सबसे ज्यादा अमीरों के मामले में भारत चौथे नंबर पर:2024 में देश में 85,698 सुपर रिच; सालाना तौर पर 6% का इजाफा हुआ

किसी देश में रहने वाले सबसे ज्यादा अमीरों की संख्या के मामले में भारत चौथे नंबर पर है। भारत में 2024 तक 85,698 हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) रहते हैं। नाइट फ्रैंक की 'द वेल्थ रिपोर्ट 2025' के मुताबिक सालाना तौर पर इनकी संख्या में 6% का इजाफा हुआ है। इससे पहले 2023 में देश में अमीरों की संख्या 80,686 थी। रिपोर्ट में बताया गया कि 2028 तक 9.4% बढ़ोतरी के साथ इनकी संख्या 93,753 होगी। इस समय भारत में दुनिया के 3.7% अमीर रहते हैं। वर्ल्ड के सबसे ज्यादा 9,05,413 अमीर लोग अमेरिका में रहते हैं। इसके बाद चाइना मेनलैंड में 4,71,634 और जापान 1,22,119 में सबसे ज्यादा अमीर लोग हैं। रिपोर्ट में मिनिमम 10 मिलियन डॉलर (करीब 87 करोड़ रुपए) की संपत्ति वाले लोगों को शामिल किया गया है। भारत में बिलेनियर्स की संख्या में 12% की बढ़ोतरी रिपोर्ट के अनुसार 2024 में भारत में बिलेनियर्स की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 12% की बढ़ोतरी हुई है। 2024 में भारत में 191 बिलेनियर्स हैं। 2023 में ये संख्या 165 थी। भारतीय बिलेनियर्स की कुल संपत्ति करीब 82.6 लाख करोड़ रुपए है। इस मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है। पहले पर अमेरिका और दूसरे नंबर पर चीन है। अमेरिका के बिलेनियर्स की कुल संपत्ति 5.7 ट्रिलियन डॉलर है। जबकि चीन में ये आंकड़ा 1.34 ट्रिलियन डॉलर है। दुनियाभर में बढ़ी अमीरों की संख्या 2024 में दुनिया में अमीरों की संख्या 4.4% से बढ़कर 23,41,378 हो गई है। ये साल 2023 में 22,43,300 थी। महाद्वीपों की बात करें तो एशिया में अमीर 5% बढ़ें हैं। इसके बाद अफ्रीका में 4.7%, ऑस्ट्रेलिया में 3.9%, यूरोप में अमीरों की संख्या में 1.4% की सालाना बढ़ोतरी हुई है।

Mar 5, 2025 - 20:00
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भारत में सबसे ज्यादा अमीरों की संख्या: चौथे स्थान पर

भारत ने सबसे अमीर लोगों की सूची में चौथे स्थान पर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में देश में 85,698 सुपर रिच का आंकड़ा दर्ज किया गया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 6% की बढ़ोतरी दर्शाता है। यह आंकड़ा भारत की आर्थिक वृद्धि और उद्यमिता की क्षमता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

सुपर रिच की बढ़ती संख्या

सुपर रिच लोगों की संख्या में यह वृद्धि कई कारणों से संभव हुई है। पहले, देश में स्टार्टअप संस्कृति का तेजी से विकास हुआ है, जिसने युवा उद्यमियों को प्रेरित किया है। इसके अलावा, वैश्विक निवेशकों की रुचि ने भी भारतीय व्यवसायों में पूंजी प्रवाह को बढ़ावा दिया है। इस प्रकार, अमीरों की संख्या में इस वृद्धि का प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक नजर आ रहा है।

भारत की आर्थिक प्रमुखता

भारत, जो अब अमेरिका, चीन, और जर्मनी के बाद चौथे स्थान पर है, यह संकेत देता है कि देश का आर्थिक भविष्य उज्ज्वल है। सुपर रिच वर्ग की वृद्धि भारत को वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है। यह स्थिति केवल आर्थिक समृद्धि का नहीं, बल्कि समाज में विभिन्न वर्गों के बीच बढ़ते अंतर का भी संकेत देती है।

आगे का रास्ता

हालांकि, सुपर रिच की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ, यह आवश्यक है कि सरकार और नीति निर्माणकर्ता समग्र विकास पर ध्यान दें। अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करने के लिए सामाजिक योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने की आवश्यकता है। इस बढ़ती अमीर वर्ग के लिए सतत विकास तथा सभी के लिए समरूपता की ओर कदम बढ़ाने की दिशा में काम करना महत्वपूर्ण होगा।

भारत की विकास यात्रा में यह आंकड़े एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। हर साल बढ़ती संख्या, एक दिखाता है कि देश में निवेश का माहौल और व्यापार करने की सुविधाएं बेहतर हो रही हैं।

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