बड़ौली-रॉकी गैंगरेप केस की पीड़िता को कोर्ट का नोटिस:अगली सुनवाई में पेश होने के आदेश; पुलिस केस की क्लोजर रिपोर्ट सब्मिट कर चुकी
हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल के गैंगरेप मामले में आज हिमाचल के कसौली कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने रेप विक्टिम को नोटिस भेजा और अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश होने के लिए कहा। इसकी अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी। अगली तारीख पर पीड़ित महिला के बयान कलमबद्ध होंगे। इसके बाद कोर्ट क्लोजर रिपोर्ट पर फैसला करेगा। आज की सुनवाई के दौरान पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट से जुड़े डॉक्यूमेंट भी कोर्ट में पेश किए हैं। बता दें कि कसौली पुलिस इस केस में साक्ष्य न मिलने पर 2 सप्ताह पहले नालागढ़ कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर चुकी है। कसौली कोर्ट में छुट्टियों की वजह से यह केस नालागढ़ कोर्ट में सुना गया। अब वेकेशन खत्म हो गई। इसके बाद मंगलवार को यह केस कसौली कोर्ट में सुना गया। 13 दिसंबर को FIR दर्ज, 14 जनवरी को कॉपी सामने आई बड़ौली व रॉकी पर 13 दिसंबर, 2024 को सोलन जिले के कसौली पुलिस थाने में गैंगरेप (IPC की धारा 376D) की FIR दर्ज हुई थी। 14 जनवरी, 2025 को इसकी कॉपी सामने आई। शिकायत में पीड़िता ने कहा, ‘मैं अपनी सहेली और बॉस अमित बिंदल के साथ कसौली घूमने गई थी। इस दौरान होटल में बड़ौली और रॉकी ने मुझे जबरन शराब पिलाई और सहेली के सामने ही हिमाचल टूरिज्म कॉर्पोरेशन के होटल रोज कॉमन में गैंगरेप किया। इसके बाद मारने की धमकी दी। फिर पंचकूला में बुलाकर झूठे केस में फंसाने की भी कोशिश की।' पुलिस को सबूत नहीं मिले इसके बाद गैंगरेप पीड़िता ने एक वीडियो भी जारी किया। कसौली पुलिस ने इस मामले में 18 लोगों के बयान दर्ज किए। जिस होटल में रेप होने के आरोप लगाए गए, वहां से भी सबूत जुटाने के प्रयास किए। मगर पुलिस साक्ष्य नहीं जुटा पाई, क्योंकि महिला ने रेप के आरोप डेढ़ साल की देरी से लगाए हैं। रेप पीड़िता के खिलाफ पंचकूला में हनीट्रैप का केस इधर, हिमाचल पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट से पहले ही पंचकूला में रेप पीड़िता, उसकी सहेली और उसके बॉस सोनीपत के भाजपा नेता अमित बिंदल के खिलाफ हनीट्रैप की FIR दर्ज की जा चुकी है। इसके बाद पीड़ित महिला को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।

बड़ौली-रॉकी गैंगरेप केस: पीड़िता को कोर्ट का नोटिस
बड़ौली-रॉकी गैंगरेप केस में एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है। हाल ही में, पीड़िता को अदालत द्वारा नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उन्हें अगली सुनवाई में पेश होने के लिए कहा गया है। इस केस की सुनवाई की तारीख और समय को लेकर लोगों में काफी चर्चा है।
पुलिस द्वारा केस की क्लोजर रिपोर्ट
इस मामले में पुलिस ने पहले ही क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी, जिसे लेकर काफी विवाद उठ चुका है। रिपोर्ट में पुलिस ने मामले की जांच के दौरान कुछ ऐसे तथ्यों को उजागर किया है, जिनकी वजह से इस केस का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। अदालत ने अब पीड़िता से मामले की सुनवाई के लिए उपस्थिति अनिवार्य कर दी है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर कोर्ट अगला कदम क्या उठाएगा।
पीड़िता की स्थिति और समर्थन
पीड़िता की स्थिति तेजी से बदल रही है, और सामाजिक कार्यकर्ता व मानवाधिकार संगठन उनके समर्थन में आगे आ रहे हैं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, अदालत का आदेश इस बात का संकेत है कि न्याय मिलने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। सभी पक्षों की उपस्थिति के बाद ही, इस मामले की सही तस्वीर सामने आ सकेगी।
समाज में जागरूकता का प्रभाव
गैंगरेप के मामलों में बढ़ती जागरूकता और नारी सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा के कारण, इस केस ने समाज में गहरी छाप छोड़ी है। कई लोग मानते हैं कि न्यायालय की भूमिका इस मामले के महत्व को और भी बढ़ा देती है।
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