मुजफ्फरनगर में 40 बीघा में फैली अवैध-कॉलोनियों पर चला बुलडोजर:बिना नक्शा पास कराए ही कर दी गई थी प्लाटिंग, एमडीए ने की कार्रवाई
मुजफ्फरनगर में एमडीए ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 40 बीघा भूमि पर विकसित की जा रही अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त कर दिया। ये कार्रवाई प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कविता मीना के निर्देश की गई। इस कार्रवाई के तहत चार स्थलों पर अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया गया, जहां बिना नक्शा पास कराए ही प्लाटिंग की जा रही थी। कॉलोनाइजर राहुल अरोड़ा व अन्य ने सफेदा रोड फ्लाईओवर के पास 10 बीघा भूमि पर अवैध प्लॉटिंग की थी। एमडीए की कार्रवाई की जद में ये प्लाटिंग स्थल भी आया तो यहां पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। इसके अलावा बुआड़ा रोड पर तहसील के पास मुबसरा कमर और आमिर अहमद द्वारा 12 बीघा भूमि में की गई अवैध प्लॉटिंग पर भी एमडीए का बुलडोजर चला। इतना ही नहीं, ग्राम शेखपुरा में विभूति गुप्ता एवं अन्य ने 15 बीघा भूमि पर अवैध कॉलोनी विकसित की थी, जिसे एमडीए के बुलडोजर ने ध्वस्त कर दिया। इनके अलावा जानसठ रोड पर गंगाधड़ी में पेट्रोल पंप के पीछे दिनेश जैन एवं अन्य ने 3 बीघा भूमि पर अवैध प्लॉटिंग की थी। इस ज़मीन पर भी एमडीए का बुलडोजर चला। एमडीए के मुताबिक, इन सभी कॉलोनियों के मालिकों को पहले ही प्राधिकरण द्वारा नोटिस जारी किए गए थे। इसके बावजूद अवैध निर्माण नहीं हटाया गया, जिसके बाद ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए गए। ध्वस्तीकरण की इस कार्रवाई के दौरान प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता और स्थानीय सुपरवाइजर के साथ पुलिस बल और नायब तहसीलदार भी मौजूद रहे। प्राधिकरण ने साफ किया है कि बिना मानचित्र स्वीकृति के विकसित हो रही अवैध कॉलोनियों के खिलाफ ये अभियान आगे भी जारी रहेगा। अवैध कॉलोनाइजरों को चेतावनी दी गई है कि वे प्राधिकरण की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार की कॉलोनी विकसित करने से बचें।

मुजफ्फरनगर में 40 बीघा में फैली अवैध-कॉलोनियों पर चला बुलडोजर
मुजफ्फरनगर की अवैध कॉलोनियों पर हाल ही में कार्रवाई की गई है, जिसमें 40 बीघा भूमि पर बनाए गए अवैध प्लॉट्स को ध्वस्त किया गया है। यह कार्रवाई मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) द्वारा की गई, जिन्होंने बिना नक्शा पास कराए कॉलोनियों की प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ सख्ती दिखाई।
अवैध कॉलोनियों की पहचान
मोहल्ला मोहब्बत नगर और आसपास के क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियां बनाईं गई थीं, जिनमें न केवल अव्यवस्था थी बल्कि स्थानीय निवासियों की समस्याएँ भी बढ़ती जा रही थीं। प्रशासन द्वारा किए गए इस अभियान के तहत, अधिकारियों ने जमीन का मुआयना किया और पाया कि यह कॉलोनियों स्थानीय विकास मानकों का उल्लंघन करते हुए बनाई गई थी।
एमडीए की कार्रवाई
एमडीए ने अवैध प्लॉटिंग की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई करने का निर्णय लिया। बताया जा रहा है कि कई लोगों ने बिना उचित अनुमति और नक्शा पास कराए जमीनों की खरीद-फरोख्त करके लाभ उठाने की कोशिश की थी। इस कार्रवाई का उद्देश्य अवैध निर्माण को रोकना और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना है।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय निवासियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है। कुछ लोगों ने इसे सही निर्णय माना है, जबकि कुछ का मानना है कि इस तरह की सख्ती से स्थानीय विकास अवरुद्ध हो सकता है। प्रशासन का लक्ष्य है कि भविष्य में अवैध निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए।
समग्र रूप से, यह कदम आवासीय मामलों में अनुशासन लाने की कोशिश है और यह स्थानीय विकास में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, यह संदेश भी जाता है कि स्थानीय प्राधिकरण अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
News by indiatwoday.com
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