लखनऊ में बैंक लॉकर काटने से पहले की थी रेकी:पुलिस नहीं बरामद कर सकी बचा सोना, जांच शुरू
चिनहट इलाके में इंडियन ओवरसीज बैंक में लॉकर काटकर करोड़ों की कीमत के जेवर चोरी करने वाले मास्टरमाइंड से पुलिस कुछ खास जानकारी नहीं ले पाई। रिमांड के दौरान मास्टरमाइंड ने बताया कि वह तकरोही में एक डॉक्टर के घर पर रहता था। जहां उसकी पत्नी खाना बनाती थी। वह बैंक में रेकी करने पुताई का ठेका लेने के बहाने गया था। बात दोबारा दोहराई। दूसरी तरफ बैंक के बरामद माल को लेकर चल रही जांच में आरोपी पुलिस कर्मियों ने बयान दर्ज कराना शुरू कर दिया है। विपिन के साथ सीतापुर और लखनऊ में छानबीन मटियारी पुलिस चौकी के पास स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकर काट चोरी को अंजाम देने वाले मास्टर माइंड विपिन को लेकर पुलिस सीतापुर उसके गांव गई। जहां से पूछताछ और जांच पड़ताल के बाद लखनऊ आई। जहां उसके मूवमेंट वाले स्थानों पर गई। पुलिस को अनुमान था कि वह उसके हिस्से का 10 किलो सोना-चांदी और कैश बरामद कर लेगी। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर गोमतीनगर राजेश त्रिपाठी उसको टीम के साथ देर रात तकरोही स्थित डॉक्टर के घर पर ले गई। जहां वह रहता था। विपिन ने पूछताछ में बताया कि उसकी पत्नी चोरी की जानकारी होते ही घर छोड़कर सीतापुर स्थित घर चली गई थी। हालांकि वह वहां नहीं मिली। पीड़ितों ने बैंक पहुंच जेवर लौटने की मांग की बैंक के लॉकर में सोना रखने वाले लोग मंगलवार को भी बैंक पहुंचे। जहां मैनेजर से सोना लौटाने की मांग की। उनका आरोप है कि बैंक और पुलिस की ओर से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। जिससे उन्हें बार-बार चक्कर काटने हो रहे हैं। इसको लेकर डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह से शिकायत भी की है। डीसीपी ने जल्द हल निकालने की बात कही। सिपाहियों ने दर्ज कराए बयान सोना बरामदगी में गड़बड़ी की आशंका पर लाइन हाजिर किए गए 13 पुलिसकर्मियों में तीन ने अपने बयान दर्ज कराए। एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह ने बताया कि पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जल्द ही रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बयान दर्ज कराने वाले विमल, पुरुषोत्तम और महिला कांस्टेबल शिल्पी ने आरोपों को नकार दिया है। इन पर चोरी के 17 किलो सोना और 60 लाख रुपए गबन का आरोप है। बैंक में सेंध लगाकर काटे थे 42 लॉकर विपिन ने अपने साथियों के साथ मिलकर बैंक की दीवार में सेंध लगाकर 42 लॉकर काटे थे। पुलिस ने उसके दो साथी सोविंद और सन्नी दयाल को मुठभेड़ में मार गिराया था। जबकि अन्य चार साथी अरविंद कुमार, बलराम कुमार, मिथुन और कैलाश बिंद को गिरफ्तार कर लखनऊ जेल भेज दिया था। विपिन गाजीपुर में पकड़ा गया था। तब से वहीं जेल में बंद था।

लखनऊ में बैंक लॉकर काटने से पहले की थी रेकी: पुलिस नहीं बरामद कर सकी बचा सोना, जांच शुरू
लखनऊ शहर में हाल ही में हुए एक बैंक लॉकर में चोरी की घटना ने सभी की नींद उड़ा दी है। जानकारी के अनुसार, चोरों ने लॉकर को काटने से पहले इलाके की गहरी रेकी की थी, जिससे उन्होंने अपनी योजना को सफलतम बनाया। इस चोरी में बड़ी मात्रा में सोना और अन्य कीमती सामान शामिल है, जो अभी भी बरामद नहीं हो सका है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है।
घटनास्थल का विवरण
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, चोरों ने बैंक के आंतरिक सुरक्षा को दरकिनार करते हुए लॉकर में प्रवेश किया। घटनास्थल से कोई ठोस सबूत नहीं मिलने के कारण पुलिस के लिए अपराधियों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने क्षेत्र के CCTV कैमरों की फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, बैंकों के कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि कोई सुराग मिल सके। हालांकि, अभी तक न तो चोरों का कोई पता चला है और न ही चोरी हुआ सोना। पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और संभावित संदिग्धों पर नज़र रखी जा रही है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बैंकों को अपनी सुरक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाना चाहिए। वे सुझाव दे रहे हैं कि बैंकों में अतिरिक्त सुरक्षा कैमरे और अलार्म सिस्टम स्थापित किए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
निष्कर्ष
बैंक लॉकर की चोरी के इस मामले ने लखनऊ में सुरक्षा को लेकर चिंताओं को जन्म दिया है। जब तक कि पुलिस इस मामले को सुलझाने में सफल नहीं हो जाती, तब तक बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते रहेंगे। हम सभी को उम्मीद है कि पुलिस इस मामले की जड़ तक पहुंच पाएगी और चोरों को दंडित किया जाएगा।
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