है कि प्रयागराज के बाद काशी में भी मिनी कुंभ लगता है। काशी के गंगा घाट पर साधु संतों का जमावड़ा लगेगा। इस पार के घाटों से लेकर उस पार रेती तक और विभिन्न मठाें, आश्रमों, धर्मशालाओं में नागा साधुओं का डेरा पड़ जाता है। फिर तो होली पर्व तक हजारों नागाओं की चहलकदमी काशी में गंगा से लेकर बाबा विश्वनाथ के दरबार तक बनी रहती है। चार शैव अखाड़ों के मुख्यालय व सभी 13 अखाड़ों की शाखाएं हैं काशी में आदि शंकराचार्य द्वारा धर्म रक्षा के लिए स्थापित किए गए नागा साधुओं सभी 13 अखाड़ों में सबसे बड़े अखाड़े श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े सहित चार प्रमुख शैव सन्यासी अखाड़ों का मुख्यालय काशी में ही है। इनमें हनुमान घाट पर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा, दशाश्वमेध घाट पर श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, हनुमान चैक कपिलधारा में श्री पंच अटल अखाड़ा, शिवाला घाट पर महानिरंजनी अखाड़ा के मुख्यालय हैं। इनके अतिरिक्त राजघाट पर श्रीअग्नि अखाड़ा, कपिलधारा पर आनंद अखाड़ा, पद्मश्री सिनेमा के पास कुरुक्षेत्र पोखरा पर वैष्णव संप्रदाय के बड़ा उदासीन अखाड़ा, निर्मल अखाड़ा निर्मोही अखाड़ा, अनी अखाड़ा आदि सभी 13 अखाड़ों की शाखाएं हैं। इन मुख्यालयों व शाखाओं में हजारों सन्यासी रहते हैं। आठ फरवरी को होगा जूना अखाड़े का नगर प्रवेश, 12 को शोभायात्रा श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के पुजारी संतोष मिश्र ने कहा - जूना अखाड़ा के साथ ही अग्नि और आवाहन अखाड़ों के नागा सन्यासी महाकुंभ में वसंत पंचमी पर संगम स्नान के बाद काशी की ओर प्रस्थान करेंगे। आठ फरवरी को रमता पंच के नेतृत्व में बाजे-गाजे व हाथी-घोड़ों, रथों तथा पैदल सन्यासियों की भव्य शोभायात्रा में पूरे लाव-लश्कर व अस्त्र-शस्त्रों के साथ उनका नगर प्रवेश होगा। अधिकांश सन्यासी बैजनत्था स्थित जपेश्वर मठ पर रुक जाते हैं। फिर 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर जपेश्वर मठ से उनकी शोभायात्रा निकलेगी और सभी अपने-अपने लाव-लश्कर अस्त्र-शस्त्र के साथ हनुमान घाट पहुंचेंगे। काशी नगर प्रवेश के बाद सभी सन्यासियों का जत्थे अपने-अपने आश्रमों-मठों के साथ गंगा तट के दोनों ओर पड़े तंबुओं, छावनियों में अपना डेरा जमाएंगे। फिर होली तक यह जमावड़ा काशी में बना रहेगा। महाशिवरात्रि को निकलेगी राजसी सवारी महाकुंभ के समापन के बाद 13 अखाड़े बनारस में बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए पहुंचेंगे। महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को काशी में अखाड़ों की पेशवाई होगी। गाजे-बाजे, रथ, हाथी और घोड़े के साथ अखाड़ों की पेशवाई अखाड़ों से श्री काशी विश्वनाथ धाम के साथ ही शहर की सड़कों पर निकलेगी। इस दौरान काशी की जनता बाबा विश्वनाथ की सेना के रूप में मशहूर नागा साधुओं का वैभव देखेगी। अपनी-अपनी धर्मध्वजा के साथ अखाड़ों के महामंडलेश्वर पेशवाई का नेतृत्व करेंगे।

Jan 13, 2025 - 10:15
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प्रयागराज के बाद काशी में भी दिखेगा महाकुंभ जैसा वैभव:महाशिवरात्रि पर 13 अखाड़े करेंगे पेशवाई, लाखों नागा साधु पहुंचेंगे काशी
संगम तट पर महाकुंभ में उमड़े 13 अखाड़ों के नागा साधू वसंत पंचमी के स्नान के बाद महादेव की नगरी काशी

प्रयागराज के बाद काशी में भी दिखेगा महाकुंभ जैसा वैभव

महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी में एक दिव्य महाकुंभ की तैयारी चल रही है। इस बार, काशी में 13 प्रमुख अखाड़े अपनी पेशवाई करेंगे, जिसमें लाखों नागा साधुओं का आना المتوقع है। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक भी है।

महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे भगवान शिव की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस दिन, भक्त विशेष अनुष्ठान करते हैं और रात भर जागकर शिव की आराधना करते हैं। काशी में महाशिवरात्रि का आयोजन अत्यंत भव्य तरीके से किया जाएगा।

पेशवाई का समारोह

इस साल की पेशवाई में 13 अखाड़े हिस्सा लेंगे, जो काशी की गलियों में भव्य झांकियों के साथ अपनी परंपराओं का प्रदर्शन करेंगे। यह एक ऐसा अनूठा आयोजन होगा जो लाखों भक्तों को आकर्षित करेगा। नागा साधु अपनी विशेष पहचान और आचरण के साथ काशी में पहुंचेंगे।

काशी का आध्यात्मिक महत्व

काशी, जिसे वाराणसी भी कहा जाता है, भगवान शिव का प्रिय स्थान माना जाता है। यहां का माहौल और धार्मिक वातावरण इसे एक अद्वितीय तीर्थ स्थान बनाते हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर यह शहर पूरी तरह से भक्तों से भर जाएगा, जो अपने गुरु और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए आएंगे।

सम्बंधित जानकारियाँ

इस भव्य आयोजन की तैयारियों को लेकर प्रशासन भी चौकस है। काशी में सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई प्रबंध किए जा रहे हैं। लाखों श्रद्धालु इस अवसर पर काशी में पहुँचने की योजना बना रहे हैं।

इस प्रकार महाशिवरात्रि के उत्सव में काशी का वैभव एक बार फिर उजागर होगा, जहाँ भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ेगा। News by indiatwoday.com Keywords: काशी महाकुंभ, महाशिवरात्रि 2023, नागा साधु काशी, 13 अखाड़े पेशवाई, धार्मिक त्यौहार काशी, काशी की परंपरा, शिव पूजा महाशिवरात्रि, काशी में भक्तों का सैलाब, काशी की संस्कृति, वाराणसी महाशिवरात्रि, काशी सुरक्षा प्रबंध, अखाड़ों की पेशवाई.

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