जिस मैट पर पीएम मोदी ने किया योग, उसकी डिमांड:करोड़ों में पहुंचा योग मैट का कारोबार; महिलाओं ने नौकरी छोड़ शुरू किए स्टार्टअप्स

उत्तर प्रदेश के खादी महोत्सव में पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस मैट पर योग किया था, उसकी डिमांड सबसे अधिक है। लखनऊ में चल रहे खादी महोत्सव में पहुंची महिलाओं ने उस मैट का स्टार्टअप शुरू किया है। अब यह स्टार्टअप करोड़ों का टर्नओवर कर रहा है। यह महिलाएं न सिर्फ अपने परिवार को संभाल रही हैं, बल्कि आसपास की महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन रही हैं। कई महिलाओं को इस उद्योग से जोड़कर आत्मनिर्भर बना रही हैं। बिजनेस वुमन बनने के लिए मोटिवेट कर रही हैं। पहले देखें खादी महोत्सव की तस्वीरें... योग मैट का करोड़ों रुपए का कारोबार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस मैट पर योग किया था, उसका कारोबार करोड़ों में पहुंच चुका है। खादी महोत्सव में मुरादाबाद से पहुंचे शाहिद खान बताते हैं कि वर्ष 2019 में मैसूर में आयोजित 'योग दिवस' पर अवध युवा कल्याण ग्रामोद्योग संस्थान की तरफ से 500 मैट की सप्लाई दी गई थी, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग किया था। इसके बाद से योग मैट की डिमांड काफी अधिक बढ़ गई। उनका कहना है कि साल 1993 में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की स्थापना की गई थी। संस्थान सूत और सूती कपड़े पर ही काम करता है। यहां पर 3000 महिलाएं कताई करती हैं। 1,500 बुनकर कपड़े की बुनाई से जुड़े हैं। इसके साथ ही कुल करीब 4 हजार की संख्या में लोगों को रोजगार मिला है। शाहिद बताते हैं कि बाजार में हैंडलूम के सामान मिलते हैं, जबकि उनके यहां सूत का सामान मिलता है। प्राइवेट नौकरी छोड़ शुरू किया बिजनेस लखनऊ की रहने वाली अर्चना पांडेय ने प्राइवेट नौकरी छोड़कर अपना कारोबार शुरू किया है। उनका कहना है कि Appreals Inc नाम से अपने ब्रांड की शुरुआत की है। इसमें हैंडीक्रॉफ्ट, बुटीक और आर्टिफिशियल ज्वेलरी, सिल्क के कपड़े सहित अन्य सामान मिलते हैं। उनका कहना है कि 2022 तक प्राइवेट जॉब करते थे। इसके बाद नौकरी छोड़ कर अपना काम शुरू किया है। 20 से अधिक महिलाओं को रोजगार दिया है। महिला समूह बनाकर भी एक सफल स्टार्टअप का संचालन कर रहे हैं। टीचर की जॉब छोड़कर किया बिजनेस किरण पांडेय ने बताया कि तबीयत खराब होने के बाद टीचर की नौकरी छोड़ दी और अपना बिजनेस शुरू किया। फाइनेंशियल बैकअप नहीं था तो 5 लाख रुपए का लोन लेकर काम शुरू किया। 1 मार्च 2023 से शुरुआत हुई है। कोलकाता के तात की साड़ी हमारा स्पेशल प्रोडक्ट है। चिकनकारी जूतियां लोगों को खूब भा रहीं साक्षी सक्सेना बताती हैं कि खादी और शिल्क बेस्ड जूतियां बनाई जा रहीं। यह ब्रांड कीर्ति नाम से है। जूतियों में चिकनकारी भी की जाती है । उनका कहना है कि हम महिलाओं के लिए काम करना चाहते हैं। इसी एप्रोच के साथ में यह काम शुरू किया गया है। उनका कहना है कि यह काम गांव की लड़कियां कर रही हैं। स्टार्टअप शुरू करने पर वह कहती हैं। उनकी बुआ सुमिता कामथान को को यह आइडिया आया था। इसके बाद इस काम को शुरू किया गया है। यह नई ऐज ग्रुप की लड़कियों में खूब पसंद की जा रही है। ....................................... यह भी पढ़ें चीन के उत्पादों में जहर मिलता है:लखनऊ में CM योगी बोले- खादी अपनाएं, नीति बनाकर 3 लाख 90 हजार को रोजगार दिया लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा–चीन के उत्पादों में जहर मिलाता था। उत्पाद बनाने में बदमाशी करते थे। चीन गणपति और लक्ष्मी की मूर्ति देता था। ऐसा केमिकल बनाता था कि लोग बीमार हो जाते थे। लेकिन प्रधानमंत्री के आने के बाद 6-7 साल में यह बदला है। वे इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश खादी महोत्सव की शुरुआत करने पहुंचे थे। उनके साथ खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री राकेश कुमार सचान और प्रमुख सलाहकार अवनीश अवस्थी ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। यह भी पढ़ें...

Jan 12, 2025 - 12:10
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जिस मैट पर पीएम मोदी ने किया योग, उसकी डिमांड:करोड़ों में पहुंचा योग मैट का कारोबार; महिलाओं ने नौकरी छोड़ शुरू किए स्टार्टअप्स
उत्तर प्रदेश के खादी महोत्सव में पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस मैट पर योग किया था, उसकी डिमांड सबसे अधि

जिस मैट पर पीएम मोदी ने किया योग, उसकी डिमांड: करोड़ों में पहुंचा योग मैट का कारोबार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण योग सत्र में भाग लिया, जिसमें उन्होंने एक विशेष योग मैट का उपयोग किया। इस घटना के बाद, उस मैट की मांग आसमान छू गई है, और इसका कारोबार करोड़ों रुपये में पहुंच गया है। यह घटना न केवल योग के प्रति बढ़ती जागरूकता का प्रतीक है, बल्कि उद्यमिता के नए रास्तों को भी खोल रही है।

महिलाओं का योगदान और उद्यमिता

इस बढ़ती डिमांड का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि कई महिलाएं अब इस क्षेत्र में खुद के स्टार्टअप्स शुरू कर रही हैं। कोविड-19 महामारी के बाद, जब महिलाएं नौकरी छोड़ने को मजबूर हुईं, तब उन्होंने योग मैट बनाने और उनकी बिक्री के लिए व्यवसाय स्थापित करने का निर्णय लिया। यह न केवल उनके लिए आय का स्रोत बना, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम था।

योग मैट कारोबार का अध्यान

योग मैट का कारोबार अब भारतीय बाजार में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है। कई स्टार्टअप्स ने उच्च गुणवत्ता वाले योग मैट बनाने की दिशा में कार्य करना शुरू किया है ताकि वे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक ग्राहकों की जरूरतों को पूरा कर सकें। यह कारोबार न केवल फिटनेस प्रेमियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि एक स्थायी जीवनशैली को अपनाने के प्रति लोगों को प्रेरित भी कर रहा है।

आगे की संभावनाएं

जिस मैट पर पीएम मोदी ने योग किया, उसकी लोकप्रियता को देखते हुए, भविष्य में इस क्षेत्र में विशेष नवाचार और विस्तारण की उम्मीद की जा सकती है। योगासनों को ध्यान में रखते हुए, अधिक कस्टमाईज़ेशन और हाई-टेक फीचर्स जैसी चीजें भी बाजार में देखने को मिल सकती हैं। ऐसे में, जो लोग इस निश्चित क्षेत्र में निवेश करने का सोच रहे हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर है।

समापन करते हुए, यह स्पष्ट है कि योग मैट का कारोबार न केवल आर्थिक रूप से बढ़ा है, बल्कि यह उद्यमिता और महिला सशक्तिकरण के लिए भी कई अवसर उत्पन्न कर रहा है।

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