सुनीता विलियम्स को लेने स्पेस स्टेशन पहुंचा मस्क का स्पेसक्राफ्ट:9 महीने से फंसे हैं दो एस्ट्रोनॉट, 19 मार्च को अंतरिक्ष से धरती पर लौटेंगे

इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन करीब 28 घंटे बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच गया है। आज 16 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 9:40 बजे इसने डॉकिंग की। ये स्पेसक्राफ्ट 9 महीने से स्पेस स्टेशन में फंसी भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को पृथ्वी पर वापस लाएगा। चार मेंबल की क्रू-10 टीम में नासा की अंतरिक्ष यात्री ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान के ताकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेस्कोव शामिल हैं। इन एस्ट्रोनॉट्स ने शनिवार को SpaceX के फॉल्कन 9 रॉकेट से भारतीय समयानुसार करीब 4:30 बजे उड़ान भरी थी। फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से इसे लॉन्च किया गया था। क्रू-10 के स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद अब वहां मौजूद क्रू-9 के एस्ट्रोनॉट नासा के निक हेग, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर, रुसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के एस्ट्रोनॉट अलेक्सांद्र गोरबुनोव ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार पृथ्वी पर लौटेंगे। ये चारों एस्ट्रोनॉट 19 मार्च के बाद स्पेस स्टेशन से पृथ्वी के लिए निकलेंगे। बोइंग के स्टारलाइनर में खराबी से 8 दिन की यात्रा बनी 9 महीने की सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 5 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर स्पेस स्टेशन गए थे। 8 दिन बाद उन्हें इसी स्पेसक्राफ्ट से वापस पृथ्वी पर लौटना था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण ऐसा नहीं हो सका। स्पेसक्राफ्ट को बिना क्रू के ही स्पेस स्टेशन से रवाना कर दिया गया। अब इन एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन में फंसे हुए करीब 9 महीने हो चुके हैं। ये बोइंग का टेस्टिंग मिशन था। सुनीता और विलमोर को स्पेस स्टेशन पर क्यों भेजा गया था? सुनीता और बुच विलमोर बोइंग और NASA के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं। उनके साथ गए बुच विलमोर इस मिशन के कमांडर थे। दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद वापस पृथ्वी पर आना था। लॉन्च के समय बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी के प्रेसिडेंट और CEO टेड कोलबर्ट ने इसे स्पेस रिसर्च के नए युग की शानदार शुरुआत बताया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता साबित करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। सुनीता और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं जो एटलस-वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवेल पर भेजे गए। इस मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था। फ्लाइट टेस्ट से जुड़े कई तरह के ऑब्जेक्टिव भी पूरे करने थे। सुनीता और विलमोर इतने लंबे समय तक स्पेस में कैसे फंस गए? स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के लॉन्च के समय से ही उसमें कई दिक्कतें थीं। इनके चलते 5 जून से पहले भी कई बार लॉन्च फेल हुआ था। लॉन्च के बाद भी स्पेसक्राफ्ट में दिक्कतों की खबर आई। NASA ने बताया कि स्पेसक्राफ्ट के सर्विस मॉड्यूल के थ्रस्टर में एक छोटा सा हीलियम लीक है। एक स्पेसक्राफ्ट में कई थ्रस्टर होते हैं। इनकी मदद से स्पेसक्राफ्ट अपना रास्ता और स्पीड बदलता है। वहीं हीलियम गैस होने की वजह से रॉकेट पर दबाव बनता है। उसका ढांचा मजबूत बना रहता है, जिससे रॉकेट को अपनी फ्लाइट में मदद मिलती है। लॉन्च के बाद 25 दिनों में स्पेसक्राफ्ट के कैप्सूल में 5 हीलियम लीक हुए। 5 थ्रस्टर्स काम करना बंद कर चुके थे। इसके अलावा एक प्रॉपेलेंट वॉल्व पूरी तरह बंद नहीं किया जा सका। स्पेस में मौजूद क्रू और अमेरिका के ह्यूस्टन में बैठे मिशन के मैनेजर मिलकर भी इसे ठीक नहीं कर पाए।

Mar 16, 2025 - 11:00
 55  11534
सुनीता विलियम्स को लेने स्पेस स्टेशन पहुंचा मस्क का स्पेसक्राफ्ट:9 महीने से फंसे हैं दो एस्ट्रोनॉट, 19 मार्च को अंतरिक्ष से धरती पर लौटेंगे
इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन करीब 28 घंटे बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुं

सुनीता विलियम्स को लेने स्पेस स्टेशन पहुंचा मस्क का स्पेसक्राफ्ट

19 मार्च को धरती पर लौटने की तैयारियों के साथ, सुनीता विलियम्स को लेने मस्क का स्पेसक्राफ्ट स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है। इस यात्रा का उद्देश्य उन दो एस्ट्रोनॉट्स को सुरक्षित तरीके से वापस लाना है, जो लगभग 9 महीने से स्पेस में फंसे हुए हैं। इस रोमांचक यात्रा के साथ, सुनीता विलियम्स एक बार फिर से अंतरिक्ष में अपने अद्भुत कार्यों को जारी रखने के लिए तैयार हैं।

मिशन का विवरण

मस्क के स्पेसक्राफ्ट का यह मिशन एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसमें न केवल तकनीकी दक्षता का प्रदर्शन किया गया है, बल्कि यह अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में मानवता की कोशिशों को भी दर्शाता है। पिछले 9 महीनों में, एस्ट्रोनॉट्स ने विभिन्न अनुसंधान कार्यों में लगे हुए थे, जो आगामी मानव मिशनों के लिए आधार तैयार करेंगे।

स्पेस स्टेशन पर एस्ट्रोनॉट्स का अनुभव

स्पेस स्टेशन पर बिताया गया समय एस्ट्रोनॉट्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग किए हैं जो पृथ्वी पर जीवन के लिए अनिवार्य हैं। अब, वे सुरक्षित वापसी की ओर अग्रसर हैं, जो न केवल उनके लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक राहत होगी।

सुनीता विलियम्स की उपलब्धियां

सुनीता विलियम्स एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री हैं जिन्होंने कई विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। उनकी वापसी अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है। उनके अनुभव और ज्ञान से नई पीढ़ी के उड़ानकर्ताओं को प्रेरणा मिलेगी।

आगामी 19 मार्च को जब स्पेसक्राफ्ट धरती पर लौटेगा, तब यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में यह उपलब्धि एक नई धारा को प्रारंभ कर सकती है।

News by indiatwoday.com

निष्कर्ष

मस्क का स्पेसक्राफ्ट सुनीता विलियम्स और अन्य एस्ट्रोनॉट्स के लिए जीवन रक्षक साबित हो रहा है। इस मिशन की सफलता अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए नई संभावनाओं को खोल देगी, जिससे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। हमें 19 मार्च का इंतजार है, जब ये नायकों की पृथ्वी पर वापसी होगी। Keywords: सुनीता विलियम्स स्पेस स्टेशन मस्क का स्पेसक्राफ्ट, अंतरिक्ष यात्रा अपडेट, एस्ट्रोनॉट्स की वापसी, मस्क अंतरिक्ष मिशन, सुनीता विलियम्स उपलब्धियां, अंतरिक्ष अनुसंधान समाचार, NASA मिशन, स्पेसक्राफ्ट की सफलता, अंतरिक्ष से धरती पर लौटने की तैयारी, 19 मार्च अंतरिक्ष समाचार

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow