लखनऊ टुडे, 16 जनवरी- आपके काम की खबर:उत्तरायणी कौथिग मेला का तीसरा दिन, सैंया भए कोतवाल नाटक का मंचन आज
नमस्कार लखनऊ, मुस्कुराइए, आज 16 जनवरी दिन गुरुवार है... हम आपके लिए आज के इवेंट और आपसे जुड़ी काम की बातों को लेकर आए हैं। इसमें बता रहे हैं कि शहर में कहां और क्या-क्या हो रहा है। बिजली किन इलाकों में कटेगी, पानी किन इलाकों में नहीं आएगा। संगीत-संस्कृति, आर्ट, ड्रॉमा के इवेंट्स कहां हो रहे हैं। शहर का मौसम, सिटी का ट्रैफिक, सिनेमा, स्कूल-कॉलेज से जुड़ी जानकारियां भी हैं। पढ़िए क्या कुछ है, आपके काम की बातें... शहर में आपसे जुड़ी सुविधाएं और हेल्पलाइन नंबर- हमसे संपर्क कीजिए यदि आपके पास लखनऊ में किसी इवेंट की जानकारी या कोई ऐसी खबर है, जो पूरे शहर के काम की है तो हमें 9454292638 पर वॉट्सऐप कर सकते हैं। लखनऊ टुडे को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक भी दे सकते हैं।

लखनऊ टुडे: उत्तरायणी कौथिग मेला का तीसरा दिन, सैंया भए कोतवाल नाटक का मंचन आज
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उत्तरायणी कौथिग मेला: एक सांस्कृतिक त्योहार
उत्तरायणी कौथिग मेला हर साल उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मनाया जाता है। यह मेला न केवल स्थानीय संस्कृति का उत्सव है, बल्कि यह विभिन्न कला, संगीत, और नाटकों का मंचन करने का एक अनूठा मौका प्रदान करता है। इस मेले का तीसरा दिन विशेष रूप से उत्साह से भरा रहता है, जहां स्थानीय लोग और पर्यटक इस विशेष अवसर का आनंद उठाते हैं।
सैंया भए कोतवाल नाटक का मंचन
आज मेले के तीसरे दिन 'सैंया भए कोतवाल' नामक प्रसिद्ध नाटक का मंचन किया जा रहा है। यह नाटक अपनी मनोरंजक कहानी और प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध है। इस नाटक में सामाजिक मुद्दों को एक दिलचस्प तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है। नाटक का उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ समाज में व्याप्त चुनौतियों पर प्रकाश डालना है।
आगामी कार्यक्रम और गतिविधियाँ
उत्तरायणी कौथिग मेला में कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे हैं। स्थानीय गीत, संगीत और विभिन्न कुश्ती मुकाबले इस मेले की खासियत हैं। इसके अलावा, विभिन्न हस्तशिल्प और खाद्य स्टॉल्स भी आगंतुकों को लुभाने के लिए मौजूद हैं। यह मेला न केवल एक सांस्कृतिक अनुभव है, बल्कि यह स्थानीय व्यवसायियों को भी प्रोत्साहित करता है।
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यदि आप लखनऊ की संस्कृति और कला का अनुभव करना चाहते हैं, तो उत्तरायणी कौथिग मेला आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा। इस मेला में शामिल होने का यह एक सुनहरा अवसर है। आगे अपडेट्स के लिए indiatwoday.com पर अवश्य जाएँ।
समापन
उत्तरायणी कौथिग मेला उत्तर प्रदेश की भव्यता और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है। यह मेले न केवल मनोरंजन बल्कि शिक्षा का भी एक साधन बनता जा रहा है। इस मेले का अनुभव सभी के लिए अविस्मरणीय होता है और इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यकता हमेशा बनी रहेगी। Keywords: उत्तरायणी कौथिग मेला, सैंया भए कोतवाल नाटक, लखनऊ टुडे, सांस्कृतिक कार्यक्रम लखनऊ, उत्तर प्रदेश मेले, नाटक का मंचन, लखनऊ के मेले, स्थानीय संस्कृति, कला और नाटक लखनऊ, मेला गतिविधियाँ, पर्यटन लखनऊ, कला और हस्तशिल्प, स्थानीय खानपान, नाटक और संस्कृति, संवादात्मक नाटक, लखनऊ का त्योहार
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