वकील के नाबालिग बेटे पुलिस कस्टडी में बिगड़ी तबीयत:परिजनों का आरोप- रेस्टोरेंट से उठाया, बीमारी को नाटक बताया, हालत बिगड़ने पर भर्ती कराया

हाथरस में कोतवाली सदर पुलिस ने आवास विकास कॉलोनी के अधिवक्ता जसपाल सिंह के 16 वर्षीय बेटे निशांत को चार अन्य युवकों के साथ एक रेस्टोरेंट से हिरासत में ले लिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी कारण के उन्हें हिरासत में लिया और प्रताड़ित किया। अधिवक्ता जसपाल सिंह के अनुसार, कल शाम जब उनका बेटा और अन्य युवक खाना खा रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें उठा लिया। जब वह कोतवाली पहुंचे, तो पुलिस ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। सुबह पुलिस ने बताया कि शांतिभंग के आरोप में पांचों का चालान किया गया है। परिजनों की मांग थी कि यदि चालान किया है तो न्यायालय भेज दें, लेकिन पुलिस टालमटोल करती रही। मामला तब और गंभीर हो गया जब कोतवाली में ही निशांत की तबीयत बिगड़ गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने काफी देर तक उसे अस्पताल नहीं भेजा और कहती रही कि लड़का नाटक कर रहा है। जब हालत गंभीर हुई, तब जाकर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में परिजनों और पुलिस के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई, जिसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाना पड़ा। सीओ सिटी योगेंद्र कृष्ण नारायण ने कहा कि वह मामले की जानकारी जुटा रहे हैं।

Jan 15, 2025 - 20:30
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वकील के नाबालिग बेटे पुलिस कस्टडी में बिगड़ी तबीयत:परिजनों का आरोप- रेस्टोरेंट से उठाया, बीमारी को नाटक बताया, हालत बिगड़ने पर भर्ती कराया
हाथरस में कोतवाली सदर पुलिस ने आवास विकास कॉलोनी के अधिवक्ता जसपाल सिंह के 16 वर्षीय बेटे निशांत क

वकील के नाबालिग बेटे पुलिस कस्टडी में बिगड़ी तबीयत

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परिजनों का आरोप

हाल ही में एक नाबालिग का मामला सुर्खियों में आया है, जिसमें वकील के बेटे को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। परिजनों का आरोप है कि उसे एक रेस्टोरेंट से उठाया गया और उसकी बीमारी को नाटक बताया गया। यह घटना तब सामने आई जब पुलिस कस्टडी में उसकी तबीयत गंभीर रूप से बिगड़ गई। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं और लोग पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं।

क्या हुआ था घटना के समय?

परिजनों के अनुसार, वकील के नाबालिग बेटे को बिना किसी स्पष्ट कारण के रेस्टोरेंट से पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार करने के बाद, पुलिस ने उसे पर्याप्त मेडिकल सहायता प्रदान नहीं की। जब उसकी तबीयत बिगड़ी, तब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके कारण परिजनों में गहरी चिंता उत्पन्न हुई है और उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर कड़े आरोप लगाए हैं।

पुलिस की प्रतिक्रिया

पुलिस ने इस मामले में अपनी बात रखते हुए कहा है कि उन्हें नाबालिग द्वारा किए गए कुछ संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सूचना मिली थी, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई। हालांकि, परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें बिना किसी जानकारी के उठाया है और जब बेटे की तबीयत बिगड़ी तब उन्हें अस्पताल भेजा गया। पुलिस के इस रवैये से सामाजिक मीडिया पर लोग अपनी नाराजगी जता रहे हैं।

सामाजिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने न केवल परिवार के सदस्यों को प्रभावित किया बल्कि पूरे समाज में आक्रोश का माहौल पैदा किया है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले में हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया है और पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि नाबालिगों के साथ इस तरह की घटनाएँ समाज में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं।

क्या आगे की कार्रवाई की जाएगी?

यह मामला अब स्थानीय अधिकारिकों और मानवाधिकार संगठनों के ध्यान में है। अभी तक इस मामले में क्या ठोस कार्रवाई होगी, यह कहना मुश्किल है। लेकिन परिजनों की शिकायतें गंभीर हैं और यह उम्मीद की जा रही है कि निष्पक्ष जांच की जाएगी।

निष्कर्ष

इस घटना को लेकर जो भी निष्कर्ष निकाला जाए, यह स्पष्ट है कि समाज में नाबालिगों के अधिकारों की रक्षा करना अत्यंत आवश्यक है। इस मामले के विकास पर नजर रखना जरूरी है। जरूरी है कि सभी लोग नाबालिगों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ खड़े हों।

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