लखनऊ में लता मंगेशकर को संगीतमय श्रद्धांजलि दी:सुरभि रंजन ने गाए स्वर कोकिला के यादगार गीत, दर्शक भावुक हुए
लखनऊ के जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में भारत रत्न लता मंगेशकर को याद करते हुए एक भावपूर्ण संगीत संध्या का आयोजन हुआ। मशहूर गायिका सुरभि रंजन ने अपनी सुरीली आवाज से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुरभि ने लता जी के प्रसिद्ध गीत 'ठाढ़े रहियो ओ बांके यार' से कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने 'पिया तोसे नैना लागे रे', 'अजीब दास्तां है ये', 'प्यार किया तो डरना क्या' और 'दिल दीवाना बिन सजना के माने ना' जैसे यादगार गीत प्रस्तुत किए। सुरभि की मधुर आवाज ने श्रोताओं को लता जी के युग में वापस पहुंचा दिया। सुरभि ने कहा लता दीदी भारत की आत्मा की आवाज थीं सुरभि रंजन की प्रस्तुति में तकनीकी कुशलता और भावनात्मक गहराई का अद्भुत संगम देखने को मिला। यश भारती और सरस्वती कला अवार्ड से सम्मानित सुरभि ने कार्यक्रम के अंत में कहा कि लता दीदी भारत की आत्मा की आवाज थीं। कार्यक्रम में प्रमुख गणमान्य शामिल हुए कार्यक्रम में पूर्व चुनाव आयुक्त अनूप पांडे, पूर्व मुख्य सचिव अतुल गुप्ता, रिटायर जस्टिस विष्णु सहाय और सुधीर सक्सेना शामिल हुए। पूर्व प्रमुख सचिव आलोक रंजन और पूर्व डीजीपी विजय कुमार गुप्ता भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन शिखा द्विवेदी ने किया।

लखनऊ में लता मंगेशकर को संगीतमय श्रद्धांजलि दी
लखनऊ में हाल ही में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सुरों की दिग्गज गायिका लता मंगेशकर को संगीतमय श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर प्रसिद्ध गायिका सुरभि रंजन ने स्वर कोकिला के यादगार गीतों का प्रदर्शन किया, जिसने दर्शकों को भावुक कर दिया। यह कार्यक्रम लखनऊ की सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
संगीत समारोह का आयोजन
कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ के कला केंद्र में किया गया, जहां संगीत प्रेमियों की एक बड़ी भीड़ जुटी। सुरभि रंजन के द्वारा गाए गए लता मंगेशकर के क्लासिक गाने न केवल सुनने में मधुर थे, बल्कि उन्होंने सभी उपस्थित दर्शकों को भावुक भी कर दिया। हर गीत के साथ, लता जी की मीठी आवाज़ की झलक दर्शकों के दिलों में फिर से जीवित हो गई।
लता मंगेशकर की अनमोल धरोहर
लता मंगेशकर, जिन्हें संगीत की देवी कहा जाता है, ने अपने करियर में हिंदी सिनेमा को अनगिनत गाने दिए। सुरभि रंजन के द्वारा प्रस्तुत किए गए गीतों में से हर एक गाना उनकी आवाज की मिठास और गहराई को दर्शाता था। दर्शकों ने इन गीतों को गाते हुए सुरभि का भरपूर समर्थन किया।
भावुक दर्शक और उनकी प्रतिक्रियाएं
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित दर्शकों ने ताली बजाकर और उनका उत्साह दिखाकर सुरभि रंजन का धन्यवाद किया। कई दर्शकों की आंखें भीगी हुई थीं, क्योंकि लता जी के गाने हमेशा उनके जीवन के महत्वपूर्ण पलों से जुड़े रहे हैं। यह श्रद्धांजलि उनकी अनमोल धरोहर को याद करने का एक सुंदर तरीका था।
लखनऊ में ऐसा कार्यक्रम आयोजित करना न केवल लता जी की स्मृति को जीवित रखने के लिए आवश्यक था, बल्कि यह युवा पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा स्रोत है। हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह के और भी आयोजन होंगे, जिससे संगीत की महानता का सम्मान होता रहेगा।
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