हिमाचल में ऑस्ट्रेलियाई महिला पर मनी-लॉन्ड्रिंग की FIR:विदेशी खातों में अवैध धन ट्रांसफर करने और कंपनी का नियंत्रण लेने के आरोप

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में एक संस्था के निदेशक ने ऑस्ट्रेलियाई महिला के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कराया है। आरोप है कि ऑस्ट्रेलियाई नागरिक लुईस हैरिसन ने बिना अनुमति के संस्था के धन को अपने निजी खातों में ट्रांसफर कर दिया। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। एएसपी कांगड़ा हितेष लखनपाल के अनुसार, आरोपी महिला फिलहाल अभी प्रयागराज महाकुंभ स्नान के लिए गई हुई हैं। उसके लौटने के बाद पूछताछ की जाएगी। शिकायतकर्ता कर्ण कुमार ने पुलिस को बताया कि उसने 2022 में एक कंपनी की स्थापना की थी। इसमें ऑस्ट्रेलियाई नागरिक लुईस हैरिसन फंडिंग पार्टनर थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि भवन निर्माण के लिए मिली राशि को संस्था के खातों में जमा करने के बजाय अलग अलग लोगों के निजी खातों में भेजा गया। कंपनी का नियंत्रण लेने का भी महिला पर आरोप भवन निर्माण को मिली राशि का संस्था के खातों में इस धन का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। निदेशक ने यह भी आरोप है कि हैरिसन ने उनकी जानकारी के बिना कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। उन्होंने बिना कानूनी प्रक्रिया के कई परियोजनाएं भी शुरू कर दीं। पुलिस धन के स्रोत और ट्रांसफर के तरीकों की जांच कर रही है। कंपनी के कानूनी दस्तावेज भी जब्त किए: कर्ण कर्ण कुमार ने आरोप लगाया कि हैरिसन ने कंपनी के कानूनी दस्तावेज जब्त कर लिए। इससे कंपनी का संचालन प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के कारण कंपनी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया। कर्ण कुमार ने हैरिसन और उनके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। शिकायत में अनधिकृत कार्यों, मानहानि और दस्तावेजों के दुरुपयोग के आरोप शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी अब गैर-कार्यशील हो चुकी है। पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है।

Mar 7, 2025 - 10:00
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हिमाचल में ऑस्ट्रेलियाई महिला पर मनी-लॉन्ड्रिंग की FIR:विदेशी खातों में अवैध धन ट्रांसफर करने और कंपनी का नियंत्रण लेने के आरोप
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में एक संस्था के निदेशक ने ऑस्ट्रेलियाई महिला के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग

हिमाचल में ऑस्ट्रेलियाई महिला पर मनी-लॉन्ड्रिंग की FIR

हिमाचल प्रदेश में एक ऑस्ट्रेलियाई महिला के खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया है। इस महिला पर विदेशी खातों में अवैध धन ट्रांसफर करने और भारतीय कंपनी का नियंत्रण लेने के आरोप लगे हैं। यह मामला प्रदेश के अधिकारियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।

आरोपों का विवरण

सूत्रों के अनुसार, यह महिला एक अंतरराष्ट्रीय व्यवसायी है जो भारतीय बाजार में अपने निवेश के लिए सक्रिय रही है। कई मामलों में, अधिकारियों ने पाया कि उसने बिना किसी वैध प्रक्रिया के अन्य देशों में धन का स्थानांतरण किया है। इसके साथ ही, कंपनी के कुछ दस्तावेजों में भी अनियमितताएँ पाई गई हैं, जो उसकी गड़बड़ियों को दर्शाती हैं।

मामले की जांच

इस केस की जांच प्रारंभ हो गई है, और मामला अब स्थानीय पुलिस के हाथों में है। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय और प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इस मुद्दे में शामिल हो गए हैं। टोकन तस्करी, मनी-लॉन्ड्रिंग के लिए ओवरसीज कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के तहत यह FIR दर्ज की गई है।

समाज पर प्रभाव

इस तरह के मामलों ने हिमाचल प्रदेश में विदेशी निवेश का संदर्भ बदल दिया है। राज्य सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वे व्यवसायियों की जांच-पड़ताल का एक मजबूत ढांचा विकसित करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। इस प्रकार के आर्थिक अपराधों का समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इसे रोकने के लिए सख्त उपायों की जरुरत है।

ध्यान देने योग्य है कि मनी-लॉन्ड्रिंग के मामलों को हल करना न केवल प्रशासन का कार्य है बल्कि यह समाज की जिम्मेदारी भी है। इस केस में किए गए कानूनों और आवश्यकताओं के संबंध में जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है।

News by indiatwoday.com

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