महाकुंभ से चमका कानपुर का बाजार, 100 करोड़ का कारोबार:37 करोड़ की चायपत्ती व 63 करोड़ के मसाले; मेवा भेजे गए
144 साल बाद आयोजित हो रहे महाकुंभ की धूम देश–विदेश में मची हुई है। पूरी दुनिया से श्रद्धालु इस महाकुंभ में शामिल होने आ रहे है। करीब डेढ़ माह तक आयोजित होने वाले इस महापर्व के मौके पर कानपुर का बाजार भी चमक उठा है, जिसमें सबसे ज्यादा इजाफा चायपत्ती के कारोबार में हुआ है। कानपुर के कलक्टर गंज बाजार से 37 करोड़ लागत की 25 लाख किलो चायपत्ती प्रयागराज जा रही है। पिछले कुंभ में 12 लाख की चायपत्ती की हुई थी खपत कानपुर चाय व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्याम अग्रहरि ने बताया कि पिछले कुंभ के आयोजनों में कानपुर से 10 से 12 लाख चायपत्ती कुंभ मेले में जाती थी, जिसमें तकरीबन 3 करोड़ का व्यापार होता था। सर्दी के मौसम में चायपत्ती की खपत तेजी से बढ़ती है, इसके साथ महाकुंभ के आयोजन में करीब 25 लाख किलो चायपत्ती कानपुर से जाएगी। अब तक 5 लाख किलो चायपत्ती मेले में जा चुकी है। श्याम ने बताया कि मेले में 150 रुपए 350 रुपए किलो तक की चायपत्ती के लोकल पैकेट के साथ 220 से 700 रुपए तक की ब्रांडेड चायपत्ती की खूब डिमांड की जा रही है। वहीं खुली चायपत्ती की मांग भी हो रही है, जो 150 रुपए से लेकर 400 रुपए तक बाजारों में उपलब्ध है। 150 मसालें व मेवे की दुकानें वहीं द किराना मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश बाजपेई ने बताया कि नयागंज बाजार में करीब 150 मेवे व खाद्य मसालों की थोक दुकानें है, जिनमें में अधिकांश दुकानों से प्रयागराज के व्यापारी मसालों व मेवे की डिमांड कर रहे है। उन्होंने बताया कि बाजार से अब तक करीब 60 टन से अधिक मेवा व हल्दी, धनिया, मिर्च, जीरा प्रयागराज जा चुका है। 13 जनवरी से शुरु हो रहे महाकुंभ मेले में और कारोबार होने की उम्मीद है।

कानपुर का तीर्थ दर्शन
महाकुंभ का आयोजन हर बार एक विशेष उत्साह और धार्मिकता के साथ किया जाता है, और इस बार कानपुर का बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा। महाकुंभ के दौरान, कानपुर ने करीब 100 करोड़ रुपए का कारोबार दर्ज किया है। यह अवसर न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि व्यापारियों के लिए भी लाभप्रद साबित हुआ है।
चायपत्ती और मसालों की बिक्री
इस बार महाकुंभ में कानपुर से 37 करोड़ रुपये की चायपत्ती हर्षित होकर बेची गई। इसके अलावा, मसालों का कारोबार भी 63 करोड़ रुपए का रहा। इन सभी चीजों की डिमांड ने बाजार को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। व्यापारियों ने ये उत्पाद श्रद्धालुओं के तीर्थ यात्रा के समय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए थे।
मेवों का विशेष योगदान
कानपुर के व्यापारियों ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए विशिष्ट मेवों की भी आपूर्ति की। मेवों का सेवन धार्मिक अवसरों पर एक परंपरा है, जो इस मौकों को और भी खास बनाता है। व्यापारी संघ ने मेवों की क्वालिटी और विविधता पर खास ध्यान दिया है, जिससे उन्हें खरीदने में श्रद्धालुओं की रुचि बढ़ी है।
सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव
महाकुंभ का यह आयोजन कानपुर के व्यापारियों के लिए आर्थिक स्फूर्ति का एक साधन है। जब भी ऐसे धार्मिक आयोजनों का मंच सजता है, तब स्थानीय बाजार को एक नई पहचान और दिशा मिलती है। इससे न केवल व्यवसाय prosper होता है बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करता है।
निष्कर्ष
महाकुंभ से कानपुर का बाजार चमक उठा है, और यह सभी व्यापारियों के लिए एक लाभकारी अवसर साबित हुआ है। यह स्थिति न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज के धार्मिक अनुप्रयोग और आत्मिक संतोष से भी जुड़ी हुई है। Keywords: महाकुंभ कानपुर व्यापार, कानपुर में 100 करोड़ का कारोबार, महाकुंभ चायपत्ती बिक्री, कानपुर मसाले महाकुंभ, महाकुंभ में मेवे आपूर्ति, कानपुर बाजार में वृद्धि, धर्मार्थ व्यापार अवसर, कानपुर महाकुंभ 2023. For more updates, visit indiatwoday.com.
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