बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल के फ्लैटों के लिए नहीं मिले खरीदार:10 फ्लैटों के लिए 3 दिन चली नीलामी, घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिले बोली लगाने वाले
रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के 33 करोड़ के बकायेदार बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल के फ्लैटों के लिए खरीदार नहीं मिले। 3 दिन चली नीलामी के दौरान एक भी व्यक्ति बोली लगाने नहीं पहुंचा। इसके चलते नीलामी नहीं हो सकी। रेरा की वसूली के लिए 3 दिन चली नीलामी प्रक्रिया के दौरान बिल्डर के कुल 10 फ्लैट नीलाम होने थे। 3 दिन चली नीलामी बिल्डर से वसूली के लिए सदर तहसील द्वारा 28 से 30 जनवरी तक फ्लैटों की नीलामी के लिए तारीख निर्धारित की गई थी। तीनों दिन अधिकारी निर्धारित समय पर पहुंच गए। वे घंटों बैठे रहे लेकिन एक भी व्यक्ति फ्लैटों की बोली लगाने नहीं पहुंचा। पूर्व निर्धारित समय के तहत तहसील सदर सभागार में सुबह 11:30 बजे सभी अधिकारी पहुंच गए थे। घंटों इंतजार करते रहे लेकिन एक भी खरीदार नहीं पहुंचा। 11 दिसंबर से जेल में है शैलेंद्र अग्रवाल अभी जेल में है। तहसील सदर प्रशासन ने उसकी 14 दिन की रिमांड और बढ़ा दी थी। बिल्डर को प्रशासन ने 11 दिसंबर को जेल भेजा था। तब से दो बार उसकी रिमांड बढ़ाई जा चुकी है। एसडीएम सदर सचिन राजपूत के निर्देश पर बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल को एत्मादपुर से गिरफ्तार किया गया था। बकायेदार निखिल होम्स प्रा. लि. और मां मंशा देवी सहकारी आवास समिति लि. के खिलाफ 39 RC जारी हुई थीं। इन पर 26 करोड़ रुपए से अधिक की बकायेदारी थी। ब्याज लगाकर बकायेदारी 33 करोड़ रुपए हो गई। हर वसूली के मामले में अवधि बढ़ती जा रही है। इससे पहले भी हो चुकी है नीलामी प्रक्रिया बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल से वसूली के लिए उनकी अचल संपत्ति निखिल पार्क रॉयल खसरा नंबर 209-210 चमरौली ताजनगरी फेस द्वितीय को कुर्क कर 23 अक्टूबर 2024 को नीलामी होनी थी। लेकिन बोली लगाने कोई नहीं आया। प्रशासन ने जुलाई 2023 में दोनों की संपत्तियां कुर्क कर ली थीं। निखिल पार्क रॉयल अपार्टमेंट चमरौली में चार ब्लॉक में लगभग 200 फ्लैट कुर्क किए थे। इस अपार्टमेंट के 48 फ्लैटों की नीलामी के लिए दो बार तारीख लगाई गई लेकिन खरीदार न पहुंचने की वजह से नीलामी की कार्रवाई नहीं हो सकी।

नीलामी का अनूठा अनुभव
बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल के फ्लैटों की नीलामी एक अनूठा अनुभव साबित हुई, जिसमें 10 फ्लैटों के लिए तीन दिनों तक बोली लगाई गई। हालांकि, इच्छुक खरीदारों की कमी के कारण, घंटों के इंतजार के बाद भी कोई बोली नहीं आई। इस स्थिति ने न केवल नीलामी आयोजकों को परेशान किया बल्कि उन्हें यह भी सोचने पर मजबूर किया कि आखिर इस वास्तविकता का कारण क्या है।
कारण और प्रभाव
इस समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं। वर्तमान आर्थिक स्थिति, रियल एस्टेट मार्केट का उतार-चढ़ाव, और खरीदारों की अपेक्षाएँ प्रमुख कारक हैं। जब खरीदारों को यह महसूस होता है कि संपत्ति की цены गिर सकती हैं, तो वे जोखिम लेने से बचते हैं। इसके अलावा, कई लोग पहले से ही अपने लिए उचित कीमतों पर रियल एस्टेट विकल्प खोज रहे हैं।
स्थानीय बाजार की स्थिति
स्थानीय बाजार की स्थिति का भी इस नीलामी पर गहरा असर पड़ा है। हाल के दिनों में, फ्लैट की बिक्री की दर में गिरावट आई है, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ गई है। रियल एस्टेट में निवेश करने से पहले खरीदार अक्सर कुछ और विकल्पों की तलाश करने लगते हैं।
आगे का रास्ता
नीलामी में इस असफलता के बाद, बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल को अपने विक्रय रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा। डिजिटल मार्केटिंग तकनीकों का इस्तेमाल करके संभावित खरीदारों तक पहुंचना और उन्हें सही जानकारी प्रदान करना आवश्यक है।
निष्कर्ष
इस नीलामी की विफलता ने स्थानीय रियल एस्टेट बाजार की चुनौतियों का एक नया पहलू उजागर किया है। भविष्य में खरीदारों की प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए बिल्डर और विक्रेता दोनों को एक साथ काम करना होगा ताकी ये संपत्तियाँ जल्द ही बिक सकें। Keywords: बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल, फ्लैटों की नीलामी, खरीदारों की कमी, रियल एस्टेट मार्केट, संपत्ति की कीमतें, आर्थिक स्थिति, स्थानीय बाजार, नीलामी का अनुभव, फ्लैट खरीदने के उपाय, रियल एस्टेट निवेश, नीलामी की विफलता, बाजार में संघर्ष For more updates, visit indiatwoday.com.
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