रामपुर में बेसिक शिक्षा विभाग का बड़ा घोटाला:फर्जी नियुक्ति और प्रमोशन में 9 अधिकारी घिरे, लाखों का लेनदेन सामने आया
रामपुर के बेसिक शिक्षा विभाग में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें फर्जी नियुक्तियों और प्रमोशन का खेल चल रहा था। इस मामले में विभाग के 7 शिक्षक, एक सहायक लेखाकार और 2 लेखा अधिकारी जांच के घेरे में हैं। मामले की शुरुआत शिक्षिका ज्ञानेश्वरी देवी की फर्जी नियुक्ति से हुई, जो ऊंची चौपाल स्थित जवाहरलाल पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत थीं। जांच में पता चला कि उनके पति नेगपाल सिंह, जो विभाग में सहायक लेखाकार के पद पर थे, ने अपनी पत्नी की फर्जी नियुक्ति करवाई थी। इस मामले में पुलिस ने नेगपाल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जोन कमिश्नर के आदेश पर गठित जांच टीम में अपर आयुक्त शशि भूषण, एडी बेसिक बुद्धिनाथ सिंह और जिला कोषाधिकारी रंजीत सिंह शामिल हैं। टीम ने बीएसए कार्यालय में लेखाधिकारी कार्यालय के दस्तावेजों की जांच की, जिसमें नेगपाल सिंह के प्रमोशन से जुड़े कागजात भी शामिल हैं। जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सहायक लेखाकार के करीबी माने जाने वाले 7 शिक्षकों के बैंक खातों में लाखों रुपये का संदिग्ध लेनदेन पाया गया है। जांच टीम इन सभी लेनदेन की बारीकी से छानबीन कर रही है। इस घोटाले ने विभाग में हड़कंप मचा दिया है। वर्तमान में जेल में बंद नेगपाल सिंह के निलंबन की प्रक्रिया में भी कुछ पेचीदगियां सामने आई हैं, जिन पर विभाग विचार कर रहा है। पूरे मामले में पुलिस और विभागीय दोनों स्तरों पर जांच जारी है। दरअसल पिछले साल सहायक लेखाकार के जब प्रमोशन में गड़बड़ी की बात सामने आई थी तब डीएम के आदेश पर तत्कालीन बीएसए ने आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा निदेशालय को पत्र लिखकर कार्रवाई की संस्तुति की थी, जिस पर पांच जनवरी 24 को निदेशालय के अपर निदेशक रविंद्र कुमार ने बीएसए को जवाब दिया था कि उक्त नाम का कोई भी सहायक लेखाकार विभाग की ज्येष्ठता सूची में ही नहीं है। विभाग ने नेगपाल को अपना कर्मचारी ही नहीं माना था। शासन को लिखा गया पत्र इस आदेश के बाद प्रमोशन को रद्द करने की प्रक्रिया लेखा विभाग को करनी थी, लेकिन मामला यहां भी फंस गया और कार्रवाई का भी पेच फंस गया। अब सहायक लेखाकार को जेल भेजा जा चुका है, लेकिन विभागीय अधिकारी जांच की बात कहते हुए निलंबन की कार्रवाई से बच रहे हैं। सहायक लेखाधिकारी नेगपाल सिंह को किसने अपॉइंट किया, यह साफ नहीं है। अब अकाउंट्स डिपार्टमेंट ने शासन को पत्र लिखा है। विभाग के सूत्रों के मुताबिक अब शासन को पत्र लिखा गया है। अपॉइंटमेंट, सैलरी, प्रमोशन देने की प्रक्रिया में फंसे अकाउंट्स ऑफिसर पुलिस और विभागीय जांच के शिकंजे में फर्जी अपॉइंटमेंट और सैलरी देने के साथ ही असिस्टेंट अकाउंटेंट के प्रमोशन के मामले में दो अकाउंट्स ऑफिसर भी जद में हैं।

रामपुर में बेसिक शिक्षा विभाग का बड़ा घोटाला
रामपुर में बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़ा एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। इस घोटाले में 9 अधिकारी फर्जी नियुक्ति और प्रमोशन के आरोपों में फंसे हुए हैं। शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार की समस्या का यह एक नया उदाहरण है, जिसमें लाखों रुपये का लेन-देन शामिल है। इस घटना ने शिक्षा के क्षेत्र में गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं और इसकी जांच की जा रही है।
घोटाले का विवरण
इस घोटाले का मुख्य आरोप यह है कि कई अधिकारियों ने नियमों की अवहेलना करते हुए फर्जी तरीके से शिक्षकों की नियुक्तियां की। प्रमोशन देने के बदले पैसे की लेन-देन का मामला भी सामने आया है। इसमें कुछ अधिकारियों पर रिश्वत लेने के भी आरोप हैं, जो शिक्षा में दक्षता को नुकसान पहुंचाते हैं। यह मामला न केवल विभाग के लिए, बल्कि छात्रों के लिए भी चिंताजनक है।
अधिकारियों की पहचान
जिन 9 अधिकारियों का नाम इस घोटाले में शामिल किया गया है, उनमें से कई उच्च पदों पर कार्यरत हैं। इन अधिकारियों की पहचान और उनकी भूमिकाओं की विस्तृत जांच की जा रही है। इस संदर्भ में कुछ गवाहों ने भी खुलासे किए हैं, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
सरकार की प्रतिक्रिया
घोटाले की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय सरकार को अलर्ट किया गया है। सरकार ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति का कार्य सभी तथ्यों को खंगालना और घोटाले में शामिल सभी अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराना है।
भविष्य में कार्रवाई
इस घोटाले के स्पष्ट होने के बाद उम्मीद है कि प्रशासन इस दिशा में ठोस कार्रवाई करेगा। सरकार ने शिक्षकों और छात्रों के हित में सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है। आने वाले समय में, इस घोटाले से जुड़े सवालों के जवाब देना आवश्यक होगा ताकि शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता के साथ-साथ छात्रों का विश्वास भी बहाल हो सके।
इस तरह के सामूहिक घोटाले न केवल शिक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं, बल्कि भ्रष्टाचार की जड़ों को भी मजबूत करते हैं। इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाना बहुत जरूरी है। News by indiatwoday.com Keywords: रामपुर बेसिक शिक्षा विभाग घोटाला, फर्जी नियुक्ति प्रमोशन, शिक्षा में भ्रष्टाचार, अधिकारी रिश्वत, लाखों का लेन-देन, जांच समिति, शिक्षा प्रणाली में गंभीरता, सरकार की प्रतिक्रिया, शिक्षा में सुधार.
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