विशाल वर्मा दूसरे आरोपियों के छिपा रहा नाम:997 लोगों के साथ किया था आरोपी ने 7 करोड़ का स्टांप घोटाला

मेरठ में 7.20 करोड़ के फर्जी स्टाम्प पर 997 लोगों की रजिस्ट्री कराने वाले विशाल वर्मा को गुरुवार को सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। विशाल वर्मा को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है लेकिन वह पुलिस को दूसरे आरोपियों के नाम अभी नहीं बता रहा है। स्टांप घोटाले में उसके साथ कौन-कौन अधिकारी मिले थे, पुलिस इसकी जांच जुटा रही है। पहले मामले में विशाल वर्मा को हाईकोर्ट से गिरफ्तारी स्टे मिल गया था। लोगों की तहरीर पर पुलिस ने एक और मुकदमा दर्ज किया था। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। उत्तर प्रदेश के स्टांप और न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल को 2023 में मेरठ में हुए दो बैनामों की शिकायत मिली। कहा गया कि इनमें जो स्टांप लगे हैं, वे फर्जी हैं। मंत्री रविंद्र जायसवाल ने इस संबंध में लखनऊ में उच्च अधिकारियों से जवाब मांगा तो मेरठ में जांच शुरू हुई। दोनों बैनामों में लगे स्टांप फर्जी मिलने पर पिछले तीन साल के बैनामों की जांच शुरू हुई। तीन साल के बैनामों में लगे स्टांप चेक किए गए तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। 997 बैनामों में फर्जी स्टांप लगा दिए गए और रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। इन सभी बैनामों में एक बात कॉमन ये थी कि ये सभी बैनामे एक ही अधिवक्ता विशाल वर्मा ने कराए थे। 22 मई, 2024 को सिविल लाइन थाने में दर्ज हुई रिपोर्ट मेरठ उपनिबंधन कार्यालय के कनिष्ठ सहायक निबंधन प्रदीप कुमार ने सिविल लाइन थाने में बैनामा कराने वालों के खिलाफ 22 मई, 2024 को नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद सभी 997 लोगों को स्टांप में कमी बताकर नोटिस जारी कर दिए गए। इसमें जितने के स्टांप लगाए गए थे, उनका चार गुना अर्थदंड और 18 प्रतिशत सालाना ब्याज भी लगाया गया। नोटिस जाते ही बैनामा कराने वालों की नींद उड़ गई। उनकी समझ में ही नहीं आया कि ये सब हुआ क्या है। उन्होंने तो अधिवक्ता विशाल वर्मा को स्टांप के पूरे पैसे दिए थे। 7 करोड़ से ज्यादा का घोटाला सामने आ चुका फर्जी स्टांप घोटाले में ठगे जाने वाले अब तक 997 लोग स्टांप चोरी और धोखाधड़ी के मुलजिम बन चुके हैं। अब तक की जांच में 7 करोड़ 20 लाख रुपए के स्टांप का मामला पकड़ में आ चुका है। गुपचुप तरीके से पहले फर्जी स्टांप छपवाए गए फिर इनको बैनामा कराने वालों को बेच दिया गया। इस पूरे मामले में पीड़ितों ने विशाल वर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। डीएम और एसएसपी ने इस मामले में एसआईटी का गठन किया था। पीड़ितों के पुलिस बयान दर्ज कर रही है। इस मामले में व्यापारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। एसएसपी मेरठ डॉ. विपिन ताडा ने विशाल वर्मा पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था। पुलिस उसकी गिरफ्तारी को दबिश दे रही थी। इस बीच विशाल वर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। वहां से उसको गिरफ्तारी पर स्टे मिल गया था। जिसके बाद पुलिस ने व्यापारियों की तहरीर पर एक ओर मुकदमा सिविल लाइन थाने में दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस उसकी गिरफ्तारी को दबिश दे रही थी।

Jan 10, 2025 - 00:20
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विशाल वर्मा दूसरे आरोपियों के छिपा रहा नाम:997 लोगों के साथ किया था आरोपी ने 7 करोड़ का स्टांप घोटाला
मेरठ में 7.20 करोड़ के फर्जी स्टाम्प पर 997 लोगों की रजिस्ट्री कराने वाले विशाल वर्मा को गुरुवार को सिव

विशाल वर्मा दूसरे आरोपियों के छिपा रहा नाम: 997 लोगों के साथ किया था आरोपी ने 7 करोड़ का स्टांप घोटाला

हाल ही में, विशाल वर्मा के खिलाफ एक बड़े स्टांप घोटाले के मामले में खुलासा हुआ है, जिसमें उन्होंने 997 अन्य लोगों के नाम छिपाने का प्रयास किया। यह मामला कई जटिलताएँ और दुष्कर्मों का सामना कर रहा है, जो अब इसकी जड़ें खोलने के लिए आवश्यक है।

घोटाले की पृष्ठभूमि

सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले में विशाल वर्मा और उनके सहयोगियों ने 7 करोड़ रुपये के स्टांप ड्यूटी से बचने के लिए एक योजनाबद्ध तरीके से धोखाधड़ी की। यह सिर्फ एक वित्तीय अपराध नहीं है; बल्कि यह लोकतंत्र की नींव को कमजोर करने वाला एक बड़ा मुद्दा है।

विशाल वर्मा का संबंध अन्य आरोपियों से

विशाल वर्मा इस घोटाले में केवल एक मोहरे की तरह हैं। उनके द्वारा अन्य आरोपी व्यक्तियों के नाम छिपाने की कोशिश ने जांचकर्ताओं को और चुनौती दी है। यह दर्शाता है कि शायद उनके पीछे एक बड़ा नेटवर्क है।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है और सभी 997 नामों की सूची पर कार्रवाई करने की योजना बनाई है। प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका का विश्लेषण किया जा रहा है, जिससे पता चलता है कि घोटाले के पीछे केवल एक या दो लोग नहीं हैं, बल्कि एक विस्तृत आधिकारिक और कानूनी नेटवर्क है।

निष्कर्ष

यह घोटाला एक चेतावनी है कि प्रशासनिक स्तर पर और कानूनी गतिविधियों में अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता है। समाज में ईमानदारी और जिम्मेदारी की भावना को पुनर्जीवित करने का समय आ गया है। इस मामले पर नजर रखे: 'News by indiatwoday.com'। Keywords: विशाल वर्मा स्टांप घोटाला, स्टांप ड्यूटी धोखाधड़ी, 997 लोग आरोपी, 7 करोड़ का घोटाला, पिछले घोटाले की जांच, पुलिस कार्रवाई स्टांप घोटाला, विशाल वर्मा नाम छिपाना, आरोपी व्यक्तियों का नाम, घोटाला में सहयोगी, स्टांप घोटाले की पृष्ठभूमि.

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