हिमाचल के शक्तिपीठों में एस्केलेटर-लिफ्ट लगाने की मांग:राज्यसभा में बोले सांसद सिकंदर- बुजुर्गों के लिए लगाना जरूरी, श्रद्धालुओं को सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं
देवभूमि हिमाचल प्रदेश के मशहूर शक्तिपीठों और अन्य तीर्थ स्थलों में एस्केलेटर और लिफ्ट लगाने का मामला सोमवार को राज्यसभा में उठाया गया। राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने बुजुर्गों, दिव्यांगों और शारीरिक रूप से अक्षम श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इन्हें लगाने का मामला राज्यसभा में उठाया। डॉ. सिकंदर ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए तीर्थ स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। कांगड़ा के मां ज्वालाजी, मां चामुंडा देवी, मां नैना देवी, मां बगलामुखी, मां चिंतपूर्णी शक्तिपीठ और बाबा बालकनाथ जैसे कई अन्य मशहूर मंदिर है। जहां देशभर से हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। सैकड़ों सीढ़ियां चढ़कर मंदिर जाना पड़ता है- सांसद डॉ. सिकंदर ने कहा, पहाड़ी राज्य के कारण यहां अधिकतर मंदिर ऊंचे पहाड़ों पर स्थित हैं। इन मंदिरों तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को सैकड़ों सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। जिससे बुजुर्गों, दिव्यांगों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्रा सुगम होनी चाहिए- डॉ. सिकंदर डॉ. सिकंदर ने केंद्र सरकार से इन तीर्थस्थलों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एस्केलेटर और लिफ्ट के लिए फंड देने का आग्रह किया, ताकि सभी श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के धार्मिक स्थलों पर दर्शन कर सकें। लोकसभा में बोले सुरेश कश्यप वहीं लोकसभा में शिमला से सांसद सुरेश कश्यप ने मध्यम वर्ग के करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए वित्त मंत्री का आभार जताया और शानदार बजट बताया।

एक नई पहल की आवश्यकता
हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में राज्यसभा में सांसद सिकंदर ने एस्केलेटर और लिफ्ट लगाने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि बुजुर्गों और विकलांग व्यक्तियों के लिए यह सुविधाएं अनिवार्य हैं, ताकि वे आसानी से पूजा स्थल तक पहुँच सकें। इन शक्तिपीठों में चढ़ाई करना बहुधा कठिन होता है, और ऐसे में आधुनिक तकनीक का उपयोग करना चाहिए।
श्रद्धालुओं के अनुभव
श्रद्धालुओं का मानना है कि सीढ़ियाँ चढ़ना एक चुनौती बन गया है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो वृद्धावस्था में हैं या जिनकी शारीरिक क्षमता सीमित है। सांसद सिकंदर ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि ऐसे में एस्केलेटर या लिफ्ट लगाना श्रद्धालुओं के लिए एक बढ़िया विकल्प होगा। इससे न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उनके मानसिक संतोष में भी वृद्धि होगी।
सामाजिक साक्षरता
इस तरह की सुविधाओं का समावेश करने से हिमाचल के पर्यटन उद्योग को भी लाभ होगा। अधिकतर श्रद्धालु ऐसे स्थानों पर जाकर अपनी आध्यात्मिक यात्रा को पूरा करना चाहते हैं, इसलिए इस मुद्दे पर ध्यान देना आवश्यक है। सांसद ने कहा कि सरकार को इस पर ध्यान देकर कार्य योजना बनानी चाहिए ताकि जल्द से जल्द कार्यवाही संभव हो सके।
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं ने सांसद की इस मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। एस्केलेटर और लिफ्ट लगाने से भविष्य में तीर्थ स्थलों के प्रति लोग अधिक आकर्षित होंगे।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में एस्केलेटर और लिफ्ट लगाना एक समुचित और आवश्यक कदम है। सांसद सिकंदर की इस मांग के माध्यम से उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार कुछ ठोस कदम उठाएगी और इस विषय पर सकारात्मक निर्णय लेगी। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह अति आवश्यक है। Keywords: हिमाचल शक्तिपीठ एस्केलेटर लिफ्ट, सांसद सिकंदर राज्यसभा बयान, बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए, श्रद्धालुओं की सुविधा, पर्यटन उद्योग हिमाचल, तीर्थ स्थलों की सुविधाएँ, आध्यात्मिक यात्रा हिमाचल, मंदिरों में एस्केलेटर। For more updates, visit indiatwoday.com.
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