रायसीना डायलॉग का आज दूसरा दिन:पहले सत्र में विदेश मंत्री जयशंकर मौजूद; देशों की अखंडता की रक्षा पर चर्चा जारी
नई दिल्ली में चल रहे रायसीना डायलॉग का आज दूसरा दिन है। मंगलवार को सत्र की शुरुआत विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह के संबोधन से हुई। इसके बाद पैनल डिस्कशन जारी है। इस डिस्कशन में विदेश मंत्री एस जयशंकर मौजूद है। पैनल डिस्कशन में देशों की अखंडता की रक्षा के मुद्दे पर बातचीत हो रही है। जयशंकर के अलावा लिचेंस्टीन की विदेश मंत्री डोमिनिक हसलर, स्लोवाक रिपब्लिक के विदेश मंत्री जुराज ब्लानर, स्वीडन के पूर्व प्रधानमंत्री कार्ल बिल्ड्ट भी मौजूद है। इससे पहले कल कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10वें रायसीना डायलॉग के उद्घाटन में शामिल हुए। इस दौरान न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने बतौर चीफ गेस्ट समिट को संबोधित किया। 3 दिन का यह सम्मेलन 19 मार्च तक चलेगा। न्यूजीलैंड PM ने सत श्री अकाल से शुरू किया संबोधन न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री लक्सन ने समिट को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने नमस्कार, सत श्री अकाल! बोलकर लोगों को संबोधित किया। लक्सन ने चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के लिए भारत को बधाई दी। संबोधन की प्रमुख बातें... विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूजीलैंड के पीएम को उनके भाषण के लिए शुक्रिया कहा। जयशंकर ने कहा कि आज के ग्लोबल ऑर्डर में अलग ढंग से सोचने और मुश्किलों के क्रिएटिव हल निकालने की जरूरत है। तीसरी दुनिया के किसी देश में होने वाली इकलौती कॉन्फ्रेंस शांगरी-ला डायलॉग की तर्ज पर शुरू हुआ ------------------------------------ यह खबर भी पढ़ें... अमेरिकी इंटेलिजेंस हेड बोलीं-भारत में PAK समर्थित हमले इस्लामी आतंक:इससे दुनिया पर खतरा, ट्रम्प ने इस्लामी आतंकवाद से लड़ने का वादा किया है अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने भारत में लगातार हो रहे पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमलों को इस्लामी आतंक बताया है। उन्होंने कहा कि ये आतंक भारत और अमेरिका समेत कई मिडिल ईस्ट देशों पर भी खतरा बनता जा रहा है। यहां पढ़ें पूरी खबर...

रायसीना डायलॉग का आज दूसरा दिन: पहले सत्र में विदेश मंत्री जयशंकर मौजूद; देशों की अखंडता की रक्षा पर चर्चा जारी
News by indiatwoday.com
रायसीना डायलॉग का महत्व
रायसीना डायलॉग, एक महत्वपूर्ण वार्षिक सम्मेलन है जहाँ वैश्विक नेताओं, नीति निर्माताओं और विद्वानों को आमंत्रित किया जाता है। यह संवाद विविध अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार विमर्श करता है, जिसमें सुरक्षा, विकास, और सामूहिक वैश्विक चुनौतियाँ शामिल हैं। इस वर्ष, रायसीना डायलॉग का दूसरा दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण बना हुआ है, जिसमें भारत के विदेश मंत्री, एस. जयशंकर, पहले सत्र में उपस्थित हैं।
विदेश मंत्री का भाषण और बैठकें
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने भाषण में देशों की अखंडता की रक्षा पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे देशों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है और वैश्विक स्थिरता की दिशा में मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है। इस सत्र में, विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने अपने दृष्टिकोण साझा किए और समकालीन चुनौतियों का सामना करने के लिए उपायों पर चर्चा की।
चर्चा के मुख्य बिंदु
इस वार्ता में शामिल मुख्य बिंदुओं में वैश्विक तकनीकी सहयोग, जलवायु परिवर्तन, और शांति स्थापना के लिए सामूहिक प्रयास शामिल हैं। उपस्थित प्रतिनिधियों ने यह भी स्वीकार किया कि एकता और संवाद आवश्यक हैं ताकि वैश्विक समस्याओं का समाधान मिल सके। जयशंकर ने विशेष रूप से भारत के दृष्टिकोण को साझा किया, जो कि एशिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए घटनाक्रमों को प्रभावित कर रहा है।
आगे की चर्चा और अपेक्षाएँ
रायसीना डायलॉग के बाकी सत्रों में देशों के बीच संबंधों को सशक्त बनाने और सामूहिक सुरक्षा के उपायों पर गहन चर्चा जारी रहेगी। इस संवाद का उद्देश्य केवल चर्चा करना नहीं, बल्कि सभी उपस्थितों को कार्रवाई के लिए प्रेरित करना भी है। जैसे-जैसे यह संवाद आगे बढ़ेगा, उम्मीद की जा रही है कि दुनिया के नेताओं के विचारों से समाधानों का मार्ग प्रशस्त होगा।
अंत में, रायसीना डायलॉग का यह संस्करण हमें यह दिखाने का अवसर देता है कि कैसे मिलकर ही हम वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
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