वित्तीय अनियमितता में दो और कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस:हाईकोर्ट बार एसोसिएशन होने का मामला, वकीलों ने अध्यक्ष से फोटो सेंटर की शुरुआत से जांच की मांग की
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से संचालित अधिवक्ता निधि योजना में करोड़ों की वित्तीय अनियमितता में दो अन्य कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। संयुक्त सचिव प्रेस पुनीत शुक्ल के अनुसार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने प्रकरण की जांच में लेखा सहायक स्वाती सिंह और कम्प्यूटर आपरेटर अभिषेक केसरवानी का नाम प्रकाश में आने पर कोषाध्यक्ष रण विजय सिंह से दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा। जांच में स्वाती सिंह पर अधिवक्ता निधि एवं कलेक्शन में से 13 लाख 76 हजार 600 रुपये के अस्थायी गबन का आरोप है। यह धनराशि कार्यालय में सीधे जमा करने की बजाय उन्होंने अनुचित लाभ कमाया और उक्त धनराशि को धीरे-धीरे करके 43 प्रविष्टियों के माध्यम से देरी से समायोजित कराया गया, जिससे हाईकोर्ट बार को आर्थिक नुकसान हुआ। इसी तरह अभिषेक केसरवानी पर चार लाख 40 हजार 65 रुपये के अस्थायी गबन का आरोप है जिसको उन्होंने कार्यालय में जमा करने की बजाय उस पैसे से अनैतिक और अवैधानिक लाभ कमाया जिसके फलस्वरूप बार एसोसिएशन को आर्थिक नुकसान हुआ। अभिषेक केसरवानी ने उक्त धन धीरे-धीरे करके 19 प्रविष्टियों के माध्यम से बाद में समायोजित कराया। उधर, पूर्व कोषाध्यक्ष राजीव शुक्ल के नेतृत्व में वकीलों ने हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी को ज्ञापन देकर अधिवक्ता निधि में हुए गबन में दोषियों की जांच को उचित कदम बताते हुए अधिवक्ता निधि में घोटाले की स्वतंत्र एजेंसी से फोटो सेंटर की स्थापना से अब तक की जांच कराने और हाईकोर्ट बार की समस्त नगद लेने देन की प्रक्रिया ऑन लाईन कराने की मांग की। अ ध्यक्ष ने मांगों पर पूर्ण विचार और प्रभावी कदम उठाने तथा किसी भी दोषी को नहीं छोड़ेगे का आश्वासन दिया। ज्ञापन देने वालों में अनुराग शुक्ल, आदर्श शुक्ल, महीप द्विवेदी, अमित सिंह, हरिश्चंद्र यादव, नीरज ठाकुर, अनुभव श्रीवास्तव, रवींद्र मिश्र, विशाल शुक्ल, अमित त्रिपाठी, धर्मवीर मिश्र, सौरभ श्रीवास्तव, राजकुमार यादव, विवेक शुक्ल, कुलदीप पांडेय, राजेंद्र यादव आदि शामिल रहे।
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