हिमाचल के जवान का हार्ट-अटैक से निधन:पैतृक गांव में आज सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार, डेढ़ साल के बेटे-पत्नी को पीछे छोड़ गए बसंत
हिमाचल प्रदेश में मंडी का जवान ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से निधन हो गया। मंडी जिले के बल्ह उपमंडल की ग्राम पंचायत हल्यातर के 26 वर्षीय बसंत सिंह की पार्थिव देह आज पैतृक गांव पहुंचेगी, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया जाएगा। सूचना के अनुसार, बसंत सिंह 10 डोगरा रेजिमेंट में देहरादून में तैनात था। ड्यूटी के दौरान जवान को हार्ट अटैक पड़ गया। इसके बाद बसंत सिंह को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की कोशिश के बावजूद नहीं बचाया जा सका। बताया जा रहा है कि बसंत सिंह को शनिवार शाम के वक्त निधन हुआ है। इसके बाद शनिवार देर रात करीब 11 बजे सेना कार्यालय ने ग्राम पंचायत हल्यातर की प्रधान बंती देवी को फोन कर इस दुखद घटना की सूचना दी। परिवार से जल्दी मिलने का वादा रह गया अधूरा बसंत सिंह की मृत्यु की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बसंत सिंह अपने पीछे पत्नी और डेढ़ वर्षीय बेटे शौर्य को छोड़ गए हैं। बसंत सिंह एक सप्ताह पहले ही छुट्टियां बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे। उन्होंने परिवार से जल्द ही फिर मिलने का वादा किया था, लेकिन अब उनकी पार्थिव देह तिरंगे में लिपटकर घर लौटेगी। पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा SDM बल्ह स्मृतिका नेगी के अनुसार, सोमवार को बसंत सिंह की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव बुरहाली पहुंचेगी, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

हिमाचल के जवान का हार्ट-अटैक से निधन: सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार
हिमाचल प्रदेश के एक जवान, बसंत, का हाल ही में हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया। यह खबर उनके परिवार और गांव में गहरा सदमा पहुंचा चुकी है। बसंत, जो कि एक समर्पित सैनिक थे, अपने पीछे एक पत्नि और डेढ़ साल के बेटे को छोड़ गए हैं। उनके निधन की खबर से पूरा गांव शोकाकुल है।
परिवार और गांव का शोक
बasant का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ किया जा रहा है। गांव के लोगों ने उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बड़ी संख्या में उपस्थित होने का निर्णय लिया है। यह वक्त बसंत के परिवार के लिए अत्यंत कठिन है। उनका बेटा अब अपने पिता के बिना बड़ा होगा, जो कि एक भावनात्मक चुनौती है।
परिस्थितियों का प्रभाव
बसंत के निधन ने अन्य जवानों और उनके परिवारों में चिंता बढ़ा दी है। हार्ट अटैक की घटनाएं अब देश के हर क्षेत्र में एक गंभीर समस्या बनती जा रही हैं। जवानों को लगातार शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है, जिनके परिणामस्वरूप इस प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
सैन्य सम्मान का महत्व
सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार न केवल बसंत के योगदान को मान्यता देता है, बल्कि यह समाज को भी जागरूक करता है कि उन्हें कितना बलिदान देना पड़ता है। इस प्रकार की प्रक्रियाएं एक समुदाय में एकजुटता और गर्व की भावना को भी बढ़ावा देती हैं।
इस दुखद घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने कहा कि वे अपने जवानों की भलाई के लिए अधिक से अधिक उपायों पर ध्यान देंगे। यह समय है कि हम सभी मिलकर उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हों।
इस दुखद समाचार के साथ हम बसंत के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं।
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