प्रसव पीड़ा के दौरान गर्भवती की मौत:मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर गलत जानकारी देने का लगाया आरोप

श्रावस्ती में एक गर्भवती महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। भिनगा कोतवाली क्षेत्र की लीलावती की मौत को लेकर मायके पक्ष ने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। चार साल पहले लीलावती की शादी मछरिहवा निवासी ओम प्रकाश से हुई थी। ससुराल पक्ष का कहना है कि प्रसव पीड़ा होने पर उन्होंने लीलावती को संयुक्त जिला चिकित्सालय भिनगा में भर्ती कराया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हालांकि, इसके बाद बिना किसी को सूचित किए ससुराल वाले शव को गांव ले गए। प्रसव पीड़ा पर ले गए थे अस्पताल मृतका की मां झुमकारा देवी ने पुलिस से शिकायत की। कहा कि उन्हें यह भी नहीं पता कि उनकी बेटी की मौत अस्पताल में हुई या घर पर हुई। उन्होंने ससुराल पक्ष पर संदेह जताते हुए न्याय की गुहार लगाई है। वहीं मृतका के ससुर छेदन का कहना है कि प्रसव पीड़ा के कारण तुरंत अस्पताल ले गए थे। जहां डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया था। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। कोतवाली भिनगा पुलिस मामले की बारीकी से जांच कर रही है। आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा।

Jan 15, 2025 - 23:05
 48  501823
प्रसव पीड़ा के दौरान गर्भवती की मौत:मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर गलत जानकारी देने का लगाया आरोप
श्रावस्ती में एक गर्भवती महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। भिनगा कोत

प्रसव पीड़ा के दौरान गर्भवती की मौत: मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर गलत जानकारी देने का लगाया आरोप

प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है। हाल ही में एक घटना सामने आई है जिसमें एक गर्भवती महिला की प्रसव पीड़ा के दौरान मृत्यु हो गई। इस घटना ने न केवल परिवार को बल्कि समाज को भी झकझोर दिया है। मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने चिकित्सीय जानकारी के बारे में गलत सूचना दी, जिससे गर्भवती महिला की स्थिति और बिगड़ गई।

घटना का विवरण

स्थानीय अस्पताल में प्रसव के दौरान यह दुखद घटना हुई। परिवार का कहना है कि ससुराल पक्ष ने अस्पताल में जाने में देर की, जिसके कारण गर्भवती महिला को आवश्यक चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाई। मायके वाले इस बारे में सख्त हैं कि यदि सही समय पर जानकारी दी जाती, तो उनकी बेटी की जान बचाई जा सकती थी।

ससुराल पक्ष की प्रतिक्रिया

ससुराल पक्ष ने आरोपों को नकारते हुए कहा है कि उन्होंने सभी आवश्यक कदम उठाए थे। उन्होंने तर्क दिया कि महिला की हालत अचानक बिगड़ गई थी और उन्हें स्थिति को ठीक से समझने का समय नहीं मिला। यह मामला अब स्थानीय पुलिस में भी पहुंच गया है, जहाँ जांच चल रही है।

समाज में प्रभाव

इस प्रकार की घटनाएँ समाज में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को उजागर करती हैं। कई परिवारों में यह धारणा है कि मातृत्व स्वाभाविक है, लेकिन चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता को समझने में कई बार दीर रहता है।

क्या करना है आगे?

स्वास्थ्य विभाग को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए और प्रसव के दौरान बेहतर जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने चाहिए। महिलाओं को यह जानने की आवश्यकता है कि उन्हें कब और कैसे चिकित्सकीय मदद लेनी चाहिए।

गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है। सभी परिवारों को सही जानकारी प्रदान करने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों को आगे आना चाहिए। इसके साथ ही, समाज को भी इस विषय पर खुलकर चर्चा करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

News by indiatwoday.com प्रसव पीड़ा के दौरान गर्भवती की मौत, मायके वालों ने आरोप, ससुराल पक्ष पर आरोप, गर्भवती महिला की मृत्यु, प्रसव के दौरान स्वास्थ्य, स्थानीय अस्पताल, महिला सुरक्षा मुद्दे, परिवार का संघर्ष, गलत सूचना का मामला, मातृत्व और स्वास्थ्य, जागरूकता कार्यक्रम.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow