महायोजना का किसानों ने किया विरोध:देवरिया में किसानों ने निकाला मार्च, बोले- जमीन छिनने से भुखमरी का खतरा
देवरिया में महायोजना 2031 के विरोध में किसानों ने बुधवार को जोरदार प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में एकत्रित किसानों ने सदर ब्लॉक कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक विरोध मार्च निकाला और जिलाधिकारी दिव्या मित्तल को ज्ञापन सौंपा। किसानों का मुख्य विरोध महायोजना में उनकी खेती योग्य भूमि को पार्क में बदलने के प्रस्ताव को लेकर है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पहले से ही मनरेगा के तहत खेल मैदान और पार्क बना हुआ है, इसलिए नए पार्क की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने चिंता जताई कि अगर खेती की जमीन छिन गई तो उनके परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो जाएगी। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि इससे पहले भी सदर ब्लॉक और कुष्ठाश्रम के निर्माण के लिए गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। परसिया अहीर और चक रामचन्द्र के ग्रामीण भटवलिया चौराहे से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। प्रदर्शन में फणीश्वर नाथ तिवारी, संदीप तिवारी, संचिता तिवारी, तरुणसेन गौतम, मानसेन गौतम, अमर नाथ तिवारी, आकाश कुमार, अंकित मिश्र, बसंत तिवारी और धनेश्वर तिवारी सहित सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे।

महायोजना का किसानों ने किया विरोध
News by indiatwoday.com
देवरिया में किसानों का मार्च
हाल ही में, देवरिया में किसानों ने महायोजना के खिलाफ एक विशाल मार्च निकाला। इस March में हजारों किसान एकत्रित हुए, जो अपनी जमीनों के छिनने की संभावनाओं के प्रति गहरी चिंता व्यक्त कर रहे थे। किसानों का कहना है कि यदि उनकी जमीनें छीनी गईं, तो इससे उन्हें भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है। यह मुद्दा न केवल देवरिया, बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है।
आंदोलन का उद्देश्य
किसानों का यह आंदोलन महायोजना के खिलाफ एक सामूहिक विरोध था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उन्हें अपनी आजीविका और भविष्य की चिंता सता रही है। उनका कहना है कि कृषि भूमि की रक्षा के बिना, उनके जीवनयापन का कोई उपाय नहीं रह जाएगा। किसान नेताओं ने सरकार से मांग की है कि इस योजना पर तत्काल पुनर्विचार किया जाए, ताकि उनकी जमीनें संरक्षित रह सकें।
समुदाय की प्रतिक्रिया
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान, स्थानीय समुदाय ने भी किसानों के साथ एकजुटता दिखाई। कई नागरिकों ने किसानों को समर्थन देने के लिए मार्च में हिस्सा लिया। यह साफ है कि किसानों की समस्या सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की चिंता है।
भविश्य के लिए चिंताएं
किसानों ने इस बात की भी चिंता व्यक्त की है कि यदि उनकी भूस्वामित्व के अधिकारों का उल्लंघन किया गया, तो लंबे समय में यह उनके जीवन पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को किसानों के नजरिये को समझने के लिए संवाद कायम करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
महायोजना का विरोध केवल देवरिया में ही नहीं, बल्कि अन्य स्थानों पर भी देखा जा सकता है। यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि किसानों की जिंदगी और भविष्य से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। किसानों की आवाज को सुनना सरकार का कर्तव्य है, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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