हिमाचल में इंटरकास्ट मैरिज पर बवाल:परिजनों ने क्षत्रिय संगठन समेत किया थाने का घेराव, SC लड़के पर ब्राह्मण युवती को भगाने का आरोप
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में इंटरकास्ट मैरिज को लेकर माहौल तनावपूर्ण हो गया है। लड़की के परिजनों और देवभूमि क्षत्रिय संगठन के लोगों ने शुक्रवार को राजगढ़ पुलिस थाना का घेराव किया। देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार दोपहर के वक्त राजगढ़ थाना पहुंचे और धरने पर बैठ गए। उन्होंने पुलिस से मांग की कि जिस लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, जब तक उस लड़की को उसके मां-बाप को नहीं सौंपा जाता, तब तक धरना खत्म नहीं करेंगे। क्षत्रिय संगठन के साथ-साथ लड़की के परिजन भी थाने के बाहर धरने पर डटे हुए हैं। SC लड़के पर भगाकर ब्राह्मण लड़की से शादी का आरोप सूचना के अनुसार, राजगढ़ के कनेच गांव के अनुसूचित जाति के लड़के ने मांडिया घाट निवासी ब्राह्मण की लड़की से बीते 26 मार्च को शादी की है। इन दोनों ने पंडित के समक्ष नाहन में शादी की। दोनों ने 27 मार्च को SP से मुलाकात करके सुरक्षा की मांग की है। इंटरकास्ट मैरिज से स्वर्ण समाज के लोगों में रोष है। लड़की के परिजनों ने मैरिज सर्टिफिकेट को फर्जी बताया वहीं लड़की के परिजनों ने पंडित की ओर से जारी विवाह प्रमाण पत्र को फर्जी बताया है। परिजनों ने कहा, उनकी लड़की 26 मार्च को राजगढ़ में कंप्यूटर सेंटर गई थी। 2 बजे तक वहीं थी, मगर जो विवाह प्रमाण पत्र पंडित से बनवाया गया है, उसमें 26 मार्च की तारीख लिखी गई है। समय सायं पांच बजे लिखा गया। लड़की के पिता को आया चक्कर परिजनों के अनुसार, राजगढ़ से नाहन किसी वाहन से जाने पर भी चार घंटे लग जाते हैं जिससे यह साबित होता है कि यह फर्जी तरीके से कार्य हुआ है। प्रदर्शन के दौरान लड़की के पिता को चक्कर आया और वह बेसुध होकर जमीन पर गिर गए। DSP बोले- लड़का-लड़की दोनों बालिग DSP राजगढ़ वीसी नेगी के अनुसार लड़का व लड़की दोनों बालिग है। दोनों ने शादी कर ली है और दोनों ने एसपी से सुरक्षा की मांग की है। ऐसे में पुलिस लड़की को जबरदस्ती परिजनों को नहीं सौंप सकती।

हिमाचल में इंटरकास्ट मैरिज पर बवाल
हिमाचल प्रदेश में हाल ही में एक इंटरकास्ट मैरिज को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। इस मामले में युवती के परिजनों ने क्षत्रिय संगठन के सदस्यों के साथ मिलकर थाने का घेराव किया। यहां पर एक ब्राह्मण युवती के साथ एक एससी लड़के के संबंधों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। यह घटना उस समय और बढ़ गई जब लड़के के परिवार को समाज द्वारा दबाव में लाया गया।
घटनाक्रम की समयसीमा
इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारतीय समाज में अंतर्जातीय विवाह को लेकर अभी भी हतोत्साहन है। परिजनों द्वारा थाने का घेराव करने से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। इस घटनाक्रम के पीछे सामाजिक मान्यता और परंपराओं का संघर्ष छिपा है।
स्थानीय जनसामान्य की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों और संगठनों की प्रतिक्रियाएं काफी मिली-जुली रही हैं। कुछ लोग इस तरह के विवाह को प्रोत्साहित करने के पक्ष में हैं, जबकि अन्य इसे अपने समाज की परंपराओं के खिलाफ मानते हैं। इसे लेकर कई संगठनों ने अपनी आवाज उठाई है और इसे एक बड़ा मुद्दा बना दिया है।
कानूनी पहलू और सजा
इस मामले में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या कानून के दृष्टिकोण से इस तरह के घेराव को सही ठहराया जा सकता है। समाज में बढ़ते ऐसे मामलों को देखते हुए अधिकारियों को भी कार्रवाई करने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
यह विवाद न केवल व्यक्तिगत रिश्तों की बात है, बल्कि यह एक बड़ा सामाजिक मुद्दा बन चुका है, जो उस वर्ग के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को भी प्रभावित कर रहा है।
समाज और कानून दोनों को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित विकल्प खोजने की आवश्यकता है।
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