भारत ने लद्दाख में चीन की काउंटी का विरोध जताया:कहा- इसका कुछ हिस्सा हमारे क्षेत्र में, चाइना होतान में दो नई काउंटी बना रहा

भारत ने चीन की ओर से लद्दाख के कुछ इलाकों को अपना बताने पर विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन अपने होतान प्रांत में दो नए काउंटी (जिला) बनाने की कोशिश कर रहा है। इनका कुछ हिस्सा लद्दाख में पड़ता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा- भारत ने लद्दाख में चीन के अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। चीन के नए काउंटी का ऐलान करने से भारत की संप्रभुता पर कोई असर नहीं होगा। न ही इस क्षेत्र में चीन के अवैध और जबरन कब्जे को मान्यता मिलेगी। राजनयिक माध्यम से हमने इसकी शिकायत की है। चीन ने बीते महीने होतान प्रांत में दो नई काउंटी हेआन और हेकांग बनाने का ऐलान किया। इन काउंटियों में मौजूद कुछ इलाके भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा हैं। भारत ने साफ-साफ कहा है कि ये इलाका भारत का अभिन्न हिस्सा है और चीन का दावा पूरी तरह से अवैध है। वहीं, दूसरा मामला ब्रह्मपुत्र नदी से जुड़ा है। चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर एक डैम बना रहा है, जिसे लेकर भारत ने आपत्ति जताई है। ब्रह्मपुत्र नदी पर डैम बनाने को लेकर भारत ने चिंता जताई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि हमने इस बारे में सुना है कि चीन, तिब्बत में यारलुप त्यांगपो (ब्रह्मपुत्र) नदी पर बिजली बनाने से जुड़े एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि भारत में इस नदी का पानी नीचे जाकर मिलता है। हम इसका इस्तेमाल करते हैं, इसलिए हमने लगातार राजनयिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के सामने चिंता जताई है। हमने चीनी पक्ष से आग्रह किया है कि ब्रह्मपुत्र के डाउनस्ट्रीम राज्यों के हितों को इन गतिविधियों से नुकसान न पहुंचे। दुनिया का सबसे बड़ा डैम बना रहा चीन रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन तिब्बत के इलाके में दुनिया के सबसे बड़ा डैम बना रहा है। ये डैम यारलुंग त्सांगपो नदी पर बनाया जाएगा। ये नदी भारत में आकर ब्रह्मपुत्र बन जाती है और बांग्लादेश में इसे जुमना नदी कहा जाता है। चीन ने हाल ही में इस डैम प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। चीन इस परियोजना पर 137 अरब डॉलर खर्च करेगा, जो कि भूकंप वाले हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। चीन के इस नदी पर डैम बनाए जाने की खबरों को लेकर भारत और बांग्लादेश के जानकारों ने चिंताएं भी जताई थीं। हालांकि चीन ने इस डैम प्रोजेक्ट का बचाव किया है। चीन ने कहा कि यह प्रोजेक्ट बिल्कुल सेफ है। इसे कई दशकों की रिचर्स के बाद बनाया जा रहा है। चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन ने हमेशा से क्रॉस-बॉर्डर नदियों के विकास की जिम्मेदारी निभाई है। उन्होंने बताया कि तिब्बत में हाइड्रोपावर डेवलपमेंट को दशकों की इन-डेप्थ स्टडी के बाद मंजूरी दी गई है। इसके बनने से निचले इलाके में रहने वाले लोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रवक्ता माओ ने कहा था कि चीन सीमावर्ती देशों के साथ बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन निचली नदियों के किनारे मौजूद देशों के साथ भूकंप और आपदा प्रबंधन में मदद करेगा ताकि नदी के किनारे रहने वाले लोगों को फायदा हो सके। ------------------ चीन से जुड़ी ये खबर भी पढ़े.. चीन में कोरोना जैसा नया वायरस फैला:छोटे बच्चों पर ज्यादा असर, दावा- प्रभावित इलाकों में इमरजेंसी; 2019 में वुहान से कोविड फैला था कोविड-19 के 5 साल बाद चीन में फिर एक बार नए वायरस का संक्रमण फैल रहा है। इसके लक्षण भी कोरोना वायरस की तरह ही है। इस नए वायरस का नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) है, जो कि एक RNA वायरस है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Jan 3, 2025 - 23:53
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भारत ने लद्दाख में चीन की काउंटी का विरोध जताया:कहा- इसका कुछ हिस्सा हमारे क्षेत्र में, चाइना होतान में दो नई काउंटी बना रहा
भारत ने चीन की ओर से लद्दाख के कुछ इलाकों को अपना बताने पर विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय ने क

भारत ने लद्दाख में चीन की काउंटी का विरोध जताया

भारत का स्पष्ट संदेश

भारत ने हाल ही में लद्दाख क्षेत्र में चीन द्वारा स्थापित की जा रही नई काउंटियों के खिलाफ विरोध जताया है। भारतीय सरकार का कहना है कि चीन की इस गतिविधि का एक हिस्सा भारतीय क्षेत्र में है और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह बयान तब आया जब चीन ने होतान में दो नई काउंटियों की स्थापना की योजना का ऐलान किया। भारत ने हमेशा अपनी सीमा को लेकर स्पष्ट स्थिति रखी है और ऐसे कदमों को संप्रभुता का उल्लंघन मानता है।

चीन की नई काउंटियों का प्रभाव

नई काउंटियों का निर्माण केवल क्षेत्रीय विवादों को बढ़ाने का काम करेगा, और यह दोनों देशों के बीच के तनाव को और बढ़ा सकता है। चीन का यह कदम भारत के संवेदनशील क्षेत्र में किए गए एकतरफा प्रयासों का हिस्सा है। भारत ने पहले भी चीन द्वारा किए जा रहे ऐसे प्रयासों के खिलाफ आवाज उठाई है और यह स्थिति फिर से एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है।

भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया

भारत ने इस मुद्दे पर अपनी रणनीतिक प्रतिक्रिया को और मजबूत किया है। भारतीय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वे अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस संदर्भ में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने नई सुरक्षा नीति को लागू करने की दिशा में तेज कदम उठाए हैं।

समापन विचार

भारत की काउंटी के बारे में चीन की वर्तमान गतिविधियाँ न केवल एक भौगोलिक विवाद को जन्म देती हैं, बल्कि यह भारत-चीन संबंधों के लिए भी चुनौतीपूर्ण हैं। भारत की यह स्पष्टता दर्शाती है कि वह अपनी संप्रभुता को लेकर गंभीर है। ऐसे में, दोनों देशों के बीच संवाद की आवश्यकता और भी ज्यादा महसूस होती है।

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