बिजनौर में वकीलों का विरोध प्रदर्शन:एडवोकेट संशोधन बिल 2025 का विरोध, बोले- स्वतंत्रता छीनी जा रही
बिजनौर में बार एसोसिएशन के बैनर तले वकीलों ने एडवोकेट संशोधन बिल 2025 का विरोध किया। दर्जनों वकीलों ने कलेक्ट्रेट और धामपुर तहसील पहुंचकर प्रदर्शन किया। उन्होंने डीएम बिजनौर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष यशपाल सिंह ने कहा कि सरकार ने हठधर्मिता दिखाते हुए काला कानून पास कर दिया है। उन्होंने कहा कि एडवोकेट अमेंडमेंट एक्ट से वकीलों की स्वतंत्रता छीनी जा रही है। वकील अब खुलकर वकालत नहीं कर सकेंगे। आगे भी जारी रहेगा आंदोलन वकीलों की प्रमुख मांग है कि केंद्र सरकार एडवोकेट संशोधन बिल 2025 को तत्काल वापस ले। साथ ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को जल्द लागू किया जाए। यशपाल सिंह ने चेतावनी दी कि जब तक सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती, आंदोलन जारी रहेगा। धामपुर में भी वकीलों ने इस बिल के विरोध में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।

विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य
बिजनौर में वकीलों का एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ है, जिसमें वकीलों ने एडवोकेट संशोधन बिल 2025 के खिलाफ आवाज उठाई है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह बिल उनके अधिकारों को छीनने का काम कर रहा है। वकीलों ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से कानूनी पेशे के प्रति जो स्वतंत्रता और स्वायत्तता है, उसे गंभीर खतरा हो सकता है।
बिल के विवादास्पद प्रावधान
एडवोकेट संशोधन बिल 2025 में कुछ ऐसे प्रावधान शामिल हैं, जिनका वकीलों के पेशेवर जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। प्रदर्शनकारी वकीलों ने इस बदलाव को न्यायालयीन प्रणाली में हस्तक्षेप के रूप में देखा है, जिसके चलते उन्होंने इसकी कड़ी निंदा की है।
प्रदर्शन के मूल कारण
वकीलों का कहना है कि यह बिल उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य न केवल बिल के खिलाफ आवाज उठाना है, बल्कि वकीलों के अधिकारों की रक्षा करना भी है। वकीलों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि यह बिल लागू होता है, तो यह न केवल उन्हें नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि समग्र न्याय व्यवस्था को भी प्रभावित करेगा।
जनता का समर्थन
वकीलों के इस आंदोलन को जनता का भी समर्थन प्राप्त हो रहा है। विभिन्न सामाजिक संगठनों और समूहों ने इस प्रदर्शन में भाग लिया और वकीलों की मांगों को सही ठहराया। जनता का मानना है कि अगर वकील सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो न्यायालयीन प्रणाली भी खतरे में पड़ेगी।
आगे की रणनीतियाँ
वकील अब इस विरोध को और अधिक संगठित करने की योजना बना रहे हैं। वे अपने मुद्दों को उठाने के लिए अन्य शहरों में भी प्रदर्शन करने का विचार कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, वकील विधायकों और राजनीतिक नेताओं के साथ बैठकें करके अपने विरोध का विस्तार करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
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