सीढ़ी ने दिया धोखा...51 किलो का स्वर्ण-कलश लुटने से बचा:झांसी में बाराती बन रैकी की, सीढ़ी से कलश तक नहीं पहुंच पाए, गुस्से में दरोगा को पीटा
झांसी के टोड़ी फतेहपुर में 51 किलो वजनी स्वर्ण कलश को लूटने के लिए 7 बदमाश पूरी तैयारी से आए थे। पहले शादी में बराती बनकर मास्टरमाइंड ने रैकी की और फिर दिल्ली से फोल्डिंग वाली सीढ़ी खरीदकर लाए। मगर जिस फोल्डिंग सीढ़ी से उनको मंदिर के गुबंद पर लगे कलश तक पहुंचना था। वो धोखा दे गई। सीढ़ी कमजोर होने की वजह से हिल रही थी। ऐसे में तमाम कोशिशों के बावजूद वे कलश तक नहीं पहुंच पाए। जब लूट में असफल हुए तो बंधक बनाए दरोगा पर गुस्सा उतारा। बोले- तूने समय बर्वाद कर दिया, इसलिए वारदात नहीं कर पाए। दरोगा को पीटकर अधमरा करके सभी भाग गए थे। अब तक मास्टर माइंड शीतल कुशवाहा समेत 6 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। जबकि एक बदमाश फरार है। अब सिलसिलेवार पूरी कहानी पढ़ते हैं बारात में टोड़ी फतेहपुर आया था टोड़ी फतेहपुर में दुर्ग के अंदर बने प्राचीन मंदिर की गुंबद पर कीमती स्वर्ण कलश लगा है। बताते हैं कि ये 51 किलो सोने से बना है। इस वजह से यहां पुलिस का दिन-रात पहरा रहता है। कुछ समय पहले आरोपी शीतल कुशवाहा एक शादी में बराती बनकर यहां आया था। तब उसने इस कलश के बारे में सुना और रैकी कर गया था। तभी से उसकी नियत खराब हो गई थी। 3 माह पहले उसने अपने दोस्त प्रिंस को बताया। फिर दोनों ने 7 बदमाशों की गैंग तैयार की। जिनको मिलकर इस कलश को लूटना था। प्लान के मुताबिक, लूट के बाद कलश को 35 करोड़ में बेचना था। इसके बाद 5-5 करोड़ रुपए सभी को मिलने थे। इसी लालच की वजह से सभी लूट के लिए तैयार हुए थे। फिर दिल्ली जाकर फोल्डिंग वाली सीढ़ी खरीदकर लाए। ताकि गुंबद की चोटी तक पहुंच सकें। 3 बार रैकी करके जा चुके थे लूट से पहले बदमाश तीन बार रैकी कर चुके थे। फिर वारदात के लिए 21 जनवरी की रात फाइनल की। उस दिन सातों बदमाश 3 बाइको से आए थे। शीतल और प्रिंस शाम 5 बजे ही किला के पास जंगल में आ गए थे, बाकी 5 बदमाश रात 11 बजे आए। सभी किला के अंदर दाखिल हुए और मंदिर पर पहुंच गए। वहां दरोगा योगेंद्र सिंह और चौकीदार जीवनलाल ड्यूटी कर रहे थे। विरोध करने पर बदमाशों ने दोनों को रस्सी से बांध दिया और कलश उतारने में जुट गए। 4 घंटे में कलश तक नहीं पहुंच पाए दरोगा और चौकीदार को बंधक बनाने के बाद बदमाश मंदिर की गुबंद पर लगे कलश को उतारने में जुट गए। दिल्ली से लाई 30 फुट ऊंची फोल्डिंग सीढ़ी लगाई तो वह हिल रही थी। इसलिए बदमाश चढ़ नहीं पा रहे थे। कई प्रयास के बाद भी वे कलश तक नहीं पहुंए पाए। करीब 4 घंटे तक प्रयास किया, मगर सफलता नहीं मिली। अब अंधेरा छट रहा था और सुबह होने वाली थी। ऐसे में वे तिलमिला उठे और बंधक बनाए दरोगा पर उनका गुस्सा फूट पड़ा। बोले तूने समय खराब किया, इसलिए लूट नहीं कर पाए। दरोगा को बुरी तरह पीटा और सभी भाग गए थे। अब तक 6 बदमाश पकड़े गए मंगलवार रात को मुठभेड़ में गोली लगने से महोबा के सौरा गांव निवासी शीतल कुशवाहा घायल हुआ था। जो अब हरपालपुर में रह रहा था। उसके साथ हमीरपुर के चिकासी निवासी दीपा उर्फ दीपेश मिश्रा और हमीरपुर के बड़ा खरका गांव निवासी जितेंद्र कुमार उर्फ जीतू को पकड़ा गया था। इसके बाद बुधवार को दोबारा बदमाशों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गई। पैर में गोली लगने से हमीरपुर के चिकासी क्षेत्र के बरौली खरगा गांव निवासी भागचंद्र उर्फ प्रधान घायल हो गए थे। वहीं, एमपी के छतरपुर जिले के रानीपुरा निवासी योगेन्द्र सिंह उर्फ प्रिंस और हरपालपुर निवासी हरिश्चंद्र सिंह उर्फ रिंकू को दौड़ाकर पकड़ लिया था। बदमाशों से तमंचे व कारतूस बरामद हुए हैं। अभी राठ का एक आरोपी फरार है। शीतल पर पहले से ही 4 केस दर्ज हैं। वहीं दीपेश भी डकैती की योजना बनाते हुए पहले पकड़ा जा चुका है। दरोगा का चल रहा है इलाज टोडी फतेहपुर के किला पर एक मंदिर बना है। जिसमें कीमती स्वर्ण कलश लगा है। ये बदमाश कलश चोरी करने की नियत से 21 जनवरी की रात को किला में घुस गए। तब यहां ड्यूटी कर रहे दरोगा योगेंद्र सिंह और चौकीदार जीवनलाल ने देख लिया। चोरी नहीं कर पाने पर बदमाशों ने दोनों को दबोच लिया और बंधक बनाकर बुरी तरह पीटा था। पत्थर मारकर दरोगा की पसलियां तोड़ दी थी और फिर धमकी देकर भाग गए थे।

सीढ़ी ने दिया धोखा...51 किलो का स्वर्ण-कलश लुटने से बचा: झांसी में बाराती बन रैकी की
झांसी में एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें बाराती बनकर आए कुछ लोगों ने एक शादी में स्वर्ण-कलश लूटने की योजना बनाई थी। यह घटना दर्शाती है कि कैसे एक साधारण सीढ़ी ने एक बड़े अपराध को टाल दिया। इस घटना का सार यह है कि स्वर्ण-कलश 51 किलो का था, और जब लुटेरे इसे लूटने की कोशिश कर रहे थे, तब एक सीढ़ी उनकी योजना में बाधा बन गई।
योजना का अंत
बारात में शामिल लोग इस कलश को लूटने के लिए बारातियों की तरह नजर आ रहे थे। हालांकि, जैसे ही वे स्वर्ण-कलश के करीब पहुँचे, उनका ध्यान सीधी पर टूट गया। उनका प्रयास विफल हो गया और वह इस सुनहरी कुल्हाड़ी को अपने साथ नहीं ले जा सके। इस घटना में एक दरोगा भी शामिल था, जिसने उन्हें रोकने की कोशिश की थी लेकिन वे गुस्से में आ गए और दरोगा को पीटा।
स्थानीय पुलिस की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले के बाद स्थानीय पुलिस ने तत्परता दिखाई और इस घटना की जांच शुरू की। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में हलचल पैदा कर दी है, और लोग अब अपनी सुरक्षा के प्रति चिंतित हैं। पुलिस अधिकारियों ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है और इस घटनाक्रम के संदर्भ में एक चेतावनी जारी की है।
विशेषज्ञों का मत
विशेषज्ञ बताते हैं कि इस प्रकार की घटनाएँ सामाजिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं। वे सुझाव देते हैं कि लोग किसी भी संदिग्ध गतिविधियों पर ध्यान दें और पुलिस को तुरंत सूचित करें। इसके अलावा, शादी समारोहों में अतिरिक्त सुरक्षा उपायों की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाएँ रोकी जा सकें।
इस तरह की घटनाओं ने साबित कर दिया है कि हमें अपने आस-पास की गतिविधियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए, स्थानीय समुदायों को एकजुट होकर सुरक्षा उपायों को लागू करने की आवश्यकता है।
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