ओडिशा के KIIT में छात्रा के मौत पर विरोध:BHU के छात्रों ने कैंडल जलाकर मांगा न्याय,बोले - लैंगिक हिंसा पर बने बड़ा कानून
बीएचयू के छात्रों ने आज KIIT ओडिशा में नेपाल की छात्रा प्रकृति लाम्साल की दुखद मौत के खिलाफ न्याय की माँग के लिए सभा की। BHU के सिंह पर कैंडल जलाकर छात्र छात्राओं प्रदर्शन किया गया। छात्रों ने ओडिशा सरकार और KIIT प्रशासन की लापरवाही को पर अपना विरोध दर्ज कराया। सिंह पर कैंडल जलाकर किया विरोध विरोध में शामिल छात्रों ने कहा - प्रकृति की शिकायतों के बावजूद KIIT प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की जिससे स्थिति और बिगड़ी। प्रकृति की मौत के बाद, जब छात्रों ने न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन किया, तो KIIT प्रशासन ने कथित तौर पर नेपाली छात्रों को कैंपस ख़ाली करने को कहा। उन्होंने कहा ओडिशा सरकार ने KIIT की लापरवाही पर त्वरित कार्रवाई नहीं की है, और प्रकृति के मामले में न्याय सुनिश्चित करने में कोई सक्रियता नहीं दिखाई। हम बीएचयू छात्र इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग करते हैं। GSCASH लागू करने की उठाई मांग अमन राय ने कहा हम KIIT के सभी प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं जो नस्लीय भेदभाव में शामिल थे। बीएचयू के छात्र देश भर के कैंपसों में लैंगिक हिंसा के खिलाफ मज़बूती से खड़े हैं और सरकार से मांग करते हैं कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को गंभीरता से लिया जाए। इस दौरान NSUI, AISA समेत संविधान और न्याय पसंद बीएचयू के छात्रों के साथ नेपाल के सैकड़ो छात्र छात्राएं मौजूद रहें।

ओडिशा के KIIT में छात्रा के मौत पर विरोध
हाल ही में ओडिशा के KIIT विश्वविद्यालय में हुई एक छात्रा की दुखद मौत ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों का कारण बना दिया है। इस घटना ने न केवल एनआरआई समुदाय में चिंता बढ़ाई है, बल्कि यह लैंगिक हिंसा की गंभीरता और उसे रोकने के लिए कानून बनाने की आवश्यकता पर भी एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
BHU के छात्रों का विरोध
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्रों ने हाल ही में एक कैंडल मार्च आयोजित किया, जिसमें उन्होंने मृतक छात्रा के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मार्च में छात्रों ने सरकार से लैंगिक हिंसा के खिलाफ कठोर कानून बनाने की मांग की। छात्रों ने नारे लगाए और एकजुटता दर्शायी, यह दर्शाते हुए कि अब और चुप रहना असंभव है।
लैंगिक हिंसा पर कानून की आवश्यकता
छात्रों का कहना है कि देश में लैंगिक हिंसा की घटनाएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं और इससे जुड़े कानूनों को सख्त बनाना अत्यंत आवश्यक है। यह प्रदर्शनों का एक बड़ा कारण है, क्योंकि छात्रों को यकीन नहीं है कि मौजूदा कानूनों का ठीक से पालन हो रहा है। वे चाहते हैं कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
समर्थन और एकता
विरोध प्रदर्शन के दौरान, छात्र समूहों ने एकजुटता का एक संदेश दिया। वे केवल इस घटना में नहीं, बल्कि पूरे भारत में लैंगिक हिंसा के खिलाफ खड़े होने का संकल्प लिए हुए हैं। यह संकेत देता है कि युवा पीढ़ी अपने अधिकारों के लिए लड़ने में संकोच नहीं करेगी।
निष्कर्ष
ओडिशा के KIIT में छात्रा की मौत एक दुखद घटना है, जो हमें लैंगिक हिंसा के खिलाफ मजबूत आवाज उठाने की याद दिलाती है। आने वाले दिनों में, यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी इस मुद्दे पर ध्यान दें और राहत के उपायों पर गंभीरता से विचार करें। न्याय की मांग करना और प्रभावी कानून बनाना सभी की जिम्मेदारी है।
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