साउदी और फिलेंडर ने शमी का समर्थन किया:भारतीय गेंदबाज ने ICC से गेंद पर लार लगाने से बैन हटाने की मांग की थी
न्यूजीलैंड के पूर्व बॉलर टीम साउदी और साउथ अफ्रीका के पूर्व ऑलराउंडर वर्नोन फिलेंडर ने गेंद पर लार के इस्तेमाल से बैन हटाने के शमी की मांग का समर्थन किया है। शमी ने चैंपियंस ट्रॉफी के पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से टीम इंडिया के 4 विकेट के जीत के बाद पत्रकारों से बातचीत में ICC से गेंद पर लार के इस्तेमाल पर बैन हटाने का अनुरोध किया था। रिवर्स स्विंग वापस लाने के लिए लार का इस्तेमाल की अनुमति मिले शमी ने कहा था कि हम रिवर्स स्विंग पाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन गेंद पर लार के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। हम अपील करते रहते हैं कि हमें लार का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि हम खेल में रिवर्स स्विंग वापस ला सकें और यह दिलचस्प हो जाए। टीम सउदी बोले- कोरोना की वजह से गेंद पर लार लगाने का बैन लगा था, अब हटाया जाना चाहिए शमी के इस बयान का समर्थन करते हुए टीम साउदी ने क्रिकेट की वेबसाइट क्रिक इंफो से बातचीत में कहा कि यह नियम कोविड के कारण लाया गया था, जब वायरस दुनिया भर में फैल रहा था, लेकिन अब इसे हटाने का जोखिम उठाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि एक गेंदबाज के रूप में, आप थोड़ा फायदा उठाना चाहते हैं। हम खेल को आगे बढ़ते हुए देख रहे हैं। यह देखना है कि टीमें 362 रन बनाती हैं और इस प्रारूप में अक्सर 300 से ज़्यादा रन बनाती हैं। मुझे लगता है कि गेंदबाजों के पक्ष में कुछ होना चाहिए।' फिलेंडर बोले- दूसरे सेमीफाइन में न्यूजीलैंड के खिलाफ साउथ अफ्रीका के लिए रिवर्स स्विंग काम आ सकता था वहीं फिलेंडर ने कहा कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों को लार लगाने और रिवर्स स्विंग का इस्तेमाल का फायदा हो सकता था। उन्होंने कहा, 'गेंद को देखें तो घिस चुकी थी। ऐसे में मुझे लगता है कि एक तरफ गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल किया जाता तो वह रिवर्स स्विंग के काम आ सकता था और निश्चित रूप से अफ्रीकी गेंदबाजों को फायदा मिलता और स्कोर कुछ और होता।' पाकिस्तान के लाहौर में चैंपियंस ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट के नुकसान पर 362 रन बनाए थे। वहीं साउथ अफ्रीका ने भी 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 312 रन बना लिए थे। कोरोना के समय गेंद पर लार के इस्तेमाल पर लगाया था बैन गेंद पर लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध पहली बार मई 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान एक अस्थायी उपाय के रूप में लगाया गया था। फिर, सितंबर 2022 में, ICC ने प्रतिबंध को स्थायी कर दिया था। ________________________________ स्पोर्ट्स की यह खबर भी पढ़ें... 25 साल बाद फिर चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भिड़ेंगे IND-NZ:2000 में न्यूजीलैंड ने टाइटल जीता, टीम इंडिया को 63% ICC मैच हराए भारत और न्यूजीलैंड 25 साल बाद फिर एक बाद चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भिड़ने वाले हैं। दोनों 9 मार्च को दुबई में खिताबी मुकाबला खेलेंगे। इससे पहले 2000 में नैरोबी के मैदान पर हुए फाइनल को न्यूजीलैंड ने आखिरी ओवर में 4 विकेट से जीता था। पूरी खबर

साउदी और फिलेंडर ने शमी का समर्थन किया: भारतीय गेंदबाज ने ICC से गेंद पर लार लगाने से बैन हटाने की मांग की थी
क्रिकेट जगत में हमेशा से ही विवाद और चर्चाएं होती रहती हैं, और हाल ही में इस चर्चा का केंद्र बने हैं भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी। शमी ने ICC से गेंद पर लार लगाने के बैन को हटाने की मांग की है, जिसे लेकर न्यूजीलैंड के कप्तान टिम साउदी और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज वर्नोन फिलेंडर ने उनका समर्थन किया है। इस मुद्दे पर बहस ने पूरे क्रिकेट समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है।
लार का उपयोग और उसके प्रभाव
शमी का यह बयान उस समय आया है जब क्रिकेट खेलने के नियमों में कई बदलाव किए गए हैं। COVID-19 महामारी के दौरान सुरक्षा उपायों के तहत गेंद पर लार लगाने पर बैन लगाया गया था। शमी का मानना है कि लार का उपयोग गेंद की स्थिति को बनाए रखने में मदद करता है, जबकि बैन के कारण गेंद पर रिवर्स स्विंग करने की संभावना कम हो गई है। साउदी और फिलेंडर ने भी इस बात पर जोर दिया कि लार गेंदबाजी के खेल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
ICC के नियम और खिलाड़ियों की चिंताएं
ICC ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए यह फैसला लिया था कि गेंद पर लार का उपयोग खिलाड़ी की सुरक्षा के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया है। लेकिन अब कई खिलाड़ी इस बात से चिंतित हैं कि इससे उनके खेल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। खिलाड़ियों का मानना है कि यह एक ऐसा तत्व है जो गेंदबाजी कौशल को बढ़ाता है और खेल के मिश्रण को बनाये रखता है।
भविष्य की दिशा
शमी का समर्थन प्राप्त करने के बाद, यह देखना होगा कि ICC इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है। क्या वे खिलाड़ियों की चिंताओं को सुनेंगे और नियमों में आवश्यक बदलाव करेंगे? आने वाले समय में इस विषय पर और बहस हो सकती है। शमी, साउदी, और फिलेंडर के विचार क्रिकेट के विकास और खिलाड़ियों के स्वास्थ्य दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
खेल की दुनिया में बदलाव और अपडेशन आवश्यक हैं, और उम्मीद की जाती है कि क्रिकेट बोर्ड इस दिशा में सकारात्मक कार्यवाही करेगा।
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