हिमाचल में बोर्ड परीक्षा से पहले SMC शिक्षकों की हड़ताल:पक्का करने की मांग, बोले- अब आश्वासन नहीं चलेगा, 10 हजार पद खाली
हिमाचल प्रदेश में मार्च में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं से पहले एसएमसी शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। शिमला के चौड़ा मैदान में धरने पर बैठे शिक्षकों ने कहा कि अब आश्वासनों से काम नहीं चलेगा। प्रदेश में करीब 12 सालों से नियमितीकरण की मांग कर रहे 2400 एसएमसी शिक्षकों का कहना है कि उनका संयम का बांध टूट गया है। एसएमसी शिक्षक संघ के प्रवक्ता निर्मल ठाकुर ने बताया कि दूरदराज क्षेत्रों में करीब 200 स्कूल एसएमसी शिक्षकों के सहारे चल रहे हैं। शिक्षक संघ के अनुसार प्रदेश में शिक्षकों के 10 हजार पद खाली हैं। संघ ने सरकार को पहले ही अल्टीमेटम दिया था। प्रवक्ता ने कहा कि कागजी कार्रवाई में अब और समय बर्बाद नहीं किया जा सकता। शिक्षक समयबद्ध विभागीय नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही हड़ताल से वापस लौटेंगे। 4 मार्च से हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होनी है।

हिमाचल में बोर्ड परीक्षा से पहले SMC शिक्षकों की हड़ताल
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर से हड़कंप मचा हुआ है। SMC (School Management Committee) शिक्षकों ने बोर्ड परीक्षा से ठीक पहले अपनी मांगें पूरी करने के लिए हड़ताल का ऐलान किया है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें स्थायी नियुक्ति दी जाए, अन्यथा वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। उनकी इस हड़ताल से छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं प्रभावित हो सकती हैं, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में और भी अव्यवस्था उत्पन्न होने की संभावना है।
SMC शिक्षकों की प्रमुख मांगें
SMC शिक्षकों का मुख्य मांग पत्र स्थायी सेवाओं को सुनिश्चित करने के आसपास घूमता है। शिक्षकों ने कहा है कि वे अब केवल आश्वासन पर विश्वास नहीं करेंगे, और उन्हें कार्रवाई की मांग है। शिक्षकों के अनुसार, राज्य में तकरीबन 10,000 पद खाली हैं, जिनमें उन्हें भरने की आवश्यकता है। इस स्थिति ने शिक्षा विभाग को चुनौती दी है और सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
हड़ताल का प्रभाव
SMC शिक्षकों की हड़ताल का सीधा असर छात्रों पर पड़ेगा, क्योंकि आगामी बोर्ड परीक्षा के लिए निरंतर शिक्षण आवश्यक है। यदि समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो छात्रों की परीक्षा की तैयारी एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
सरकारी प्रतिक्रिया
आंदोलन को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग इस मुद्दे को हल करने के लिए गंभीर विचार कर रहे हैं। हालांकि, सीधी बातचीत और समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।
निष्कर्ष
इस स्थिति को देखते हुए, उम्मीद की जा रही है कि सरकार SMC शिक्षकों की मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी। इसके साथ ही, यह आवश्यक है कि शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।
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