भारत ट्रेनिंग के लिए नहीं आएंगे 50 बांग्लादेशी जज:युनूस सरकार ने रद्द किया कार्यक्रम; शेख हसीना के PM रहते हुआ था समझौता
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ट्रेनिंग के लिए भारत आने वाले 50 जजों के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। इकोनॉमिक टाइम्स ने ये जानकारी आज बांग्लादेशी कानून मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से दी है। ये सभी जज और न्यायिक अधिकारी 10 फरवरी से ट्रेनिंग के लिए भारत आने वाले थे। जजों की ट्रेनिंग को लेकर 2017 में शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहते समझौता हुआ था। न्यूज आउटलेट डेली स्टार के मुताबिक बांग्लादेशी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद युनूस सरकार सरकार ने इस प्रोग्राम को कैंसिल कर दिया। एक दिन पहले युनूस सरकार की ओर से बांग्लादेश संगबाद संस्था ने रिपोर्ट जारी कर कहा था कि लोअर कोर्ट के 50 जज मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी और राज्य न्यायिक अकादमी में एक दिन की ट्रेनिंग में हिस्सा लेंगे। ट्रेनिंग कार्यक्रम का पूरा खर्चा भारत सरकार की ओर से उठाया जाना था। प्रोग्राम के तहत चुने ट्रेनी जज जिला और सत्र जज या इसके समकक्ष अधिकारी, अतिरिक्त जिला और सत्र जज, संयुक्त जिला जज, वरिष्ठ सहायक जज और सहायक जज थे। शेख हसीना ने 2017 में किया था समझौता शेख हसीना ने प्रधानमंत्री रहते 2017 में भारत का दौरा किया था। इस दौरान दोनों देशों ने 22 समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इनमें बांग्लादेश की ज्यूडिशियरी के अधिकारी की ट्रेनिंग और कैपेसिटी डेवलपमेंट का कार्यक्रम भी शामिल था। इसे लेकर भारत की राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी और बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के बीच भी समझौता हुआ था। तनाव के बाद भी व्यापार जारी देशों में लगातार बढ़ते तनाव के बीच व्यापार जारी है। बांग्लादेश ने भारत से 2 लाख टन चावल खरीदने का फैसला किया है। जिसकी 27 हजार टन चावल की पहली खेप 27 दिसंबर के बांग्लादेश के चटगांव पहुंची। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार 2 लाख टन उबले चावल के अलावा टेंडर के जरिए भारत से 1 लाख टन चावल का इंपोर्ट करेगी। बांग्लादेश में लगातार बढ़ रहे हिंदुओं पर हमले बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार गिरने के बाद से भारत विरोधी भावनाओं को बल मिला है। बांग्लादेश सरकार भारत से शेख हसीना को डिपोर्ट करने की मांग कर चुकी है। इसके अलावा अल्पसंख्यकों से जुड़े धार्मिक स्थलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। हिंदू नेताओं को धमकियां मिल रही हैं। इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास देशद्रोह के आरोप में 25 नवंबर से पुलिस हिरासत में हैं। ------------------------ यह खबर भी पढ़ें... यह खबर भी पढ़ें...बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय प्रभु की जमानत याचिका खारिज:चटगांव कोर्ट में आधे घंटे चली सुनवाई, अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय प्रभु दास की जमानत याचिका आज दूसरी बार खारिज हो गई। न्यूज एजेंसी डेली स्टार के मुताबिक चटगांव सेशन कोर्ट के जज सैफुल इस्लाम ने दोनों पक्षों की दलील पढ़ने के बाद ये फैसला दिया। इस मामले में करीब आधे घंटे तक सुनवाई चली। यहां पढ़ें पूरी खबर...

भारत ट्रेनिंग के लिए नहीं आएंगे 50 बांग्लादेशी जज
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रद्द किया गया जजों का प्रशिक्षण कार्यक्रम
बांग्लादेश की युनूस सरकार ने हाल ही में भारत में प्रशिक्षण के लिए 50 बांग्लादेशी जजों का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। यह निर्णय उस समझौते के संदर्भ में आया है जो शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहते हुए किया गया था। यह कार्यक्रम बांग्लादेश-भारत के बीच न्यायिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित था।
समझौता का महत्व
इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों में न्यायिक प्रणाली को मजबूत करना और कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। लेकिन हालिया घटनाक्रमों ने इस कार्यक्रम की प्रगति को बाधित कर दिया है। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो दोनों देशों के बीच संबंधों पर प्रभाव डाल सकता है।
राजनीतिक संदर्भ
इस निर्णय के पीछे का राजनीतिक संदर्भ भी महत्वपूर्ण है। राजनीतिक विचारधाराएं और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर प्रभाव डालने वाले कारक हमेशा ऐसे निर्णयों में शामिल होते हैं। बांग्लादेश के न्यायिक क्षेत्र में इस कार्यक्रम की कमी भविष्य में न्यायिक प्रशिक्षण और संसाधनों की उपलब्धता को प्रभावित कर सकती है।
अंतिम निष्कर्ष
भारत और बांग्लादेश के बीच न्यायिक सहयोग का यह मुद्दा दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। आगे बढ़ने के लिए, आवश्यक है कि दोनों सरकारें इस स्थिति पर बातचीत करें और समाधान खोजने के लिए कदम उठाएँ।
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