विकास कार्यों की रैंकिंग में पिछड़ा कानपुर:सीएम डैश बोर्ड रैंकिंग में खराब प्रदर्शन; प्रदेश में सबसे नीचे 71वीं रैंक मिली

सरकार की जन उपयोगी योजनाओं की निगरानी करने वाले सीएम डैश बोर्ड की ओर से जारी विकास एवं राजस्व कार्य की रैंकिंग में जिला फिसड्डी रहा। दिसंबर में 7.54 अंक हासिल कर जिले को 71वीं रैंक मिली है। वहीं, नवंबर माह में 61वीं रैंक हासिल हुई थी। यानि एक माह के अंतराल में जिला 10 अंक और पिछड़ गया। राजस्व कार्यों के निस्तारण में 63 वीं रैंक दिसंबर माह में जिले के विकास कार्यों की गति काफी खराब होने के कारण जिले की 73वीं रैंक और राजस्व कार्यों के निस्तारण में जिला 63 वें नंबर पर है। नवंबर माह में विकास कार्यों में 27वीं और राजस्व कार्य में 64वीं रैंक आई थी। राजस्व कार्य में एक अंक का सुधार हुआ है। इस प्रकार जारी होती है रैंकिंग सीएम डैश बोर्ड की ओर से जारी रैंकिंग में सभी विभागों को लक्ष्य के सापेक्ष कार्य की प्रगति समय पर अपलोड करनी होती है। लक्ष्य के सापेक्ष काम न करना, योजनाओं या शिकायत निस्तारण के आवेदन पत्रों के सापेक्ष लाभ न मिलना या शिकायतों का निस्तारण न होने की निगरानी की जाती है। 27 विभागों की 70 परियोजनाओं की समीक्षा विकास कार्यों के करीब 27 विभागों की 70 परियोजनाओं में दिव्यांग पेंशन, मातृत्व शिशु एवं बालिका सदस्य योजना, ओडीओपी वित्त पोषण, बिजली, शिक्षा, सड़क निर्माण, सामूहिक विवाह, आवास, जल जीवन मिशन, गोवंश सुपुर्तगी, कन्या सुमंगला योजना और शौचालय निर्माण जैसी आवश्यक परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाती है।

Jan 13, 2025 - 20:50
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विकास कार्यों की रैंकिंग में पिछड़ा कानपुर:सीएम डैश बोर्ड रैंकिंग में खराब प्रदर्शन; प्रदेश में सबसे नीचे 71वीं रैंक मिली
सरकार की जन उपयोगी योजनाओं की निगरानी करने वाले सीएम डैश बोर्ड की ओर से जारी विकास एवं राजस्व कार

विकास कार्यों की रैंकिंग में पिछड़ा कानपुर

सीएम डैश बोर्ड रैंकिंग में खराब प्रदर्शन

हाल ही में जारी की गई सीएम डैश बोर्ड रैंकिंग में कानपुर शहर ने विकास कार्यों के मामले में काफी पिछड़ गया है। प्रदेश में विकास के विभिन्न कार्यों की रैंकिंग में कानपुर को 71वीं स्थिति पर रखा गया है, जो कि चिंताजनक है। कानपुर जैसे ऐतिहासिक और औद्योगिक नगर का इस तरह का प्रदर्शन कई सवाल उठाता है।

रैंकिंग का महत्व

रैंकिंग में सुधार न होना विकास कार्यों में कमी के संकेत देता है। यह केवल शहरी प्रशासन पर ही नहीं, बल्कि स्थानीय विकास योजनाओं और सामाजिक कल्याण पहलों पर भी प्रश्न चिह्न लगाता है। इस कारण से कानपुर के नागरिकों को निराशा का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, यह रैंकिंग विभिन्न विकास योजनाओं के लिए आवश्यक बदलावों की आवश्यकता को भी के संदर्भ में महत्वपूर्ण बनाती है।

मुख्य मुद्दे

कानपुर की रैंकिंग में गिरावट के पीछे कई कारक हो सकते हैं, जैसे कि बुनियादी ढांचे की कमी, सरकारी योजनाओं का उचित कार्यान्वयन ना होना, और नागरिक सहभागिता की कमी। ये सभी तत्व मिलकर शहर के विकास को प्रभावित कर रहे हैं।

समाज के लिए क्या आवश्यक है?

ऐसी स्थिति में, कानपुर के नागरिकों और प्रशासन को एक साथ मिलकर काम करना आवश्यक है ताकि विकास कार्यों में सुधार हो सके। नागरिकों की सहभागिता और पारदर्शिता के माध्यम से ही उचित योजना का कार्यान्वयन संभव है। इसके लिए सरकारी संगठनों को भी अपनी जिम्मेदारियों का सही ढंग से निर्वहन करना होगा।

कानपुर में विकास की गति को तेज करने के लिए, योजना बनाना, कार्यान्वयन और नागरिकों का सहयोग अत्यधिक महत्वपूर्ण है। प्रशासन और स्थानीय लोगों को एकजुट होकर काम करने का प्रयत्न करना चाहिए।

सीएम डैश बोर्ड के माध्यम से जारी इन रैंकिंग में सुधार लाने के लिए कानपुर को नई रणनीतियों और समाधानों की आवश्यकता है। इसके लिए शिक्षित युवा पीढ़ी की भागीदारी भी आवश्यक है जो अपने शहर के विकास के प्रति जागरूक हो।

अंत में, यह स्पष्ट है कि कानपुर को अपनी स्थिति सुधारने के लिए एक संयुक्त प्रयास की जरूरत है। यह संतोषजनक नहीं है कि उसे 71वीं रैंक के साथ प्रदेश के सबसे पीछे रखा गया है।

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