हमास आज इजराइल के 3 बंधक रिहा करेगा:सबसे कम उम्र के हॉस्टेज का पिता भी आजाद होगा, इजराइल भी 90 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा
हमास ने सीजफायर समझौते के तहत शुक्रवार को रिहा होने वाले सभी 3 बंधकों का नाम जारी किया है। इनके नाम कीथ सीगल (65), यार्डेन बिबास (35) और ओफर काल्डेरोन (54) हैं। इन तीनों को 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास के लड़ाके बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। इजराइली डिफेंस फोर्स ने इन तीनों नामों की पुष्टि की है। इजराइली पीएम ऑफिस ने कहा कि बंधकों के परिवारों को रिहाई की जानकारी दे दी गई है। पिछले हफ्ते समझौते के प्रभावी होने के बाद से अब तक कुल 10 इजराइली और 5 थाई बंधकों को रिहा किया जा चुका है। रिहाई होने वाले बंधकों में सबसे कम उम्र के हॉस्टेज का पिता यार्डेन बिबास भी है। 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने जब यार्डेन के बेटे केफिर को किडनैप किया था, तब उसकी उम्र सिर्फ 9 महीने थी। तब वह हमास के कब्जे में सबसे कम उम्र का बंधक था। इजराइल पर यार्डेन बिबास की पत्नी-बच्चों की हत्या का आरोप बंधक यार्डेन बिबास को उनकी पत्नी शिरी और दो बेटों केफिर और एरियल के साथ नीर ओज किबुत्ज से किडनैप किया गया था। बिबास की पत्नी शिरी और उनके दोनों बच्चों की हमास के कब्जे में रहने के दौरान ही मौत हो चुकी है। हमास ने नवंबर 2023 में दावा किया था कि उनकी मौत इजराइल की बमबारी में हुई है। हमास ने तब एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें यार्डेन बिबास अपने पिरजनों की मौत का जिम्मेदार इजराइली पीएम नेतन्याहू को बता रहे थे। हालांकि इजराइल ने कभी भी हमास के इस दावे को नहीं माना। अमेरिकी नागरिकता वाले बंधक की भी होगी रिहाई एक और बंधक कीथ सीगल मूल रूप से अमेरिका के निवासी हैं। उनके पास इजराइली नागरिकता भी है। उनकी हेल्थ खराब बताई जा रही है। कीथ और उनकी पत्नी अवीवा को कफर अजा किबुत्ज से एकसाथ किडनैप कर लिया गया था। हालांकि नवबंर 2023 में हुए सीजफायर डील के तहत अवीवा को रिहा कर दिया गया था। तीसरे इजराइली बंधक ओफर काल्डेरोन को उनके 11 साल के बेटे एरेज, 16 साल की बेटी सहर के साथ नीर ओज किबुत्ज से बंधक बना लिया गया है। एरेज और सहर को नवंबर 2023 में हुए सीजफायर डील के तहत रिहा कर दिया गया था। हमास के इजराइली बंधकों की रिहाई के बदले इजराइल भी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर रहा है। इजराइल पुरुष बंधक के बदले 30 कैदी, इजराइली महिला बंधक या सैनिक के बदले 50 कैदी रिहा कर रहा है। इजराइली बंधकों की अब तक 3 चरणों में रिहाई हुई है... पहला चरण- 19 जनवरी हमास ने 3 महिला बंधकों को रिहा किया:रेड क्रॉस की मदद से इजराइल पहुंचीं; दोनों पक्षों में 15 महीने बाद सीजफायर इजराइल और हमास के बीच जंग के 15 महीने बाद रविवार, 19 जनवरी को सीजफायर लागू हो गया है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक हमास ने 471 दिन बाद 3 इजराइली महिला बंधकों रिहा कर दिया। ये तीनों रेड क्रॉस संगठन की मदद से इजराइल पहुंच गई हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें... दूसरा चरण- 25 जनवरी हमास ने इजराइल की 4 महिला सैनिकों को छोड़ा:पिछले हफ्ते 3 इजराइली बंधक सौंपे थे; इजराइल ने 200 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया हमास ने इजराइल की 4 महिला सैनिकों को छोड़ दिया। ये पिछले 15 महीने से बंधक थीं। ये उन 7 महिला सैनिकों में शामिल हैं, जिन्हें 7 अक्टूबर को नाहल ओज एयरपोर्ट से अगवा किया गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें... तीसरा चरण- 29 जनवरी हमास ने 3 इजराइली बंधकों को रिहा किया:थाईलैंड के 5 नागरिक भी छोड़े; इजराइल ने भी फिलिस्तीन के 110 कैदियों को रिहा करेगा हमास ने सीजफायर समझौते के तहत गुरुवार को इजराइल के 3 और थाईलैंड के 5 बंधकों को रिहा कर दिया है। इन सभी लोगों को हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को बंधक बना लिया था। हमास ने गुरुवार को दो चरणों में बंधकों को रिहा किया। सबसे पहले इजराइली बंधक अगम बर्गर को जबालिया से रिहा किया गया। इसके करीब 4 घंटे बाद बाकी 7 बंधकों को खान यूनिस से रिहा किया गया। पूरी खबर यहां पढ़ें... तीन फेज में पूरी होगी सीजफायर डील 15 जनवरी को जो बाइडेन ने कहा था कि यह डील 19 जनवरी, यानी रविवार से तीन फेज में शुरू होगी। इसमें 42 दिन तक बंधकों की अदला-बदली की जाएगी। पहला फेज: दूसरा फेजः तीसरा फेजः

हमास आज इजराइल के 3 बंधक रिहा करेगा: सबसे कम उम्र के हॉस्टेज का पिता भी आजाद होगा, इजराइल भी 90 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा
आज, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, हमास ने घोषणा की है कि वह इजराइल के तीन बंधकों को रिहा करने जा रहा है। यह निर्णय दोनों पक्षों के बीच की बातचीत के परिणामस्वरूप आया है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि यह आगामी शांति वार्ताओं की दिशा में एक कदम हो सकता है। रिहाई में सबसे कम उम्र का हॉस्टेज विशेष रूप से चर्चा का केंद्र है, क्योंकि उसके पिता भी आजाद किए जाने का प्रावधान रखा गया है।
रिहाई का महत्व
यह रिहाई न सिर्फ बंधकों के परिजनों के लिए राहत है, बल्कि यह इजराइल और हमास के बीच नई बातचीत का एक संकेत भी है। ये घटनाएँ दोनों देशों की राजनीति को प्रभावित कर सकती हैं और क्षेत्र में स्थिरता लाने में मददगार साबित हो सकती हैं। रिहाई के साथ ही इजराइल ने 90 फिलिस्तीनी कैदियों को भी छोड़ने का निर्णय लिया है, जो कि एक बड़ा कदम है। यह दोनों पक्षों के लिए एक आशा का प्रतीक है कि संघर्ष में कुछ कमी आएगी।
बातचीत और शांति प्रक्रिया
इस कदम का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि यह बातचीत की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है। पिछले कुछ वर्षों में इजराइल और हमास के बीच कई संघर्ष हुए हैं, लेकिन ये रिहाइयाँ एक नई शुरुआत का संकेत हो सकती हैं। सभी पक्षों को यह समझने की जरूरत है कि वार्ता का रास्ता ही स्थायी शांति का एकमात्र उपाय है।
सामाजिक प्रभाव
इस प्रकार की रिहाई न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक दृष्टि से भी एक बड़ी प्रभाव डालती है। बंधकों के परिवारों को राहत मिलेगी और यह समाज में चारों ओर एक सकारात्मक संदेश फैला सकता है। जब भी ऐसे सकारात्मक घटनाक्रम होते हैं, यह आम लोगों में आशा जगाता है और एक समाज में सामंजस्य को बढ़ावा देता है।
इस अद्भुत समाचार के साथ, हम सभी की उम्मीद है कि यह रिहाई न केवल बंधकों के लिए, बल्कि दोनों पक्षों के लिए एक नई शुरुआत की ओर ले जाएगी।
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