हिमाचल में ट्रेजरी बंद करने पर घमासान:नेता प्रतिपक्ष बोले- अराजकता का माहौल बना, CM के मीडिया सलाहाकार का पलटवार, जयराम हालात के लिए जिम्मेदार
हिमाचल प्रदेश में ठेकेदारों की पेमेंट पर संग्राम छिड़ गया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के अराजकता फैलाने वाले बयान पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहाकार नरेश चौहान ने पलटवार करते हुए कहा, प्रदेश में जो हालात बने है, उसके लिए पूर्व जयराम सरकार जिम्मेदार है। नरेश चौहान ने कहा कि 2 महीने से ट्रेजरी बंद के आरोप निराधार है। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने गलत ढंग से लोन दिए। स्टेट कोऑपरेटिव बैंक और कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंकों का एनपीए बढ़ा है। वित्तीय अनुशासन के लिए कुछ फैसले जरूर लिए है। इससे आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। बता दें कि जयराम ठाकुर ने कहा था कि ट्रेजरी दो महीने से अघोषित रूप से बंद है। इससे अराजकता का माहौल बन गया है। इससे सभी प्रकार के विकास कार्य ठप पड़े हैं। सरकार ने सभी वेंडर का भुगतान रोक दिया है। उन्होंने कहा, अगर ट्रेजरी बंद होगी तो प्रदेश का काम प्रभावी तरीके से कैसे चलेगा। 21 नवंबर के बाद रुका भुगतान 21 नवंबर के बाद से लोक निर्माण विभाग (PWD) के ठेकेदारों की पेमेंट का भुगतान नहीं किया जा रहा है। 5-10 हजार रुपए की ही कुछ पेमेंट ठेकेदारों को दी जा रही है। इससे ठेकेदार अपने इंजीनियरों, कर्मचारियों और मजदूरों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। कुछ ठेकेदार अब काम बंद करने की तैयारी में हैं, क्योंकि पीडब्ल्यूडी द्वारा बिल पास किए जाने के बावजूद उनका भुगतान खजाने से नहीं हो रहा है। 825 करोड़ की पेमेंट पेंडिंग जानकारी के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों को सरकार ने 825 करोड़ से अधिक का भुगतान करना है। यह भी बताया जा रहा है कि 'ए' श्रेणी के कई ठेकेदारों का 50 लाख से अधिक का भुगतान लंबित है। ठेकेदार बार-बार पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों के पास जाकर भुगतान की मांग कर रहे हैं। लेकिन भुगतान नहीं दिया जा रहा है। इस संबंध में ठेकेदार पीडब्ल्यूडी मंत्री से भी मिल चुके हैं। प्रदेश में करीब 5000 ठेकेदार पंजीकृत हैं। इनके परिवार, कर्मचारी और मजदूर समेत हजारों परिवारों की आजीविका इन पर निर्भर है।

हिमाचल में ट्रेजरी बंद करने पर घमासान
हिमाचल प्रदेश में ट्रेजरी बंद करने को लेकर राजनीतिक बखेड़ा मचा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष ने इसे अराजकता की ओर इशारा करते हुए गंभीर रूप से आलोचना की है। उनके अनुसार, इस कदम से राज्य में अस्थिरता फैल सकती है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने पलटवार करते हुए साफ किया है कि ऐसे आरोपों का कोई आधार नहीं है। जयराम ठाकुर ने भी स्थिति को संभालने की ज़िम्मेदारी ली है और कहा है कि उनके प्रशासन की नीतियां राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
ट्रेजरी के बंद होने के बाद विपक्षी दलों ने एकजुट होकर सरकार पर हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार की यह कार्रवाई दर्शाती है कि वह स्थिति को नियंत्रित करने में असफल रही है। उन्होंने भविष्य में ऐसा कदम उठाने से बचने की बात कही ताकि अराजकता और न फैले। इस मुद्दे पर अधिक जानकारी के लिए, News by indiatwoday.com की वेबसाइट पर जाएं।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी सरकार नागरिकों के हित के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने अपने मीडिया सलाहकार के माध्यम से कहा, “हम निर्णय लेने में भेदभाव नहीं करेंगे और सभी को ध्यान में रखकर निर्णय लेंगे।” उनका मानना है कि यह कदम पूर्णतया सही और आवश्यक है।
भविष्य की आशंकाएं
इस घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि हिमाचल में राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है, जो कि राज्य के विकास को प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह सकारात्मक दिशा में नहीं बढ़ता है, तो दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। ऐसे में, सभी राजनीतिक दलों को विचारशीलता से काम करना होगा।
सारांश
हिमाचल में ट्रेजरी बंद करने का मुद्दा राज्य में तकरार का कारण बन गया है। नेता प्रतिपक्ष की आलोचना और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया ने स्पष्ट कर दिया है कि इस स्थिति को सुधारने की आवश्यकता है। सभी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार अगले कदम के तौर पर क्या निर्णय लेगी। Keywords: हिमाचल ट्रेजरी बंद, नेता प्रतिपक्ष अराजकता, सीएम जयराम ठाकुर, मीडिया सलाहकार पलटवार, हिमाचल राजनीतिक विवाद, राज्य सरकार आलोचना, सरकारी नीतियों की स्थिति, आर्थिक स्थिरता हिमाचल, मीडिया रिपोर्ट हिमाचल, राज्य में अस्थिरता For more updates, visit indiatwoday.com.
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