रूचिवीरा बोलीं-ये करणी सेना नहीं, भाजपा सेना:कहा -आगरा में नंगी तलवारें लहराकर दलित नेता को डराने की कोशिश
मुरादाबाद में संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जन्म दिवस के कार्यक्रम में पहुंची सपा सांसद रूचिवीरा ने रामजीलाल सुमन के बयान का समर्थन करते हुए करणी सेना को भाजपा की सेना बताया है। उन्होंने रामजीलाल सुमन को दलित समाज का बड़ा नेता बताया। उन्होंने आगरा में रामजीलाल सुमन के खिलाफ करणी सेना के विरोध प्रदर्शन को सरकार की सहमति बताया। उन्होंने कहा, 50 बीघा जमीन पर पंडाल, टेंट लगाकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। जबकि, समुदाय विशेष के लोगों को नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा होने पर पाबंदी है। राजनीतिक पार्टी के लोगों के स्वागत के लिए अनुमति नहीं है। आगरा में इतना करणी सेना लाखों की तादाद में इकट्ठा होकर तलवारें, लाठी और डंडे लहराकर एक दलित समाज के नेता को डराने, धमकाने और भय पैदा करने के लिए माहौल बनाया जा रहा है। सरकार आपस में बंटवारा करना चाहती है देश को बांटने की साजिश हो रही है। उन्होंने कहा, आज हमें बाबा साहब के संविधान पर चलने, संगठित रहने, संघर्ष करने और शिक्षित होने की जरूरत है। रूचिवीरा ने उत्तर प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, यूपी सीएम गुड गवर्नेंस की बात करते हैं, ज़ीरो टॉलरेंस की बात करते हैं वो सब कागजी बातें हैं। सच्चाई इससे उलट है। कहीं दलित बच्चियों के साथ दुराचार हो रहे हैं तो कहीं, किडनैपिंग, मर्डर हो रही है तो कहीं लोग आत्महत्याएं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, देश में ऐसा माहौल बना दिया जा रहा है। जिससे देश में अराजकता फैली हुई है और भाईचारा खत्म करने का पूरी तरह काम किया जा रहा है। लेकिन, हम सब देशवासियों को आपस में मिलकर रहना होगा, इस माहौल से निपटा होगा, संविधान की रक्षा करनी होगी। रुचि वीरा ने कहा, आज तक ऐसा माहौल नहीं देखा गया कि विपक्ष को बोलने की आजादी भी नहीं हो। विपक्ष सही भी नहीं कह पा रहा है। जबकि, सत्ता पक्ष पक्ष के लोग धमकियां दे रहे हैं गोली मारने की बात कर रहे हैं उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। वक्फ बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी के सवाल पर उन्होंने समर्थन किया। कहा, महिला देश की आधी आबादी है उनकी हर जगह भागीदारी दिखनी चाहिए। सपा सांसद रुचि वीरा ने करणी सेना को भाजपा की सेना बताया। कहा, वो करणी सेना नहीं बल्कि, भाजपा सेना है। उन्होंने कहा भाजपा दलित नेता को दबाना चाहती है। भाजपा कभी मस्जिदों की खुदाई की बात करती है तो कभी औरंगज़ेब की कब्र हटाने को कहती है उसके लिए कोई सवाल जवाब नहीं। एक दलित नेता इतिहास का हवाला देता है तो उसको इकट्ठा होकर तलवारें दिखाकर रहे है तलवारें लहरा रहे हैं ये करणी सेना नहीं बल्कि भाजपा सेना है। सपा सांसद रुचि वीरा मुरादाबाद के आंबेडकर पार्क में आयोजित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के 134 वीं जयंती कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थीं।

रूचिवीरा बोलीं-ये करणी सेना नहीं, भाजपा सेना: आगरा में नंगी तलवारें लहराकर दलित नेता को डराने की कोशिश
आगरा में हाल ही में हुई एक घटना में रूचिवीरा ने करणी सेना को नहीं बल्कि भाजपा सेना के तौर पर आरोपित किया है। उनका कहना है कि दलित नेता को डराने के लिए नंगी तलवारें लहराना एक गंभीर मुद्दा है। इस संदर्भ में, उन्होंने स्थानीय प्रशासन और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। यह स्थिति सीधे तौर पर लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करती है।
घटनाक्रम का विवरण
रूचिवीरा ने कहा कि आगरा में जो कुछ हुआ, वह केवल एक राजनीतिक नाटक नहीं है, बल्कि यह असली डर और हिंसा का प्रतीक है। उनकी राय में, यह कृत्य भाजपा द्वारा उपलब्ध कराए गए सुनियोजित प्रचार का हिस्सा है, जहां दलित और हाशिए के समुदायों को न केवल डराया जा रहा है, बल्कि उनके अधिकारों का भी उल्लंघन किया जा रहा है।
राजनीतिक इरादे
अन्य दलों के नेताओं ने भी इस पर अपनी चिंता व्यक्त की है। इस तरह के अत्याचारों से पता चलता है कि राजनीतिक भेदभाव किस हद तक बढ़ चुका है। रूचिवीरा ने सरकार से अपील की है कि वह इस स्थिति को गंभीरता से ले और इस तरह के कृत्यों के खिलाफ कड़ा कदम उठाए।
समाज पर प्रभाव
इस घटना ने समाज के अलग-अलग वर्गों को प्रभावित किया है। चिंतित नागरिकों ने सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर अपनी आवाज उठाई है। कई लोगों ने इसकी निंदा की है और आगरा में कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की मांग की है। इस तरह की घटनाएं न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी कमजोर करती हैं।
समापन विचार
रूचिवीरा की बयानबाजी ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि देश में राजनीतिक असहिष्णुता बढ़ रही है। यह जरूरी है कि नागरिक सजग रहें और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें। ऐसी घटनाओं के खिलाफ एकजुटता से खड़ा होना ही हमें शक्ति प्रदान कर सकता है।
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