बिजली संविदा कर्मी की मौत के मामले की जांच शुरू:SHO को हटाया; अफसरों ने दिए विभागीय जांच के आदेश

लखनऊ किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (KGMC) उपकेंद्र में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से संविदा कर्मी की मौत हो गई थी। इस मामले में बिजली विभाग के अफसरों ने कार्यवाही शुरू कर दी है और ड्यूटी पर तैनात एसएसओ गिरिजा शंकर को हटाकर विभागीय जांच का आदेश दिया। एसडीओ गुलरेज अली के मुताबिक, जूनियर इंजीनियर ने मौके का निरीक्षण किया और पाया कि 11 केवी इंटरलाकिंग फीडर पर लाइन में करंट आने से दुर्घटना हुई। इसमे प्रथम दृष्टया एसएसओ की लापरवाही सामने आई है। लखनऊ सेंट्रल जोन के मुख्य अभियंता रवि अग्रवाल ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए पूरी घटना की जांच के लिए रेजीडेंसी डिवीजन के एक्सईएन एसके वर्मा के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की है। जांच के दौरान, जूनियर इंजीनियर, एसडीओ सहित अन्य कर्मचारियों से बयान दर्ज किये जाएंगे। कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट के बाद दोषी कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करेगी। इससे पहले मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता ने मेडिकल कॉलेज उपकेंद्र का निरीक्षण भी किया था। ये हुई थी घटना लखनऊ में KGMU कैंपस में बिजली कर्मी मोहम्मद इकबाल (40) की मौत हो गई थी। वह एचटी लाइन का फॉल्ट ठीक कर रहा था। उसके दूसरे साथी की हालत गंभीर है। दोनों लेसा में संविदा कर्मी के तौर पर तैनात थे। बताया जा रहा है कि मेंटीनेंस के समय बिजली की सप्लाई शुरू हो गई थी। दोनों कर्मी शटडाउन लेकर खंभे पर करंट ट्रांसफॉर्मर-पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर (सीटीपीटी) का जंपर ठीक करने लगे। इस दौरान अचानक बिजली सप्लाई चालू हो गई। करंट लगने से इकबाल तेज धमाके के साथ सीढ़ी से नीचे गिर गए। आफताब भी झुलस गया। दोनों को तुरंत ट्रॉमा सेंटर भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने इकबाल को मृत घोषित कर दिया।

Mar 24, 2025 - 23:59
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बिजली संविदा कर्मी की मौत के मामले की जांच शुरू:SHO को हटाया; अफसरों ने दिए विभागीय जांच के आदेश
लखनऊ किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (KGMC) उपकेंद्र में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से संविदा कर्मी की मौत

बिजली संविदा कर्मी की मौत के मामले की जांच शुरू: SHO को हटाया; अफसरों ने दिए विभागीय जांच के आदेश

हाल ही में बिजली संविदा कर्मी की मौत का मामला तेजी से सुर्खियाँ बटोर रहा है। इस घटनाक्रम ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों के कामकाज पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। उचित जांच की आवश्यकता को पहचानते हुए, पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, जिसके परिणामस्वरूप संबंधित SHO को हटा दिया गया है।

जांच की शुरुआत और तात्कालिक कार्रवाई

यह मामला तब सामने आया जब बिजली संविदा कर्मी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि उनकी मौत पुलिस की लापरवाही के कारण हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, अफसरों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए SHO को उनके पद से हटा दिया और विभागीय जांच का आदेश दिया। यह निर्णय न केवल पीड़ित परिवार के प्रति जवाबदेही को दर्शाता है, बल्कि यह दर्शाता है कि प्रशासन ऐसी घटनाओं की पूरी गंभीरता से जांच करेगा।

स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा गया है। उन्होंने मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और न्याय की माँग की। लोग सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को उठाते हुए दिखाई दिए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह मामला न केवल प्रशासन के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण है।

विभागीय जांच के संभावित परिणाम

विभागीय जांच का उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि क्या वास्तविकता में किसी प्रकार की लापरवाही या misconduct हुई है। यदि ऐसा पाया जाता है, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। यह प्रक्रिया न केवल न्याय की ओर एक कदम है, बल्कि यह अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक संदेश है कि उनकी सुरक्षा और कल्याण प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।

अंतत:, इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच से ही पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा और स्थानीय समुदाय का विश्वास प्रशासन में फिर से स्थापित होगा।

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