राशन कार्ड वेरिफिकेशन में हुआ बड़ा खुलासा:3.15 लाख कार्डों में से 1000 फर्जी निकले, BDO नहीं दिखा रहे दिलचस्पी
रामपुर में खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा चलाए जा रहे राशन कार्ड वेरिफिकेशन अभियान में बड़ी लापरवाही सामने आई है। पिछले तीन महीनों से चल रहे इस अभियान में अब तक 3 लाख 15 हजार राशन कार्डों में से 70 प्रतिशत की जांच पूरी हो चुकी है। जिसमें लगभग 1000 फर्जी कार्ड पाए गए हैं। जिला पूर्ति अधिकारी पूरन सिंह चौहान के अनुसार, वेरिफिकेशन में 70 हजार कार्डों की जांच की गई। जिनमें से 69 हजार परिवार पात्र पाए गए। चिंता की बात यह है कि स्वार ब्लॉक को छोड़कर अन्य ब्लॉक के बीडीओ इस महत्वपूर्ण कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं। विशेष रूप से चमरौआ, सैदनगर और बिलासपुर में तो अभी तक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई है। कई कार्ड निरस्त किए गए जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी खंड विकास अधिकारियों को जल्द से जल्द सत्यापन का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, कार्ड रद्द किए जाने से कई वास्तविक लाभार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बुजुर्ग नागरिक अपने राशन कार्ड को बहाल करवाने के लिए पूर्ति कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अधिकारियों ने बिना उचित जांच के मनमाने तरीके से कई कार्ड निरस्त कर दिए हैं।

राशन कार्ड वेरिफिकेशन में हुआ बड़ा खुलासा: 3.15 लाख कार्डों में से 1000 फर्जी निकले, BDO नहीं दिखा रहे दिलचस्पी
हाल ही में राशन कार्डों के वेरिफिकेशन में एक बड़ा खुलासा हुआ है जहां 3.15 लाख राशन कार्डों में से 1000 फर्जी पाए गए हैं। यह खुलासा सरकारी अधिकारियों की ओर से किया गया, जिसमें दिखाया गया कि कैसे कुछ लोगों ने गैरकानूनी तरीकों से राशन कार्ड हासिल किए। ये जानकारी देशभर के कई राज्यों में राशन वितरण प्रणाली की गड़बड़ियों की ओर इशारा करती है।
BDO की अनदेखी
रिपोर्टों के अनुसार, संबंधित अधिकारियों, विशेषकर ग्राम पंचायत स्तर के BDO (ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर) ने इस मामले में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इस अनदेखी के कारण फर्जी राशन कार्ड के मामलों का समाधान नहीं हो पा रहा है, जिससे सच्चे लाभार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
फर्जी राशन कार्डों का प्रभाव
फर्जी राशन कार्डों का संचलन विशेष रूप से उन लोगों के लिए हानिकारक है जो वास्तव में सरकार की सहायता के पात्र हैं। जब 1000 फर्जी राशन कार्ड सक्रिय होते हैं, तो यह संकट के समय वास्तविक जरूरतमंदों को जरूरी राशन से वंचित कर सकता है। इसके अलावा, इससे सरकार के धन का दुरुपयोग भी होता है।
समस्या का समाधान
सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा और ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। सही वेरिफिकेशन प्रक्रिया और तकनीकी उपायों को लागू कर, यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि केवल वास्तविक लाभार्थियों को ही योजनाओं का लाभ मिले। इसके लिए स्थानीय प्रशासन को भी जिम्मेदारी से काम करना होगा।
आगे की कदम
स्थानीय निवासियों को भी सक्रियता से इस मामले में शामिल होना चाहिए। जरूरत पड़ने पर उन्हें अधिकारियों से शिकायत करनी चाहिए और व्यवस्था में सुधार के लिए आवाज उठानी चाहिए। फर्जी राशन कार्डों के खिलाफ समाज को एकजुट होकर उठ खड़ा होना होगा।
सभी से अनुरोध है कि इस विषय पर जागरूकता फैलाने में योगदान दें, ताकि इस समस्या का समाधान हो सके। सही जानकारी और कार्रवाई ही बदलाव की छोटी शुरुआत कर सकती है।
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