जमीन विवाद में दो पक्षों में खूनी संघर्ष:हरदोई में लाठी-डंडे चले, महिला समेत 11 लोग घायल, पुलिस ने संभाला मोर्चा
हरदोई जिले के अरवल थाना क्षेत्र में चकरोड की जमीन को लेकर दो पक्षों में हिंसक झड़प हो गई। टिलिया घटवासा गांव में शुक्रवार को हुई इस घटना में दोनों पक्षों से चले लाठी-डंडों से 11 लोग घायल हो गए। एक पक्ष के प्रेमचंद्र का आरोप है कि भुनुका पक्ष के अवधेश, महावीर, संजीव और शशिकांत उनके घर में घुसकर अभद्रता करने लगे। विरोध करने पर उन्होंने मारपीट की। इस हमले में प्रेमचंद्र, रजनी, आदर्श, आलोक, प्रेमा और शिवानी घायल हुए। वहीं भुनुका पक्ष का कहना है कि प्रेमचंद्र के समर्थकों ने विवादित जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। विरोध करने पर उन्होंने गाली-गलौज के साथ हमला कर दिया। इस हमले में भुनुका, शशिकांत, प्रवीण और विमला को चोटें आईं। ग्रामीणों के मुताबिक एक दिन पहले भी पुलिस मौके पर आई थी। लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसी कारण अगले दिन दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को हरपालपुर सीएचसी में भर्ती कराया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और स्थिति को नियंत्रण में ले लिया है।

जमीन विवाद में दो पक्षों में खूनी संघर्ष: हरदोई में लाठी-डंडे चले, महिला समेत 11 लोग घायल, पुलिस ने संभाला मोर्चा
हरदोई जिले में एक भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हो गया। सोमवार की सुबह यह घटना सामने आई, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला किया। इस संघर्ष में एक महिला सहित 11 लोग घायल हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों के बीच भूमि स्वामित्व को लेकर पुरानी बैठकें और तनाव का माहौल था, जो अंततः हिंसा में बदल गया।
घटना की संक्षिप्त जानकारी
स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह संघर्ष हरदोई के एक छोटे से गाँव में हुआ, जहाँ दोनों पक्षों के बीच जान-माल का नुकसान हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि फायरिंग की कोई सूचना नहीं है, लेकिन लाठी-डंडों के इस्तेमाल ने स्थिति को बेहद गंभीर बना दिया। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
पुलिस कार्रवाई और सुरक्षा उपाय
घटनास्थल पर पुलिस पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच शुरू की गई है और जांच के दौरान दोनों पक्षों के प्रमुख लोगों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही क्षेत्र में सुरक्षात्मक कदम उठाए गए हैं ताकि दोबारा ऐसा कोई विवाद न हो।
समुदाय की प्रतिक्रियाएँ
इस घटना पर स्थानीय समुदाय में भारी चिंता व्यक्त की जा रही है। नागरिकों का कहना है कि भूमि विवाद संबंधी मामले में अदालत की मदद ली जानी चाहिए थी, इसके बजाय हिंसा का राह अपनाया गया। कई लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और उचित कार्रवाई करे।
आगे की कार्रवाई
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने गाँव में गश्त बढ़ा दी है। अभी के लिए, दोनों पक्षों के बीच शांतिवार्ता की संभावना को खारिज नहीं किया गया है। इससे पहले भी ऐसे मामलों में बातचीत से समाधान निकालने की कोशिश की गई थी। घटनाक्रम की उचित जानकारी के लिए पुलिस ने दुर्घटना क्षेत्र का निरीक्षण किया और बहाल हालात की समीक्षा की।
समुदाय के नेताओं का कहना है कि इस तरह की घटनाएँ समाज के लिए घातक होती हैं और हमें एकजुट होकर समाधान निकालना होगा। उचित संवाद के माध्यम से ही हम हिंसा से बचने में सफल हो सकते हैं।
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