सामूहिक विवाह में 60 जोड़े लिए सात फेरे:54 अनुसूचित जाति और 6 पिछड़ा वर्ग के जोड़ों की हुई शादी
कानपुर देहात के मूसानगर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत मंगलवार को एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 60 जोड़ों ने एक साथ विवाह बंधन में बंधकर नई जिंदगी की शुरुआत की। कार्यक्रम में शामिल हुए जोड़ों में 54 अनुसूचित जाति से और 6 अन्य पिछड़ा वर्ग से थे। खंड विकास अधिकारी और अधिशासी अधिकारी ने कार्यक्रम की व्यवस्था पर विशेष निगरानी रखी। जनप्रतिनिधियों ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। साथ ही उन्हें उपहार स्वरूप विभिन्न सामग्री भी भेंट की गई। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों की मदद करना है। इस योजना के तहत वित्तीय सहायता और आवश्यक सामग्री प्रदान की जाती है। इससे विवाह का खर्च कम होता है और नए जोड़े खुशहाल जीवन की शुरुआत कर सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल रहा।

सामूहिक विवाह में 60 जोड़े लिए सात फेरे: 54 अनुसूचित जाति और 6 पिछड़ा वर्ग के जोड़ों की हुई शादी
समाज में एक नई मिसाल पेश करते हुए, सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया जिसमें 60 जोड़ों ने एक साथ शादी के बंधन में बंधने का संकल्प लिया। इस अद्भुत कार्यक्रम ने न केवल आर्थिक बोझ को कम करने में मदद की है, बल्कि यह सामाजिक समरसता की भावना को भी बढ़ावा देता है। यह आयोजन विशेष रूप से अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए किया गया, जिसमें 54 जोड़े अनुसूचित जाति के और 6 जोड़े पिछड़ा वर्ग के थे।
समारोह की विशेषताएँ
इस सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन स्थानीय सामुदायिक केंद्र में किया गया था। कार्यक्रम की तैयारी में समाज के सभी वर्गों के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। समारोह में संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिससे वातावरण आनंदमय बना। इस मौके पर समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों और स्थानीय नेताओं ने विवाह के अवसर पर आशीर्वाद दिया।
सामाजिक महत्व
सामूहिक विवाह समारोह का मुख्य उद्देश्य उन जोड़ों की आर्थिक समृद्धि को सुनिश्चित करना है जो आम तौर पर विवाहित जीवन की महंगाई के कारण विवाहित नहीं हो पाते। यह आयोजन एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है जहां समाज के सभी वर्ग एक साथ आते हैं और एकजुटता का संदेश फैलाते हैं।
प्रभाव और प्रतिक्रिया
इस आयोजन के बाद से समाज में सकारात्मक चर्चा शुरू हो गई है। लोगों ने इस पहल की सराहना की है और ऐसे और समारोह आयोजित करने की मांग की है। सामूहिक विवाह ने सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा दिया है।
यह समारोह सामूहिक विवाह की परंपरा को एक नई दिशा देने का कार्य कर रहा है। आने वाले समय में इससे जुड़े और भी कार्यक्रमों को देखने की उम्मीद है।
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