मरीजों की खरीद-फरोख्त रोकेगी एडी हेल्थ की टीम:भास्कर की इन्वेस्टिगेशन के बाद हरकत में आया शासन; सभी मंडलों में भेजा आदेश
गोरखपुर एवं आसपास के जिलों में मरीजों की खरीद-फरोख्त के मामले में शासन ने सख्त कदम उठाया है। दैनिक भास्कर ने ऐसे अस्पतालों की इन्वेस्टिगेशन करते हुए 12 मार्च को रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें गोरखपुर के कई हास्पिटल संचालक आन कैमरा मरीजों के बदले कमीशन देने की बात स्वीकार करते नजर आ रहे हैं। कई तो मुर्दों का इलाज करने को भी तैयार हो गए। यह रिपोर्ट प्रकाशित होने के तत्काल बाद 4 अस्पतालों का पंजीकरण अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया। 5 अन्य की जांच चल रही है। इधर इस रिपोर्ट के बाद शासन ने इस मामले में प्रदेश के सभी एडी हेल्थ को मरीजों की खरीद-फरोख्त करने वाले अस्पतालों पर शिकंजा कसने का निर्देश दिया है। एडी हेल्थ के नेतृत्व में कमेटी गठित करने का निर्देश मिला है। गोरखपुर में यह कमेटी गठित हो चुकी है। सोमवार को इसकी पहली बैठक भी हुई। जानिए क्या करेगी कमेटी एडी हेल्थ डा. बीएम राव ने बताया कि यह टीम मंडल के अस्पतालों में जाकर यह सुनिश्चित करेगी कि कहीं मरीजों को बिचौलियों के माध्यम से भर्ती कर उनका शोषण तो नहीं किया जा रहा। कमीशन के बदले मरीज तो नहीं भर्ती किए जा रहे। इस जांच के दायरे में पैथालाजी संचालक भी आएंगे। यदि किसी की संलिप्तता मिली तो उसपर कार्रवाई की जाएगी। हर महीने इस तरह की औचक जांच होगी। सरकारी अस्पतालों से मरीजों को ले जाने के मामले भी देखे जाएंगे भास्कर की इन्वेस्टिगेशन में यह भी दिखाया गया है कि किस तरह एक सरकारी अस्पताल का कर्मचारी कमीशन के बदले मरीजों को कुशीनगर व गोरखपुर के निजी अस्पतालों मे भेजता है। इसे देखते हुए एडी हेल्थ की अध्यक्षता में गठित कमेटी सरकारी अस्पतालों में भी ऐसी गतिविधियों पर नजर रखेगी। बैठक में मंडल के चिकित्साधिकारियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया था। उनसे स्पष्ट कहा गया है कि इस तरह का काम होता पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। निजी अस्पताल संचालकों को चेताया एडी हेल्थ की ओर से सोमवार को बुलाई गई बैठक में गोरखपुर मंडल के निजी अस्पताल संचालकों को भी बुलाया गया था। उन्हें चेताया गया कि किसी भी दशा में वे मरीजों की खरीद-फरोख्त में शामिल न रहें। ऐसा पाया गया तो विधिक कार्रवाई की जाएगी। बैठक में डा. एके गर्ग, डा. एके सिंह, डा. एके द्विवेदी, डा. जयकुमार, डा. एके वर्मा, डा. वीएन शुक्ला, अरविंद पांडेय, डा. वीके श्रीवास्तव आदि शामिल रहे।

मरीजों की खरीद-फरोख्त रोकेगी एडी हेल्थ की टीम
सालों से चली आ रही मरीजों की खरीद-फरोख्त की समस्या को अब खत्म करने के लिए एडी हेल्थ की टीम सक्रिय हो गई है। भास्कर द्वारा किए गए गहन इन्वेस्टिगेशन के बाद शासन ने इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दिया है। अब सभी मंडलों पर इस रोकथाम के लिए आदेश भेजा गया है। यह कदम उन मरीजों के हित में है जो अवैध प्रथाओं का शिकार हो रहे हैं।
भास्कर की इन्वेस्टिगेशन के बाद शासन की कार्रवाइयाँ
भास्कर द्वारा उजागर की गई तथ्यों ने शासन को मरीजों की खरीद-फरोख्त के खिलाफ एक सख्त कदम उठाने पर मजबूर किया है। यह कार्रवाई न केवल मरीजों की सुरक्षा के लिए बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए भी जरूरी है। एडी हेल्थ की टीम अब सभी अस्पतालों में दौरा करेगी और अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
एडी हेल्थ की टीम के कार्य
एडी हेल्थ की टीम का मुख्य उद्देश्य मरीजों की खरीद-फरोख्त पर लगाम लगाना है। इसके तहत सभी मंडलों को निर्देशा दिया गया है कि वे अस्पतालों में जाकर विक्रय और प्रबंधन की जांच करें। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी मरीज अवैध तरीके से प्राप्त न किया जा सके।
स्वास्थ्य प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता
इस दिशा में उठाए गए कदम निश्चित रूप से स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार लाएंगे। शासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन सभी अस्पतालों को करना होगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरीजों के उपचार में कोई बाधा न आए।
समग्र स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार के लिए यह एक सकारात्मक कदम है। यह न सिर्फ मरीजों की भलाई में मदद करेगा, बल्कि स्वास्थ्य केंद्रों की विश्वसनीयता भी बढ़ाएगा।
अंत में, यह कार्रवाई उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो ऐसी अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं। अब समय आ गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और मरीजों के अधिकारों का सम्मान किया जाए।
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